OCCRP से जुड़ी रिपोर्ट में ऐसा क्या है जिस पर BJP ने राहुल गांधी को 'देशद्रोही' कह दिया?
BJP नेता संबित पात्रा ने फ्रांसीसी मीडिया संस्थान 'मीडियापार्ट' में OCCRP पर आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये सब आरोप लगाए. 2 दिसंबर को छपी इस रिपोर्ट में OCCRP की फंडिंग और पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं.
संसद में कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां गौतम अडानी पर लगे हालिया आरोपों की जांच करने की मांग कर रही हैं. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडानी के खिलाफ जांच नहीं करा सकते. संसद में इस मुद्दे पर गतिरोध जारी है. इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया है कि भारत आगे बढ़े, संसद चले, ये राहुल गांधी नहीं चाहते. बीजेपी ने खोजी पत्रकारों की एक संस्था OCCRP (ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) पर आई एक रिपोर्ट का हवाला देकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है. इसी संस्था ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में गौतम अडानी और उनके समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन और कई तरह की अनियमितताओं के आरोप लगाए थे.
5 दिसंबर को बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी पर कई आरोप लगाए. बीजेपी सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि संसद सत्र से पहले कोई ना कोई अंतरराष्ट्रीय पटल पर ऐसे विषय लाना, जिससे संसद चल ना सके, भारत का नुकसान हो और भारत में उद्योगपति ना पनपे, ये राहुल गांधी की कोशिश है. उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि गांधी परिवार एक ऐसा परिवार है, जो अपनी कुर्सी के लिए देश को बेचने से भी गुरेज नहीं करेगा. उन्होंने राहुल गांधी को "देशद्रोही" तक बता दिया और कहा कि उन्हें ये कहने में कोई संकोच नहीं है.
किस रिपोर्ट के आधार पर BJP भड़की?संबित पात्रा ने फ्रांसीसी मीडिया संस्थान 'मीडियापार्ट' में OCCRP पर आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये सब आरोप लगाए. 2 दिसंबर को छपी इस रिपोर्ट में OCCRP की फंडिंग और पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं. मीडियापार्ट का कहना है कि संस्था को अमेरिकी सरकार की तरफ काफी फंडिंग मिली है. और संस्था की रिपोर्ट फंड देने वालों से "काफी प्रभावित" होती है. इसके अलावा आरोप लगाया गया है कि OCCRP अपने फाइनेंशियल ऑडिट की रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर पब्लिश नहीं करती है.
इस रिपोर्ट में अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस का भी जिक्र है, जिससे OCCRP को फंडिंग मिलती है. हालांकि, 2 दिसंबर को ही OCCRP ने मीडियापार्ट की तरफ से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था. संस्था ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसकी रिपोर्टिंग पर किसी भी डोनर्स का प्रभाव नहीं होता है. ये भी कहा कि वो अपनी वेबसाइट पर ऑडिड रिपोर्ट में फंड देने वालों की जानकारी देती है.
राहुल गांधी पर कई गंभीर आरोपमीडियापार्ट की इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर बीजेपी कह रही है कि OCCRP के 50 से अधिक मीडिया पार्टनर हैं. और वो अपने काम की फंडिंग के लिए अमेरिका में जार्ज सोरोस और "भारत विरोधी" ताकतों पर बड़े पैमाने पर निर्भर हैं. संबित पात्रा ने जॉर्ज सोरोस की संस्था 'ओपन सोसायटी फाउंडेशन' का भी जिक्र किया, जो OCCRP को फंड करता है. ये फाउंडेशन लोकतंत्र, पारदर्शिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले समूहों और व्यक्तियों को फंडिंग करता है.
संबित पात्रा ने आगे कहा,
“अगर किसी संस्थान को 70 प्रतिशत फंडिंग किसी एक सोर्स (ओपन सोसायटी फाउंडेशन) से मिल रहा है, तो वो न्यूट्रल नहीं हो सकता है. OCCRP जॉर्ज सोरोस और डीप स्टेट्स के हित में काम करता है.”
