कुछ दिन पहले की बात है. आरिफ और सारस की दोस्ती के किस्से हर तरफ छाए हुए थे. बाइकपर आरिफ और साथ में उड़ता सारस. खबरें छपीं, इंटरव्यू हुए टीवी से लेकर यूट्यूब तकआरिफ और सारस की दोस्ती की दास्तानें सुनाई गईं. लेकिन आरिफ को सारस से इसी दोस्तीकी कीमत अब चुकानी पड़ रही है. आरिफ के खिलाफ वन विभाग ने मुकदमा दर्ज किया है.यूपी के गौरीगंज रेंज के वन विभाग अधिकारी ने आरिफ के नाम नोटिस जारी किया है. केसदर्ज करने की जानकारी देते हुए वन विभाग ने आरिफ से 2 अप्रैल तक अपना बयान दर्जकराने को कहा है. नोटिस में बताया गया है कि आरिफ ने वन्यजीवन संरक्षण अधिनियम,1972 का उल्लंघन किया है, और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.दरअसल, सारस यूपी का राजकीय पक्षी है. बताया जाता है कि किसी भी संरक्षित पक्षी याजानवर को रखना ग़ैरक़ानूनी है. उसे खिलाना पिलाना भी ग़ैरक़ानूनी है.सारस अब कहां है?25 मार्च को ये खबर आई थी कि सारस को कानपुर के चिड़ियाघर में ले जाया गया है. सारसका नया ठिकाना अब यही रहेगा. अखिलेश यादव ने भी सारस को कानपुर के चिड़ियाघर लेजाने पर ट्वीट किया था.आरिफ को सारस कैसे मिला था?अमेठी की गौरीगंज तहसील के जोधपुर मंडखा गांव के रहने वाले आरिफ को करीब साल भरपहले खेत में सारस मिला था. सारस के पैर में चोट लगी थी. सारस को आरिफ अपने घर लेआए थे. उन्होंने घर पर ही सारस का इलाज किया. इलाज के दौरान आरिफ ने सारस को घर काबना खाना जैसे- दाल-चावल, सब्जी रोटी खिलाई. इस तरह दोनों के बीच दोस्ती हो गई.आरिफ ने बताया कि चोट ठीक होने के बाद उन्होंने सारस को आजाद कर दिया. मगर सारस कोआरिफ का साथ भा गया था. आरिफ के मुताबिक दिन में सारस उड़कर जंगल और खेतों में चलाजाता था, लेकिन शाम होने पर वो वापस उनके घर आ जाता था.लेकिन कहानी में मोड़ तब आया जब 21 मार्च को वन विभाग के अधिकारियों ने आरिफ सेसारस को ले लिया. फिर वो उसे समसपुर पक्षी विहार ले गए. आरिफ के मुताबिक वन-विभागवालों का कहना था कि वो सारस की अच्छी देखभाल नहीं कर पाएंगे, इसलिए उसे अपने साथले जा रहे हैं.इसके बाद खबर आई की सारस गायब हो गया है. इसके बाद सारस समसपुर पक्षी विहार से कुछदूर बिसईया गांव में मिला और उसे वापस पक्षी विहार लाया गया. ताज़ा खबर यही है किसारस कानपुर के चिड़ियाघर में है और आरिफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.