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बिहार फ्लोर टेस्ट: नीतीश ने साबित किया बहुमत, 129 वोट मिले, तेजस्वी क्यों बोले- 'आप हमारे दशरथ... '

Bihar में Nitish Kumar की अगुवाई में बनी नई सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया है. इस दौरान RJD नेता Tejashwi Yadav ने नीतीश कुमार और BJP पर जमकर हमला बोला. CM ने भी विधानसभा में अपनी बात रखी और 15 साल पुराना शासन याद दिलाया

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Bihar floor test Nitish Vs Tejaswi
नीतीश कुमार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया है. (फाइल फोटो: PTI/इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
12 फ़रवरी 2024 (Updated: 12 फ़रवरी 2024, 16:43 IST)
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बिहार में BJP और JDU के गठबंधन के साथ बनी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की नई सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया है. एनडीए सरकार के पक्ष में 129 वोट पड़े हैं जबकि विपक्ष ने इससे पहले ही सदन से वॉकआउट कर दिया. नई सरकार को BJP और जदयू के अलावा जीतन राम मांझी की ‘हम’ पार्टी और एक निर्दलीय उम्मीदवार सुमित सिंह का भी समर्थन प्राप्त हुआ. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, नीतीश को राजद (RJD) के तीन विधायकों का भी समर्थन मिला है (Nitish Kumar Kumar wins trust vote in Bihar). 

इस दौरान अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद सत्ता पक्ष की तरफ बैठे थे. दोनों राजद से विधायक हैं. इस पर RJD नेता शक्ति यादव ने आरोप लगाया कि दोनों को धमकी दी गई है.

राजद विधायक प्रहलाद यादव के भी खेमा बदलने की खबर आई. इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि सदन के सदस्य जिस दल के हैं उनको मतदान तक अपने ही दल के साथ बैठना होता है.

JDU विधायक संजीव कुमार को नवादा पुलिस ने डिटेन कर लिया था. हालांकि, बाद में उनको सदन पहुंचा दिया गया.

इससे पहले, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का अभिभाषण हुआ. इसके बाद, बिहार विधानसभा के स्पीकर और राजद नेता अवध बिहारी चौधरी को स्पीकर पद से हटाने का प्रस्ताव लाया गया. अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है. ये सूचना तकनीकी रूप से सही है. उन्हें 14 दिन पहले इस बात की जानकारी दी गई थी. इसके बाद उप सभापति महेश्वर हजारी ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया.

स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पास हो गया. लेकिन विपक्ष के हंगामे के बाद वोटों की गिनती की गई. स्पीकर को हटाने के लिए 125 विधायकों ने खड़े होकर वोट किया. वहीं उनको पद पर बनाए रखने के लिए 112 विधायकों ने वोट किया. इसके बाद सदन में फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हुई. तेजस्वी यादव ने कहा,

"हम इस सरकार के विरोध में खड़े हैं. मुख्यमंत्री ने एक ही टर्म में तीन-तीन बार शपथ ली. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ."

उन्होंने आगे कहा,

“हमारे लिए मुख्यमंत्री माननीय थे, माननीय हैं और माननीय रहेंगे. हम आज भी उनको अपना अभिभावक मानते हैं.”

आगे बोले,

“हमने थके हुए मुख्यमंत्री को दौड़ाने का काम किया.”

Tejashwi Yadav बोले- 'आप दशरथ जैसे…'

तेजस्वी यादव ने नीतीश को दशरथ जैसा गार्जियन बताते हुए कहा,

‘हमने हमेशा सम्मान किया है. कई बार इनकी मजबूरियां रही होंगी जैसी राजा दशरथ की थीं कि राम को वनवास भेज दिया. इन्होंने हमको जनता के बीच भेजा है उनका दुख-सुख जानने के लिए.’

उन्होंने नीतीश के पहली बार गठबंधन तोड़ने का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार जब दूर किया तब कहा कि आपके खिलाफ केस है, एक्सप्लेन कर दीजिए. दूसरी बार जब अपनाया तब कहा कि बीजेपी वाले फंसाने का काम करते हैं.

