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भीख मांगने वालों को डेढ़ लाख दे रहा ये 'स्टार्टअप', पैसा देने वालों को कमाकर भी देता है!

भीख मांगने वालों को अपने पैरों पर खड़ा कर रहा है स्टार्टअप.

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Chandra Mishra startup that turns beggars into entrepreneur success story
भीख मांगने वाले एक व्यक्ति के लिए डेढ़ लाख रुपये की जरूरत होती है. (फोटो: GNT)
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ज्योति जोशी
7 अप्रैल 2023 (Updated: 7 अप्रैल 2023, 12:14 IST)
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एक कंपनी है जो भीख मांगने वालों को आंत्रप्रेन्योर बना रही है. कंपनी का नाम है Beggar's Corporation. ये कंपनी डोनेशन नहीं इन्वेस्टमेंट मांगती है. भीख मांगने वालों को खाना-कपड़े नहीं देती, बल्कि उन्हें रोजगार कमाने में सक्षम बनाती है. कंपनी में कुछ पैसे इन्वेस्ट करने पर अच्छा खासा रिटर्न मिलता है. ये अनोखा आइडिया अब तक 16 गरीब परिवारों की जिंदगी बदल चुका है.

कंपनी के फाउंडर हैं चंद्र मिश्रा. मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले चंद्र एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और दो दशकों से भी ज्यादा समय से समाज के लिए काम कर रहे हैं. उनकी ये कंपनी पिछले साल ही बनी है. प्रोग्राम के तहत भीख मांगने वालों को ट्रेनिंग दी जाती है. उनके काम को आगे बढ़ाया जाता है. इसके लिए वो लोगों से इन्वेस्टमेंट के तौर पर पैसे लेते हैं.

कैसे काम करती है कंपनी?

- भीख मांगने वाले एक व्यक्ति के लिए मात्र डेढ़ लाख रुपये की जरूरत होती है.

- डेढ़ लाख में से 50 हजार रुपये भीख मांगने वाले व्यक्ति को तीन महीने की स्किल ट्रेनिंग देने और रीलोकेट करने में खर्च किए जाते हैं.

- बाकी बचे एक लाख रुपये उसे अपना रोजगार शुरू करने के लिए दिए जाते हैं.

- समय आने पर इन्वेस्टरों को प्रॉफिट के साथ पैसा लौटाया जाता है.

GNT से जुड़ीं निशा डागर तंवर की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्र मिश्रा अब तक भीख मांगने वाले 14 लोगों को उद्यमी बना चुके हैं. इनमें से 12 लोग और उनके परिवार चंद्र मिश्रा के साथ बैग इत्यादि बनाने का काम कर रहे हैं तो दो परिवारों ने मंदिरों के पास अपनी पूजा-सामग्री और फूल की दुकान खोली है.

कैसे हुई शुरुआत?

दिसंबर 2020 में चंद्र मिश्रा पहली बार वाराणसी गए थे. उन्होंने देखा कि घाट से लेकर मंदिरों तक हर जगह भीख मांगने वाले कई लोग हैं. वो उनके रोजगार पर काम करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने लोकल NGO और वगैरह से संपर्क भी किया. लेकिन तब वो किसी भीख मांगने वाले को खुद के साथ काम करने के लिए नहीं मना पाए. 2021 में दूसरे लॉकडाउन के दौरान बहुत से भीख मांगने वालों ने मदद के लिए उन्हें संपर्क किया.

अगस्त, 2021 में एक महिला ने उनके साथ काम शुरू किया. वो अपने बच्चे के साथ घाट पर भीख मांगती थी क्योंकि उसके पति ने उसे घर से निकाल दिया था. मिश्रा ने महिला को बैग बनाने की ट्रेनिंग दिलवाई और फिर काम भी दिया. इन बैग्स को उन्होंने एक कॉन्फ्रेंस तक पहुंचाया, जहां लोगों के ये काफी पसंद आए.

जनवरी 2022 में उन्होंने अपने साथी, बद्रीनाथ मिश्रा और देवेंद्र थापा के साथ मिलकर Beggar's Corporation की स्थापना की थी और अगस्त 2022 में इसे 'फॉर प्रॉफिट कंपनी' के रूप में रजिस्टर किया. चंद्र मिश्रा ने GNT के साथ बातचीत में बताया,

हमने जिन लोगों से पैसे लिए थे उन्हें छह महीने में 16.5 % ROI (Return on Investment) के साथ पैसे लौटाए. हमने सोचा नहीं था कि हम ऐसा कर सकेंगे. हमें डोनेशन नहीं इन्वेस्टमेंट चाहिए थी.  

बता दें, चंद्र मिश्रा ने Beggar's Corporation के साथ-साथ School of Life भी शुरू किया है. ये भीख मांगने वाले बच्चों के लिए है. उन बच्चों को पढ़ने का मौका मिल रहा है. साथ ही उन्हें लाइफ-स्किल्स सिखाई जाती है, ताकि वो आगे चलकर कुछ बन सकें और अपने पैरों पर खड़े हो सकें. 

वीडियो: राजस्थान को भिखारी मुक्त प्रदेश बनाने की कवायद के दौरान सामने आई ये सचाई

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