ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे ने जीता बुकर अवार्ड, स्पेस स्टेशन पर आधारित किताब के लिए मिला सम्मान
Booker Prize 2024: ब्रिटिश लेखिका Samantha Harvey ने Orbital को Covid-19 के समय लिखना शुरू किया था. पुरस्कार की घोषणा करने वाले पैनल के अध्यक्ष ने किताब को लेकर क्या कहा?
ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे को उनके उपन्यास 'ऑर्बिटल' के लिए 2024 का बुकर पुरस्कार दिया गया है. उनका उपन्यास इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर आधारित है. जो पृथ्वी की सुंदरता और नाजुकता के बारे में बताता है. हार्वे को 50,000 पाउंड यानी लगभग 53.7 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया.
‘आर्बिटल’ को सामंथा हार्वे ने कोविड-19 महामारी के लॉकडाउन के दौरान लिखना शुरू किया था. उस उपन्यास के पात्र एक दिन के दौरान 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्तों से गुजरते हैं. ये एक दूसरे की संगति में फंस जाते हैं और दुनिया के लगातार बदलते दृश्यों से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.
इंटरनेशनल न्यूज़ एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक़, सामंथा हार्वे ने बुकर पुरस्कार मिलने पर कहा,
वो सभी लोग जो शांति के पक्ष में बोलते हैं, आह्वान करते हैं और इसके लिए काम करते हैं - ये आपके लिए है. जो पृथ्वी के पक्ष में बोलते हैं, उसके ख़िलाफ़ नहीं. मनुष्यों, अन्य जीवों की गरिमा के पक्ष में बोलते हैं, उसके ख़िलाफ़ नहीं.
सामंथा हार्वे ने अंतरिक्ष यात्रियों की किताबें पढ़कर और अंतरिक्ष स्टेशन के लाइव कैमरे को देखकर अपने उपन्यास पर शोध किया. वो अपनी किताब के बारे में बताती हैं,
अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखना एक बच्चे के आईने में देखने जैसा है और पहली बार उसे एहसास होता है कि आईने में दिखने वाला व्यक्ति वो खुद है. हम पृथ्वी के साथ जो करते हैं, वही हम ख़ुद के साथ करते हैं. उपन्यास वास्तव में जलवायु परिवर्तन के बारे में नहीं है, लेकिन पृथ्वी के दृष्टिकोण में मानव-निर्मित जलवायु परिवर्तन का तथ्य निहित है.
लेखक और कलाकार एडमंड डी वाल ने पांच सदस्यीय उस पैनल की अध्यक्षता की, जिसने सामंथा को बुकर पुरस्कार दिया गया है. उन्होंने ‘ऑर्बिटल’ को एक चमत्कारी उपन्यास कहा, जो ‘हमारी दुनिया को हमारे लिए अजीब और नया बनाता है.’ बुकर पुरस्कार फाउंडेशन की चीफ़ एग्जीक्युटीव गैबी वुड ने भी किताब की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक संकट के वर्ष में - जो संभवतः इतिहास का सबसे गर्म वर्ष होगा - इस किताब का प्राइज जीतना आशापूर्ण और समयानुकूल है.
ये भी पढ़ें - किताब लिखकर कैसे कमाएं 50 लाख रुपये, ये रहा तरीका!
Booker Prize को लेकर क्यों होती है इतनी चर्चा?बुकर अंग्रेजी साहित्य की दुनिया में एक बड़ा पुरस्कार माना जाता है. पिछले पांच दशक से फिक्शन माने, कल्पना वाले साहित्य में ये अवॉर्ड दिया जाता है. मसलन, उपन्यास. इस अवॉर्ड की वजह से फिक्शन की किताबों को पढ़ने वालों में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है. हर साल ये अवॉर्ड अंग्रेजी में लिखे गए एक बढ़िया काम को दिया जाता है. हालांकि, मूल भाषा कोई भी हो सकती है, बस उसका अनुवाद अंग्रेजी में होना चाहिए. शर्त ये भी है कि किताब यूके और आयरलैंड से ही छपी हो.
वीडियो: बुकर प्राइज़ जीतने वालीं गीतांजलि श्री ने 'टूम ऑफ सैंड' के अनुवाद की ये कहानी सुना दी!