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Claudia Goldin को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार, महिलाओं के योगदान पर तैयार की थी रिपोर्ट

मार्केट में महिलाओं के कामकाज और उनके योगदान को बेहतर तरह से समझाने के लिए दिया गया नोबेल पुरस्कार.

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claudia goldin wins economics nobel for research in understanding women labor market
नोबेल कमेटी ने लेबर मार्केट में गोल्डिन की रिसर्च को बेहतरीन माना है. (फोटो- ट्विटर)
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प्रशांत सिंह
9 अक्तूबर 2023 (Published: 18:01 IST)
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अमेरिका की क्लाउडिया गोल्डिन (Claudia Goldin) को इकोनॉमिक्स का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize Economics 2023) दिया गया है. गोल्डिन को मार्केट में महिलाओं के कामकाज और उनके योगदान को बेहतर तरह से समझाने के लिए ये सम्मान दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोबेल कमेटी ने लेबर मार्केट में गोल्डिन की रिसर्च को बेहतरीन माना है. लेबर मार्केट रिसर्च में महिलाओं के साथ हो रहे पक्षपात और उनकी कमाई को लेकर गोल्डिन ने रिसर्च किया है. उन्होंने 200 साल के आंकड़ों को स्टडी कर ये रिपोर्ट तैयार की है. इसमें उन्होंने बताया कि जेंडर का रोजगार और कमाई पर क्या असर पड़ता है.

क्लॉडिया गोल्डिन द्वारा किए गए रिसर्च के मुताबिक मार्केट में महिलाओं के योगदान में सीधी बढ़ोतरी नहीं देखी गई है. शुरुआती दौर में इसमें गिरावट देखी गई और अब बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जैसे-जैसे समाज उद्योग की तरफ बढ़ा, मार्केट में शादीशुदा महिलाओं के योगदान में कमी देखी गई. रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि 20वीं सदी में महिलाओं ने पुरुषों से बेहतर एजुकेशन हासिल की.

साल 2022 इकोनॉमिक्स नोबेल

साल 2022 में इकोनॉमिक्स का नोबेल बैंकिंग सेक्टर के तीन एक्सपर्ट इकोनॉमिस्ट को मिला था. ये पुरस्कार बेन बेर्नाक, डगलस डायमंड और फिलिप डिविग को दिया गया था. तीनों ने आर्थिक मंदी के दौर में बैंकिंग सेक्टर को बेहतर करने पर रिसर्च किया था. साथ ही मानवता को बचाने के बेहतर तरीकों पर भी अध्ययन किया.    

2023 नोबेल शांति पुरस्कार

इससे पहले 6 अक्टूबर को नोबेल कमेटी ने शांति पुरस्कार की घोषणा की थी. ईरान की जेल बंद एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है. उन्हें ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए ये सम्मान दिया गया है.  

नरगिस मोहम्मदी फिज़ीक्स की स्टूडेंट रही हैं. अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने इंजीनियर के तौर पर काम किया. साथ ही वो कई अखबारों के लिए आर्टिकल भी लिखती रहीं. 2003 में तेहरान के ‘हिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर’ से जुड़ीं. इस संगठन को नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी ने शुरू किया था.

(ये भी पढ़ें: ईरान की इस महिला को नोबेल शांति पुरस्कार मिला, जेल में क्यों बंद हैं नरगिस मोहम्मदी?)

वीडियो: 'PM मोदी नोबेल शांति पुरस्कार के दावेदार', समिति के डिप्टी लीडर ने क्या असलियत बताई?

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