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रंजन गोगोई ने संविधान की मूल संरचना पर उठाया था सवाल, CJI चंद्रचूड़ ने क्या 'जवाब' दिया?

पूर्व CJI गोगोई के कहने का मतलब था कि भारतीय संविधान के बुनियादी ढांचे में जो बातें कही गई हैं, वे एक विवादास्पद कानून व्यवस्था पर आधारित हैं.

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CJI Chandrachud replied on Ranjan Gogoi's remark over Delhi Amendment bill in Rajya Sabha.
कपिल सिब्बल ने 370 हटाने के मामले में पूर्व CJI गोगोई के बयान का ज़िक्र किया था. (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)
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प्रज्ञा
9 अगस्त 2023 (Updated: 9 अगस्त 2023, 12:19 IST)
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भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि एक बार जस्टिस का पद छोड़ने के बाद कोई कुछ भी कहे, वो केवल एक राय है. और इस राय को मानना ज़रूरी नहीं है. CJI चंद्रचूड़ पूर्व  CJI और मौजूदा राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई के बयान पर टिप्पणी कर रहे थे. गोगोई ने संविधान की मूल संरचना पर सवाल उठाए थे.

रंजन गोगोई ने ये बयान राज्यसभा में 7 अगस्त को दिया था. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक का समर्थन करते हुए कहा था,

“केशवानंद भारती मामले पर पूर्व सॉलिसिटर जनरल टी. आर. अंध्यारुजिना की एक किताब है. इस किताब को पढ़ने के बाद, मुझे लगता है कि भारत के संविधान की मूल संरचना का सिद्धांत बहुत ही विवादास्पद न्यायशास्त्र पर आधारित है. मैं इस बारे में ज़्यादा कुछ नहीं कहूंगा.”

पूर्व CJI गोगोई के कहने का मतलब था कि भारतीय संविधान के बुनियादी ढांचे में जो बातें कही गई हैं, वे एक विवादास्पद कानून व्यवस्था पर आधारित हैं. 

कोर्ट में हुई बहस

दरअसल, 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में बहस चल रही थी. इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता मोहम्मद अकबर लोन की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए. लोन ने सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इसके ज़रिए जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्ज़ा मिला हुआ था.

सिब्बल ने अपना तर्क रखते हुए कहा,

"केंद्र सरकार ने जिस तरह जम्मू और कश्मीर को मिलने वाला विशेष दर्ज़ा खत्म कर दिया, उसे किसी भी तरह ठीक नहीं कहा जा सकता. जब तक कि कोई नया न्यायशास्त्र न लाया जाए."

कपिल सिब्बल ने बिना पूर्व CJI रंजन गोगोई का नाम लेते हुए आगे कहा,

"अब तो आपके एक सम्मानित सहकर्मी ने कहा भी है कि असल में बुनियादी ढांचे का सिद्धांत ही संदिग्ध है."

सिब्बल की इस दलील पर CJI चंद्रचूड़ ने कहा,

"जब आप किसी सहकर्मी का ज़िक्र करते हैं तो आपको हमारे साथ अभी काम करने वाले शख्स की बात करनी होगी. जब हम जस्टिस नहीं रह जाते, फिर हम जो भी कहें, वो केवल एक राय है. उसे मानना ज़रूरी नहीं है."

बार एंड बेंच ने ट्वीट कर इस बहस की जानकारी दी. 

इधर, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सिब्बल को टोकते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही पर कोर्ट में चर्चा नहीं की जा सकती. संसद, कोर्ट की बहसों पर चर्चा नहीं करती. उन्होंने कहा कि सिब्बल ये बात यहां कर रहे हैं क्योंकि वो कल संसद में नहीं थे. उन्हें संसद में जवाब देना चाहिए था.

इससे पहले, पूर्व CJI रंजन गोगोई को मार्च 2020 में राज्यसभा के सदस्य के लिए नामित किया गया था. वे नवंबर 2019 में CJI के पद से रिटायर हुए थे. उन्होंने 7 अगस्त को राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया.

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