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"पल्स चेक करना अपराध नहीं"- बृजभूषण शरण सिंह ने अपने बचाव में और क्या कहा?

WFI के पूर्व अध्यक्ष और BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने कहा है कि शरण खिलाड़ियों की सांस और पल्स रेट चेक किया करते थे. और बिना यौन इरादे के लिए पल्स रेट की जांच करना अपराध नही हैं. शरण पर चल रहे महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में हो रही है.

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Brijbhushan Sharan Singh's lawyer argued checking pulse rate without sexual intent is not an offence.
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दायर की है. (फोटो क्रेडिट - फेसबुक)
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प्रज्ञा
17 अक्तूबर 2023 (Updated: 17 अक्तूबर 2023, 14:38 IST)
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बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Sharan Singh) के वकील राजीव मोहन ने कहा है कि बिना किसी यौन इरादे के पल्स रेट की जांच करना कोई अपराध नहीं है. वे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर चल रहे यौन उत्पीड़न के मामले पर दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में दलील दे रहे थे. इस मामले की सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर को बृजभूषण शरण सिंह दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट पहुंचे थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजीव मोहन ने 16 अक्टूबर को कहा कि शरण पर लगे आरोपों का कोई आधार नहीं है. बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है. इस मामले में उनके वकील ने एक महिला पहलवान के बयान का जिक्र किया. इसमें कहा गया था कि शरण कभी किसी को गलत तरह से नहीं छूते थे.

ये भी पढ़ें- बृजभूषण शरण सिंह पर FIR दर्ज, POCSO एक्ट भी लगा

राजीव मोहन ने कहा कि शरण खिलाड़ियों की सांस और पल्स रेट की जांच किया करते थे. उन्होंने दलील दी कि बिना किसी यौन इरादे के पल्स देखना कोई अपराध नहीं है. कुश्ती संघ के ऑफिस में हुए कथित उत्पीड़न पर बृजभूषण शरण ने कहा कि उन्होंने कभी किसी को अपने ऑफिस नहीं बुलाया. शिकायतकर्ता खुद उनसे मिलने पहुंची थीं.

ओवरसाइट कमेटी को लेकर अलग-अलग पक्ष

राजीव मोहन ने आगे कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक ओवरसाइट कमेटी भी बनी थी. बृजभूषण शरण सिंह समिति के सामने पेश हुए थे. उन्होंने अपना पक्ष भी रखा था. समिति ने शरण को दोषी नहीं पाया है. जबकि पहलवानों की वकील रेबेका जॉन ने कहा कि जांच समिति ने शरण को क्लीन चिट नहीं दी थी. बल्कि उसकी रिपोर्ट में दोनों पक्षों को खुश करने की कोशिश की गई थी.

राजीव मोहन ने ये भी कहा कि पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर इसलिए आरोप लगाए हैं क्योंकि वे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थीं. उन्होंने कहा कि शरण पर लगे सभी आरोप झूठे हैं. लगभग सभी शिकायतकर्ताओं ने अपने बयान भी बदले हैं.

ये भी पढ़ें- फंस गए बृजभूषण शरण सिंह?

इस मामले में WFI के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर भी आरोपी हैं. दोनों आरोपियों पर 7 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इससे पहले बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के साथ ही कई पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कई दिनों तक धरना दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी. 

वीडियो: 'कौन काटेगा मेरा टिकट...' बोल बृजभूषण शरण सिंह ने किसे चेतावनी दे दी?

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