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बिहार के कई जिले अब भी जलमग्न, नेपाल में बारिश थमने के चलते जगी राहत की उम्मीद

Nepal में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश थम गई है. जिसके चलते बाढ़ से जूझ रहे North Bihar को राहत मिलने की उम्मीद है. इससे पहले Bihar में कई नदियों पर तटबंध के टूटने की खबरें सामने आईं थीं. जिसकी वजह से राज्य के कई जिले जलमग्न हो गए हैं.

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बिहार को बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद है. ( इंडिया टुडे)
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रोहित कुमार सिंह
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30 सितंबर 2024 (Updated: 30 सितंबर 2024, 09:55 IST)
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नेपाल में हुए भारी बारिश के चलते कोसी (kosi river flood) और दूसरी नदियों का जलस्तर बढ़ गया. जिसके चलते उत्तर बिहार में बाढ़ (Bihar flood) के हालात पैदा हो गए हैं. हालांकि 30 सितंबर को उत्तर बिहार के लिए राहत की खबर आई है. नेपाल में लगातार हो रही बारिश थम गई है. जिसके चलते वाल्मिकीनगर गंडक बैराज में पानी का डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 89 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है.

इससे पहले बिहार में कई नदियों पर तटबंध के टूटने की खबरें सामने आईं थीं. जिसकी वजह से नेपाल की सीमा से सटे इलाकों में पानी भर गया है. राज्य जल संसाधन विभाग (WRD) के अधिकारियों के मुताबिक, 29 सितंबर को सीतामढ़ी के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार आ गई. जबकि पश्चिम चंपारण में गंडक नदी के बाएं किनारे का तटबंध पानी के अधिक दबाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया. जिसके चलते बाढ़ का पानी वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में प्रवेश कर गया.

राज्य जल संसाधन विभाग (WRD) ने एक बयान जारी कर बताया कि बागमती नदी के प्रवाह और जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के चलते बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर ब्लॉक में तटबंधों में रिसाव हुआ है. साथ ही सीतामढ़ी जिले और शिवहर जिले में भी तटबंधों के टूटने की खबर आई है. हालांकि इंजीनियरों ने तुरंत तटबंधों की मरम्मत कर पानी के बहाव को रोक दिया.

राज्य जल संसाधन विभाग ने आगे बताया कि हम बाढ़ के खतरे को टालने के लिए सभी जरूरी सावधानी बरत रहे हैं. छोटी नदियों के जल स्तर में कमी आने के बावजूद बाढ़ से प्रभावित 16 लाख से ज्यादा लोगों के लिए स्थिति गंभीर बनी हुई है. अब तक बाढ़ के कारण किसी की जान जाने की सूचना नहीं है.

पश्चिम चंपारण में लापरवाही के चलते इंजीनियर सस्पेंड

पश्चिम चंपारण के बगहा में तटबंध टूटने के चलते बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक्जक्यूटिव इंजीनियर निशिकांत कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. उन पर लापरवाही और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने में असफल रहने के बाद कार्रवाई की गई है.

उत्तर बिहार के कई इलाके पानी में डूबे 

बीरपुर और वाल्मिकीनगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण पश्चिम और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और दूसरे कई जिलों के निचले इलाकों में पानी घुस गया है. कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जो पिछले 56 सालों में सबसे अधिक है. पिछली बार 1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसी तरह गंडक पर बने वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जो 2003 के बाद से सबसे अधिक है.

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उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में भी बाढ़ के हालात

नेपाल ने बड़ी गंडक नदी में 6.5 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया है. जिसके चलते बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. नेपाल के पहाड़ों से आए पानी के सैलाब के चलते महाराजगंज के कई जिलों में बाढ़ का पानी घुस आया है. महाराजगंज डीएम ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया है. और जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है. ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: गुजरात में बाढ़ के हालात क्यों बने? किसी को भरोसा नहीं हुआ!

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