अडानी पर लगे घूस देने के आरोप तो कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा, SEBI को भी लपेटा
Adani US Case: अरबपति गौतम अडानी पर अरबों डॉलर की कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर लिखा है कि अडानी समूह से जुड़े विभिन्न घोटालों की JPC से जांच कराने की उनकी मांग सही साबित हुई है.
अडानी समूह के मुखिया और अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) पर अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस पार्टी (Congress Party on Adani) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (X) पर पोस्ट करते हुआ लिखा कि अडानी की जांच होगी तो हर कड़ी नरेंद्र मोदी से जुड़ेगी. वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने लिखा कि अडानी समूह से जुड़े विभिन्न घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) से जांच कराने की उसकी मांग सही साबित हुई है. महुआ मोइत्रा, संजय सिंह और प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई नेताओं ने अडानी और मोदी सरकार को घेरा है.
अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने 20 नवंबर को इस कथित फ्रॉड में अडानी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. अधिकारियों ने बताया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित 7 अन्य वरिष्ठ व्यावसायिक अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. आरोप हैं कि इन लोगों ने सौर ऊर्जा से जुड़े सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (21 अरब रुपये) से अधिक की रिश्वत देने का वादा किया था. इस मामले में न्यूयॉर्क में इन लोगों पर आरोप तय कर दिए गए हैं.
‘मोदी अडानी को बचाने में लगे हैं’कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा,
‘प्रधानमंत्री और अडानी के बीच अंतरंग सांठगांठ’“आरोप है कि अडानी ने अमेरिका में कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए 2,200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. जब इस मामले की जांच होने लगी तो जांच रोकने की साजिश भी रची गई. अब अमेरिका में अडानी के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ है. अजीब बात है... कांग्रेस लगातार अडानी और उससे जुड़े घपलों की जांच की बात कह रही है, लेकिन नरेंद्र मोदी पूरी ताकत से अडानी को बचाने में लगे हैं. वजह साफ है- अडानी की जांच होगी तो हर कड़ी नरेंद्र मोदी से जुड़ेगी.”
कांग्रेस महासचिव जयराम नरेश ने लिखा कि अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) की कार्रवाई से SEBI पर भी सवाल उठते हैं. उन्होंने लिखा,
विपक्ष ने जमकर की सरकार की आलोचना"कांग्रेस ने हम अडानी के हैं (HAHK) सीरीज में सैकड़ों सवाल पूछे थे, जिसमें इन घोटालों के विभिन्न आयामों और प्रधानमंत्री और उनके पसंदीदा व्यवसायी के बीच चल रही सांठगांठ को उजागर किया गया था. इन सवालों के जवाब नहीं दिए गए. SEC की तरफ से गौतम अडानी और अन्य पर आरोप लगाना, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से जनवरी 2023 से अलग-अलग ‘मोदानी’ घोटालों की JPC से जांच कराने की मांग को सही साबित करता है.”
आप सांसद संजय सिंह ने अडानी को घेरते हुए कहा-
“अडानी समूह ने भारत को बदनाम किया है. यह बहुत गंभीर मामला है. भारत के प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और इसका जवाब देना चाहिए.”
विपक्ष द्वारा JPC के द्वारा जांच कराए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि संसद सत्र शुरू हो रहा है, हम बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.
वहीं, रिश्वत मामले में गौतम अडानी पर लगे आरोपों पर शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा-
"आरोप साबित हो चुके हैं और दोषसिद्धि हुई है. बेहतर होता कि हमारी जांच एजेंसियां भी रिपोर्ट आने पर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करतीं. SEBI अभी तक उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं कर पाई है. कहा जा रहा है कि उन्होंने (गौतम अडानी ने) अनुबंध पाने के लिए सरकारी अधिकारियों पर लाखों और करोड़ों रुपये खर्च किए. यह हमारे देश की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है. एक उद्योगपति के कारण हमारी प्रतिष्ठा खोना दुर्भाग्यपूर्ण है."
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वहीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर निशाना साधते हुए एक्स पर पोस्ट किया,
“गुड मॉर्निंग सुश्री माधबी, ‘अडानी बुच के खिलाफ कोई सबूत नहीं’. गुड मॉर्निंग रीढ़विहीन और समझौतावादी सेबी.”
इधर, इस पूरे मामले पर अभी तक अडानी समूह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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