The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • booker prize 2023 won by proph...

'आत्मा झकझोरने वाला'... आयरिश लेखक पॉल लिंच को 'प्रोफेट सॉन्ग' के लिए मिला बुकर प्राइज

ये उपन्यास उस काल्पनिक आयरलैंड की कहानी दिखाता है, जहां की सरकार फासीवादी शासन की तरफ बढ़ती जा रही है और लोकतांत्रिक मूल्य खत्म होते जा रहे हैं. पॉल लिंच को बुकर प्राइज के रूप में करीब 52 लाख रुपये भी मिलेंगे. प्रोफेट सॉन्ग उनका पांचवा उपन्यास है.

Advertisement
Prophet Song a Novel by Irish writer Paul Lynch won Booker Prize 2023.
बुकर प्राइज 2023 की सेरेमनी में आयरलैंड के लेखक पॉल लिंच अपने उपन्यास प्रोफेट सॉन्ग के साथ. (फोटो क्रेडिट - एपी)
pic
प्रज्ञा
27 नवंबर 2023 (Published: 11:44 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

2023 का बुकर प्राइज आयरलैंड के लेखक पॉल लिंच ने जीत लिया (Paul Lynch Booker Prize) है. 'प्रोफेट सॉन्ग' नाम के उनके उपन्यास (Prophet Song) को ये पुरस्कार मिला. ये उनका लिखा हुआ पांचवा उपन्यास है. साथ ही, वे बुकर प्राइज जीतने वाले पांचवे आयरिश लेखक बन गए हैं. ये उपन्यास उस काल्पनिक आयरलैंड की कहानी दिखाता है, जहां की सरकार फासीवादी शासन की तरफ बढ़ती जा रही है और लोकतांत्रिक मूल्य खत्म होते जा रहे हैं.

बुकर प्राइज हैंडल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा गया,

"2023 का बुकर प्राइज प्रोफेट सॉन्ग ने जीता. इसे पॉल लिंच ने लिखा है."

ये भी पढ़ें- बुकर प्राइज जीतने वाले को पइसा कितना मिलता है?

बुकर प्राइज की एक रिपोर्ट के अनुसार इसके जजिंग पैनल के अध्यक्ष ईसी एडुग्यान ने प्रोफेट सॉन्ग के बारे में कहा,

"दरवाजे पर पहली दस्तक के साथ ही प्रोफेट सॉन्ग हमें अपनी आत्मसंतुष्टि से बाहर निकलने के लिए मजबूर करता है. ये ऐसे आयरलैंड की कहानी है, जहां फासीवाद का शासन बढ़ता जा रहा है. यहां एक महिला अपने परिवार की रक्षा करने की कोशिश कर रही है. हम शुरू से ही इस उपन्यास में अस्थिर महसूस करने लगते हैं. लेखक लिंच की बनाई गई क्लौस्ट्रफोबिक दुनिया (जहां इंसान का दम घुटता हो) में पूरी तरह डूब जाते हैं. उसकी परेशानियों से परेशान रहते हैं."

'आत्मा को झकझोर देने वाला उपन्यास'

ईसी एडुग्यान आगे बोले,  

"प्रोफेट सॉन्ग उपन्यास हमारे आज के समय की सामाजिक और राजनीतिक चिंताओं को बड़े ही साफ तौर पर दिखाता है. पाठकों को ये उपन्यास आत्मा को झकझोर देने वाला और सच्चा लगेगा. वे इसकी चेतावनियों को भूल नहीं पाएंगे."

ये भी पढ़ें- 'मैं धूप, बारिश, बर्फ़ के लिए तैयार थी, बुकर के लिए नहीं'

पॉल लिंच ने अपने उपन्यास के बारे में कहा कि इसे लिखना आसान नहीं था. उन्होंने कहा,

"मेरे अंदर का तर्कसंगत हिस्सा मुझसे कह रहा था कि मैं ये किताब लिखकर अपना करियर खत्म कर लूंगा. लेकिन फिर भी मुझे ये किताब लिखनी थी. इन मामलों में हमारे पास कोई विकल्प नहीं होता. मेरे लेखन ने मुझे बचा लिया है."

वहीं, क्रिटिक एमी वॉश ने ऑब्जर्वर में लिखी इस उपन्यास की समीक्षा में बताया,

"लिंच का ये उपन्यास युद्धग्रस्त देशों की सच्चाई को दिखाता है. यहां शरणार्थियों को बचने के लिए समुद्री रास्तों से भागना पड़ता है. प्रोफेट सॉन्ग फिलिस्तीन, यूक्रेन और सीरिया में हिंसा और युद्धग्रस्त देशों से भागने वाले सभी लोगों के अनुभवों को दिखाता है."

कौन हैं पॉल लिंच?

पॉल लिंच का जन्म 1977 में पश्चिमी आयरलैंड के लीमेरिक नाम के शहर में हुआ था. वे डोनेगल में पढ़े-बढ़े. फिलहाल वे आयरलैंड की राजधानी डबलिन में रहते हैं. पॉल लिंच आयरलैंड के संडे ट्रिब्यून नाम के अखबार में लगातार सिनेमा पर लिखते रहे हैं. वे 2007 से 2011 तक इसके मुख्य फिल्म समीक्षक भी रहे.

ये भी पढ़ें- कैसे शुरू हुआ नोबेल प्राइज़?

पॉल लिंच ने अभी तक पांच उपन्यास लिखे हैं. प्रोफेट सॉन्ग से पहले लिंच बियॉन्ड द सी, ग्रेस, द ब्लैक स्नो और रेड स्काई इन मॉर्निंग नाम के उपन्यास लिख चुके हैं. पॉल लिंच को बुकर प्राइज के रूप में करीब 52 लाख रुपये भी मिलेंगे.

वीडियो: बुकर प्राइज़ जीतने वालीं गीतांजलि श्री ने 'टूम ऑफ सैंड' के अनुवाद की ये कहानी सुना दी!

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement