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लखीमपुर खीरी कांड पर बोले अजय मिश्रा, चुनावी जीत ने कलंक को धो दिया

इस मामले में अजय मिश्रा का बेटा मुख्य आरोपी है.

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भाजपा सांसद अजय मिश्रा टेनी (बाएं) और लखीमपुर कांड में आरोपी आशीष मिश्रा (दाएं) (फोटो: आजतक)
27 मार्च 2022 (Updated: 27 मार्च 2022, 14:17 IST)
Updated: 27 मार्च 2022 14:17 IST
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पिछले साल लखीमपुर खीरी कांड (lakhimpur Khiri) चर्चा का विषय बना हुआ था. इसमें भाजपा सांसद अजय मिश्रा 'टेनी' (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) मुख्य आरोपी हैं. इस मामले को विपक्ष ने चुनावी मुद्दा बना दिया था. लेकिन बीते विधानसभा चुनावों में लखीमपुर जिले में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है. पार्टी ने जिले की सभी विधानसभा सीटें अपने नाम कर लीं. बीजेपी की इसी जीत पर अजय मिश्रा का बयान सामने आया है, जिसमें वो कहते नजर आ रहे हैं कि भाजपा की जीत से उनके ऊपर लगा कलंक धुल गया है. 'जीत ने विरोधियों की हवा निकाल दी' दरअसल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के गांव बनवारीपुर में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया था. इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे आशीष मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. वहां पर 'टेनी' ने ऐसा बयान दे दिया, जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक टेनी ने कहा,
"लखीमपुर शब्द जब भी टीवी, अखबारों में आता था, तो सबसे पहले हमारी शक्ल उनके सामने आती थी. ऐसी स्थिति में ये चुनाव बड़ा महत्वपूर्ण था, लेकिन हमारे क्षेत्र के लोगों ने जिस तरह से इस विधानसभा चुनाव में अपना सहयोग दिया, उसने न केवल हमारे विरोधियों की एकदम हवा निकाल दी बल्कि हमारे समर्थकों के अंदर आत्मविश्वास पैदा किया." "इससे हम पर, हमारे समर्थकों पर लगे कलंक को, आरोपों को चुनाव में धो दिया गया. एक तरफ तो ये चुनौती थी, दूसरी तरफ हमारे जो लोग चुनाव लड़ रहे थे, उन्होंने पांच साल में जो किया था, उसका खामियाजा भी हमें ही भरना था. भरना उन्हें था लेकिन हमारे ऊपर आ गया."
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुए इस कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष को मुख्य अभियुक्त के तौर पर गिरफ्तार किया गया था. विपक्षी दलों ने तिकुनिया कांड मामले को लेकर सरकार को जबरदस्त तरीके से घेरा था और अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग की थी. इस घटना को लेकर किसानों में जबरदस्त नाराजगी भी थी और माना जा रहा था कि बीजेपी को विधानसभा चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. हालांकि, चुनाव परिणाम इसके उलट आए.

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