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'पिता सरकारों को कंट्रोल करते थे, बेटा पार्टी तक कंट्रोल नहीं कर सका'

उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद बीजेपी के नेताओं का मुंबई पहुंचना शुरू हो गया है. साथ ही शुरू हो गया प्रतिक्रियाओं का दौर.

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Uddhav Thackeray
उद्धव ठाकरे (तस्वीर- Twitter@OfficeofUT से साभार है.)
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दुष्यंत कुमार
29 जून 2022 (Updated: 29 जून 2022, 11:55 PM IST) कॉमेंट्स
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महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे की बड़ी जीत हुई है. महा विकास अघाडी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. इसके साथ ही बीजेपी में जश्न शुरू हो चुका है. कहा जा रहा है कि अब देवेंद्र फडणवीस नए मुख्यमंत्री होंगे. 1 जुलाई को उनके मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

बुधवार 29 जून को रात 9 बजे सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश आया. इसमें उसने 30 जून को सुबह 11 बजे महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया. लेकिन उससे पहले ही उद्धव ठाकरे ने सीएम पद छोड़ने का ऐलान कर दिया. इसके बाद से बीजेपी के नेताओं का मुंबई पहुंचना शुरू हो गया है. साथ ही शुरू हो गया प्रतिक्रियाओं का दौर.

कौन क्या बोला?

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा,

"उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ एक अनैतिक गठबंधन बनाकर मुख्यमंत्री पद ही नहीं खोया बल्कि बालासाहेब की प्रतिष्ठा को भी बर्बाद कर दिया. लेकिन महा विकास अघाडी का गिरना शरद पवार की प्रतिष्ठा के लिए ज्यादा बड़ा नुकसान है, जो खुद को गठबंधन का आर्किटेक्ट समझ रहे थे."

एक दूसरे ट्वीट में अमित मालवीय ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे एक ऐसी शख्सियत थे जो सत्ता में ना रहते हुए भी सरकारों को कंट्रोल कर सकते थे, जबकि उनका बेटा सत्ता में रहते हुए अपनी पार्टी को भी कंट्रोल नहीं कर सका.

वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने उद्धव के इस्तीफे पर तंज कसा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

"मैं श्री उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा देने के फैसले का स्वागत करता हूं. वे जानते थे कि उन्होंने बहुमत उसी दिन खो दिया था, जब श्री एकनाथ शिंदे ने हिंदुत्व से गद्दारी करने के लिए उनके खिलाफ बगावत की थी."

बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने भी उद्धव ठाकरे पर हमला बोला. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

"उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में जनता के फैसले का अपमान किया था. इसलिए ये तो होना ही था. खुशी है कि जनता के फैसले के अपमान का सबक मिला है."

महाराष्ट्र के कई निर्दलीय विधायक भी इस लड़ाई में एकनाथ शिंदे के साथ दिखाई दिए हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक एक निर्दलीय विधायक रवि राणा ने उद्धव के इस्तीफे के बाद कहा,

“मुख्यमंत्री को इस्तीफा पहले ही देना चाहिए था. उनकी बंद मुट्ठी में भी जो ताकत थी वो खुल गई है, जहां हिंदुत्व के विचार छोड़कर कांग्रेस के विचारों पर CM चल रहे थे. एकनाथ शिंदे गुट ने बालासाहेब के विचारों पर कायम रखने के लिए विद्रोह किया है.”

प्रतिक्रियाएं महा विकास अघाडी के नेताओं और समर्थकों की तरफ से भी आईं. शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा,

"मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अत्यंत शालीनता से पदत्याग किया. हमने एक संवेदनशील, सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया. इतिहास गवाह है कि धोखाधड़ी का अंत अच्छा नहीं होता. ठाकरे जीते. यह शिवसेना की शानदार जीत की शुरुआत है. लाठियां खाएंगे, जेल जाएंगे, पर बालासाहेब की शिवसेना को दहकती रखेंगे!"

संजय राउत ने कहा कि उनकी सरकार गिरी है, लेकिन वे शिवसेना को जिंदा रखेंगे, उसे उनसे कोई नहीं छीन सकता.

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ वो एक स्थायी सरकार में विश्वास रखने वालों को झटका देने वाला है. उन्होंने लिखा,

“इस पूरे घटनाक्रम की वजह से मतदाताओं की पसंद का मजाक बना है. कार्यकाल के बीच में ही पार्टी में विद्रोह कर सरकार बदलना दिखाता है कि आज के लोकतांत्रिक परिदृश्य में पैसे और बाहुबल से वोट की ताकत को हराया जा सकता है.”

इसके अलावा सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि आज के घटनाक्रम के बाद भारत के लोकतंत्र पर लगा ‘काला दाग और बड़ा हो गया है’. उन्होंने ट्वीट किया,

"गोवा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और अब महाराष्ट्र. सरकारों पर कब्जा करने के लिए सरकारी मशीनरी का बेशर्म तरीके से दुरुपयोग हो रहा है, राष्ट्रीय संपत्तियों को लूटा जा रहा है, केंद्रीय एजेंसियों और पैसे की बेहिसाब ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है."

तमाम प्रतिक्रियाओं के बीच खबर ये भी है कि देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के बागी विधायकों के साथ बातचीत की है. ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बागी कैंप के लीडर और विधायक एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाते हैं. उधर बीजेपी महासचिव सीटी रवि भी देर रात तक महाराष्ट्र पहुंचेंगे. उन्हें पार्टी हाईकमान के निर्देश पर ही मुंबई भेजा जा रहा है. उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद रवि पहले ही संकेत दे चुके हैं देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अगले सीएम हो सकते हैं.

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