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने OCCRP की रिपोर्टों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को निशाना बनाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस तक किया है. संबित पात्रा ने कहा,
"एक त्रिकोण बना हुआ है. जॉर्ज सोरोस हैं और कुछ अमेरिका स्थित एजेंसियां हैं, खोजी मीडिया प्लेटफॉर्म OCCRP है और राहुल गांधी हैं. इनकी तिकड़ी ने भारत को अस्थिर करने और सत्ता परिवर्तन के लिए असंतोष को भड़काने की कोशिश की."
बीजेपी ने राहुल गांधी की कुछ लोगों के साथ मीटिंग्स का भी जिक्र किया. इसमें एक नाम सलील शेट्टी का लिया गया, जो ओपन सोसायटी फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं. बीजेपी ने दावा किया कि सलील राहुल गांधी के साथ 'भारत जोड़ो यात्रा' में भी देखे गए थे. इसके अलावा, दूसरा नाम बांग्लादेशी पत्रकार मुश्फिकुल फजल अंसारी का है. बीजेपी ने राहुल गांधी के साथ उनकी एक फोटो शेयर करते हुए दावा किया कि मुश्फिकुल OCCRP से जुड़े हैं, जो "भारत विरोधी एजेंडा" फैलाने के लिए जाने जाते हैं. एक और नाम आनंद मंगनले का लिया गया, जिनको लेकर बीजेपी का दावा है कि वे OCCRP के लिए काम करते हैं और कांग्रेस से जुड़े हैं.
संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने जुलाई 2021 में OCCRP की एक रिपोर्ट के बाद सरकार पर हमला बोला था. और कहा था कि ब्राजील ने एक निजी भारतीय कंपनी द्वारा तैयार कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन के लिए 32.4 करोड़ डॉलर का ऑर्डर रद्द कर दिया. पात्रा ने कहा कि यह भारत की छवि खराब करने की कोशिश है जबकि आदेश जून में ही रद्द कर दिया गया था.
पात्रा के मुताबिक, इसी तरह गांधी ने OCCRP की एक रिपोर्ट के बाद पेगासस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा. और मीडिया संस्थानों द्वारा भारतीय बाजारों में शेयरों की कीमत गिराने के उद्देश्य से भारतीय उद्योगपतियों पर हमला किया गया. उन्होंने कहा,
OCCRP के बारे में"OCCRP और राहुल गांधी दो शरीर और एक आत्मा हैं."
OCCRP खोजी पत्रकारों का एक संगठन है. इससे जुड़े 24 गैर-लाभकारी खोजी पत्रकारिता केंद्र यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रिका में फैले हुए हैं. इसकी स्थापना साल 2007 में ड्रिव सुलिवन और पॉल राडू ने की गई थी. OCCRP के मुताबिक़, संगठन की फंडिग जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड द्वारा की जाती है. साल 2007 में OCCRP की स्थापना के बाद से दुनिया भर में वित्तीय अनियमित्ताओं, संदिग्ध लेनलेन और टैक्स चोरी के मामलों में कई खोजी रिपोर्ट इस नेटवर्क ने प्रकाशित की है.
संगठन का दावा है कि उनकी रपटों के जरिए दुनिया भर में 398 से अधिक जांचें हुई हैं, 10 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया है. संगठन के मुताबिक, उसकी खोजी पत्रकारिता के चलते अब तक 702 से अधिक अधिकारियों को इस्तीफा देना पड़ा या उन्हें उनके पदों से निलंबित किया गया है. नेटवर्क की रपटों के आधार पर 620 से अधिक मुक़दमें चलाए गए.
इससे पहले, BJP सांसद निशिकांत दुबे ने भी लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया था. और उनके बयान पर खूब हंगामा हुआ. भाजपा के इन आरोपों पर अभी तक कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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