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Blinkit, Zepto और Swiggy के खिलाफ जांच की मांग, डिस्काउंट को लेकर बड़े आरोप लगे हैं

AICPDF ने Blinkit, Swiggy और Zepto के खिलाफ CCI को एक पत्र लिखा है. जिसमें भारी डिस्काउंट पर सामान बेचने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है.

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Blinkit Swiggy Zepto Predatory Pricing Distributors Seek Probe
ब्लिंकिट, स्विगी, जेप्टो के खिलाफ जांच की मांग (फोटो: PTI)
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रविराज भारद्वाज
21 अक्तूबर 2024 (Published: 09:08 IST)
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10 मिनट में सामान की डिलीवरी करने वाली क्विक कॉर्मस कंपनियों (Quick commerce Company) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. भारत के खुदरा वितरकों के सबसे बड़े समूह ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन (AICPDF) ने ब्लिंकिट (Blinkit), स्विगी (Swiggy) और ज़ेप्टो (Zepto)  के खिलाफ एक पत्र लिखा है. ये लेटर कॉम्पिटिशन कमीशन (CCI) को लिखा गया है, जिसमें भारी डिस्काउंट पर सामान बेचने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गई है.

न्यूज एजेंसी Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पत्र 18 अक्टूबर को लिखा गया. शिकायत की गई कि ये कंपनियां सामान पर भारी डिस्काउंट दे रही हैं. साथ ही ग्राहकों को लुभाने के लिए लागत से भी कम दाम पर प्रोडक्ट्स बेच रही हैं, जिससे ट्रेडिशनल रिटेल ऑपरेशंस को नुकसान हो रहा है. AICPDF ने  इस बात को लेकर चिंता जताई गई है कि कई कंज्यूमर गुड्स कंपनियां सीधे तौर पर इन क्विक कॉमर्स कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर रही हैं. इस वजह से उन पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूटर्स को नजरअंदाज किया जा रहा है, जो अब तक किसी भी प्रोडक्ट को मैन्युफैक्चरर्स से रिटेलर्स तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते आए हैं. लेटर में ये भी कहा गया है कि इस वजह से पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं के लिए कॉम्पिटिशन में रहना असंभव हो गया है. 

ये भी पढ़ें: सब्जी के साथ फ्री धनिया को 'संवैधानिक हक' समझने वालों की बड़ी जीत, Blinkit ने की घोषणा

AICPDF ने पारंपरिक डिस्ट्रीब्यूटर्स और छोटे रिटेलर्स के हितों की रक्षा के लिए CCI से सुरक्षात्मक उपाय लागू करने की मांग की है. दरअसल, ये क्विक कॉमर्स कंपनियां महज 10 मिनट में ग्राहकों के घर तक सामान पहुंचाने का दावा करते है. CCI को लिखे गए लेटर में कहा गया है कि डिलीवरी का यह क्विक मॉडल न सिर्फ ग्राहकों की आदतों को बदल रहा है, बल्कि Amazon जैसी कई बड़ी कॉमर्स कंपनियों के लिए भी मुश्किलें पैदा कर रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, कॉम्पिटिशन कमीशन ने अब तक ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन की अपील को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जबकि इस सिलसिले में ब्लिंकिट, स्विगी और जेप्टो को भी ईमेल भेजे गए, जिनका कोई जवाब नहीं मिला है. बताते चलें कि रिसर्च फर्म डेटम इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन क्विक कॉमर्स कंपनियों की वार्षिक बिक्री साल 2024 में 6 बिलियन डॉलर (लगभग 50 हजार करोड़ रुपये) से अधिक होने वाली है. इसमें सबसे ज्यादा 40 फीसदी की हिस्सेदारी Blinkit की रहने वाली है. जबकि Swiggy और Zepto की हिस्सेदारी लगभग 30-30 फीसदी तक रह सकती है.

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