चंद्रबाबू नायडू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, 371 करोड़ का घोटाला खुला कैसे?
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और TDP चीफ Chandrababu Naidu को Skill development Scam में CID ने अरेस्ट किया है. अब तक क्या-क्या पता चला?
स्किल डेवलपमेंट घोटाले (Skill development scam) में गिरफ्तार हुए आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. खबर है कि न्यायिक हिरासत में भी पूछताछ के लिए CID को अदालत से अनुमति लेनी होगी. TDP अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू को 371 करोड़ रुपये के इस घोटाले में मुख्य आरोपी बनाया गया है. खबर है कि TDP अब हाईकोर्ट का रुख करेगी.
चंद्रबाबू नायडू को 9 सितंबर को अरेस्ट किया गया था. अगली सुबह उन्हें थर्ड एडिशनल सेशन जज की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अदालत में पेश किया गया. CID के वकीलों ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी. वहीं नायडू के वकीलों ने रिमांड खारिज करने की अर्जी दाखिल की.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पक्षों की दलीलें खत्म होने के छह घंटे बाद शाम को अदालत ने फैसला सुनाया और नायडू को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया. आदेश के बाद नायडू को विजयवाड़ा से 200 किलोमीटर दूर राजमुंदरी सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
चंद्रबाबू नायडू ने क्या दलीलें दी?चंद्रबाबू नायडू की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ लूथरा और अन्य वरिष्ठ वकीलों की एक टीम पेश हुई. उन्होंने तर्क दिया कि नायडू को मामले में झूठा फंसाया गया है. दावा किया कि CID ने नायडू पर जांच करने के लिए राज्यपाल से मंजूरी नहीं ली है, जो जरूरी है. उन्होंने कहा कि कथित अपराध नायडू के CM कार्यकाल में कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसलों से जुड़ा है.
वकील ने कहा कि शिकायत और रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक पैसों की हेराफेरी में नायडू की कोई भूमिका नहीं है और 9 दिसंबर, 2021 को दर्ज की गई FIR में भी ऐसा कोई आरोप नहीं था. उन्होंने कहा कि अगर फंड का कोई दुरुपयोग होता है तो इससे अलग तरीके से निपटा जाना चाहिए ना कि पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाकर.
TDP के वरिष्ठ प्रवक्ता के पट्टाभिराम ने अखबार को बताया कि नायडू कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ 11 सितंबर को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अपील करेंगे. इस बीच TDP के समर्थकों ने हैदराबाद के KBR पार्क में चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी का पुतला भी जलाया. बाद में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया.
कैसे हुआ खुलासा?मार्च 2021 में CM YS जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश की विधानसभा में कहा था कि स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन एक घोटाला था और नायडू इस घोटाले के मुख्य अपराधी और लाभार्थी थे. शुरुआती जांच के बाद CID ने 9 दिसंबर, 2021 को FIR दर्ज कर जांच शुरू की. CID के मुताबिक, नायडू कथित घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता और योजना के प्रमुख प्रस्तावक थे. उन्होंने कथित तौर पर पब्लिक फंड को निजी संस्थाओं को शिफ्ट करने में मदद की. CID की FIR के आधार पर ED भी इस मामले की जांच कर रही है.
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