तेजस्वी यादव ने अपनी स्पीच में नीतीश कुमार के एक बयान का जिक्र भी किया. ये बयान उन्होंने बीते महीने सीएम पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद दिया था. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश जी ने गवर्नर से मिलकर आने के बाद कहा था कि वहां (RJD के साथ) मन नहीं लग रहा था. तेजस्वी आगे तंज करते हुए बोले,

‘हमलोग साथ देने के लिए न हैं, नाच-गाना करके आपका मन लगाने के लिए थोड़े हैं. आपने 2020 के चुनाव में नौकरियां देने के हमारे वादे पर कहा था कि अपने घर से लाएंगे क्या? ये तो असंभव है. लेकिन, हमने महागठबंधन की सरकार में इस असंभव को संभव करके दिखाया.’

Nitish Kumar क्या बोले?

कुछ देर बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में पेश विश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया. उन्होंने कहा,

‘2005 से जब काम करने का मौका मिला तब से ये 18वां साल है. मुझे तो आश्चर्य होता है, ये लोग सुनना नहीं चाहते हैं. मैंने 15 साल में कितना काम किया है. बिहार का कितना विकास किया. मुझसे पहले इनके (तेजस्वी यादव के) पिता और माता 15 साल शासन में थे, तो बिहार का क्या हाल था. शाम को कोई घर से नहीं निकलता था.'

आगे बोले,

‘हम सबको एकजुट कर रहे थे (INDIA गठबंधन बना रहे थे), उसमें कुछ हुआ. और फिर हमको पता चला कि कांग्रेस पार्टी भी डर रही है. और इनके पिताजी भी उनके साथ थे. तब हम पुरानी जगह पर आ गए. अब सब दिन के लिये (हमेशा के लिए) आ गए हैं. किसी का नुकसान नहीं करेंगे.’

नीतीश कुमार के भाषण के बाद विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू हुई. इस बीच विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. वोटिंग के नतीजों में NDA गठबंधन की सरकार को 129 वोट मिले. 

Bihar का नंबर गेम

बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 122 का आकंड़ा चाहिए होता है. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास 45 विधानसभा सीटें हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के पास 79, जीतन राम मांझी की HAM पार्टी के पास 4 सीट हैं. इसके अलावा नीतीश को 1 निर्दलीय उम्मीदवार का भी समर्थन प्राप्त है. कुल मिलाकर नीतीश खेमे में 129 विधायक शामिल हैं. 

वहीं विपक्षी दलों के पास 115 का आकंड़ा है. इनमें राष्ट्रीय जनता दल के पास 79, कांग्रेस के पास 19, CPI (ML) के पास 12, CPI(M) के पास 2 और CPI के पास 2 सीटें हैं. इसके अलावा AIMIM के पास भी 1 विधायक है.

ये भी पढ़ें: जॉर्ज फर्नांडिस से लेकर शरद यादव और PK से लेकर ललन सिंह - नीतीश के करीबी गुम क्यों हो जाते हैं?

फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों की बाड़बंदी की भी खबरे आई थीं. पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने सारे विधायकों को अपने घर पर ही बुला लिया था. इस बीच उनके आवास पर पुलिस भी पहुंची थी. कहा गया कि पुलिस को विधायक चेतन आनंद की किडनैपिंग की शिकायत मिली थी. हालांकि, चेतन आनंद ने पुलिस को बताया कि वो वहां अपनी मर्जी से हैं. जिसके बाद पुलिस वापस लौट गई. हालांकि बाद में उन्हें बाहर जाने दिया गया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 12 फरवरी की सुबह चेतन आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी.

वीडियो: नेतानगरी: नीतीश को कैसे मिला फिर NDA का साथ, क्यों हेमंत सोरेन की पत्नी नहीं बन पाईं CM?

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