इंडिया छोड़िये, ट्रूडो को तो कनाडा की मीडिया ने भी रगड़ दिया
G20 समिट में भारत आए कनाडा के प्रधानमंत्री के लिए ये दौरा खास नहीं रहा. फिर प्लेन भी खराब हो गया तो मीडिया ने मौज ले ली.
G20 समिट के लिए भारत आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो दो दिन दिल्ली में फंसे रहे. उन्हें समिट खत्म होने के बाद 10 सितंबर की रात को ही कनाडा लौटना था. हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया. प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई और ट्रूडो का प्लान टेकऑफ नहीं कर पाया. कनाडा की वायुसेना ने अपने प्रधानमंत्री को लेने एक CC 150 पोलैरिस विमान भी रवाना किया, लेकिन उसे लंदन डायवर्ट कर दिया गया. 12 सितंबर को जाकर जब ट्रूडो का प्लेन दुरुस्त हो पाया, तब जाकर वो कनाडा के लिए निकले. और ट्रूडो कनाडा पहुंचे भी नहीं थे कि कनाडा में प्रेस ने ट्रूडो पर निशाना साधना शुरू कर दिया. वजह ये कि एक तो ट्रूडो का ये भारत दौरा कुछ खास नहीं रहा और दूसरा विमान में खराबी के कारण दो दिन की देर भी हो गई.
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कनाडा की मीडिया ने ट्रूडो के विमान CC-150 पोलैरिस पर खबरें छापीं, जिसका इस्तेमाल लगभग 40 सालों से किया जा रहा है. इसमें आ रही समस्याएं गिनाई गईं और साथ ही उन मौकों की बात की गई, जब इन विमान में खराबी के कारण सरकारी दौरा प्रभावित हुआ.
कनाडा के नेशनल पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया,
ट्रूडो अपनी अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के दौरान आमतौर पर CC-150 पोलैरिस 15001 विमान का इस्तेमाल करते हैं. इसे 1980 के दशक के आखिर में कनाडा की वार्डेयर (Wardair) एयरलाइन ने ऑर्डर किया था. ये 1990 के दशक की शुरुआत में रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स द्वारा खरीदे गए पांच सिविलियन एयरबस A310-300 एयरलाइनरों में से एक है. पांच विमानों के इस बेड़े का इस्तेमाल 2027 में बंद किया जा सकता है.
टोरंटो स्टार की रिपोर्ट में बताया गया कि CC-150 पोलारिस विमानों में हाल के वर्षों में कई दिक्कतें आई हैं. इसीलिए इन्हें बदलने की तैयारी है. अक्टूबर 2016 में ट्रू़डो के एयरक्राफ्ट ने बेल्जियम के लिए उड़ान भरी थी, तकनीकी खराबी की वजह से उसे बीच में ही वापस लौटना पड़ा था. 2019 में जब ट्रूडो नाटो के समिट में शामिल होने यूरोप गए थे, तब भी उनके एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई थी.
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इस बीच कनाडा की मीडिया में ट्रूडो के इस दौरे को भी 'नाकाम' बताया गया. द टोरंटो सन ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा,
प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2018 में ट्रूडो की पहली भारत यात्रा पूरी तरह से एक डिज़ास्टर थी, जिसमें एक दोषी करार दिए आतंकवादी को अपने साथ डिनर के लिए आमंत्रित करना भी शामिल था. इस बार ट्रूडो G20 में गए और भारत के साथ संबंधों को और भी खराब कर दिया, साथ ही कनाडा को प्रमुख सहयोगियों से भी दूर कर दिया.
एक तस्वीर भी चर्चा में है जिसमें G20 सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ट्रूडो के चेहरे की तरफ़ उंगली करते हुए नज़र आ रहे हैं. इस तस्वीर पर रिपोर्ट में लिखा गया कि तस्वीर में ना ट्रूडो खुश दिखाई दे रहे हैं और ना ही अमेरिकी राष्ट्रपति. दोनों तनाव में दिख रहे हैं और ऐसा लग रहा है जैसे बाइडन ट्रूडो को लेक्चर दे रहे हैं.
वहीं कनाडा के PM ट्रूडो और भारत के PM मोदी के बीच आधिकारिक अभिवादन पर रिपोर्ट में लिखा गया,
PM ट्रूडो अधिकारिक अभिवादन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने के दौरान अपना हाथ छुड़ाते हुए भी लगे. ट्रूडो से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने हंसकर इस बात को टालने की कोशिश की. लेकिन इससे साफ है कि कोई मसला था.
कनाडा की मीडिया और वहां के विपक्षी नेताओं का ये भी कहना है कि G20 समिट में भारत और अन्य देशों ने जस्टिन ट्रूडो को नज़रअंदाज किया. कनाडा के मुख्य विपक्षी नेता और विपक्ष के PM उम्मीदवार पियरे पोइलिवरे ने ट्विटर पर टोरंटो सन के फ्रंट पेज को शेयर किया. उन्होंने लिखा,
‘’पार्टी पॉलिटिक्स एक तरफ, किसी को भी कनाडाई प्रधानमंत्री को बाकी दुनिया द्वारा बार-बार अपमानित होते देखना पसंद नहीं है.''
टोरंटो सन ने PM मोदी के साथ कनाडा के PM ट्रूडो की तस्वीर छापी थी. इसका टाइटल दिया गया...'दिस वे आउट'. अखबार ने जो तस्वीर छापी, उसमें PM मोदी कनाडाई PM से हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं. साथ ही ट्रूडो को आगे बढ़ने के लिए इशारा कर रहे हैं. लेकिन अखबार की हेडलाइन का संकेत है - बाहर का रास्ता इधर से.
वीडियो: दुनियादारी: G20 सम्मेलन के पीछे मोदी ने ट्रूडो को सुना दिया, कनाडा की मीडिया में क्या छप गया?