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'रामचरितमानस पोटैशियम सायनाइड है...', बिहार के मंत्री अब ये बोल क्या चुनौती दे गए?

बिहार के शिक्षा मंत्री एक बार फिर Ramcharitmanas पर विवादित बयान दे गए. कहा- मेरी जीभ काटोगे तो और चंद्रशेखर पैदा हो जाएंगे...

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Bihar's education minister Prof. Chandra Shekhar compared a religious book to potassium cyanide.
प्रोफेसर चंद्रशेखर हिंदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे. (फोटो क्रेडिट - X)
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प्रज्ञा
15 सितंबर 2023 (Updated: 15 सितंबर 2023, 12:49 IST)
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बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Education Minister of Bihar Chandra Shekhar) ने एक बार फिर रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने रामचरितमानस (ramcharitmanas) को पोटैशियम सायनाइड बताया है, जिस पर विवाद हो गया है.

हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) पर 14 सितंबर को बिहार हिन्दी ग्रंथ अकादमी ने एक कार्यक्रम आयोजित किया था. प्रोफेसर चंद्रशेखर इसके मुख्य अतिथि थे. उन्होंने यहां अपनी बात रखते हुए कहा कि रामचरितमानस में पोटैशियम सायनाइड है. जब तक उसमें ये रहेगा, तब तक वे इसका विरोध करते रहेंगे.

इंडिया टुडे से जुड़े आदित्य वैभव की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस के अरण्य कांड की एक चौपाई पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा,

"पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शूद्र न पूजहु वेद प्रवीणा', इसका मतलब है कि गुणहीन ब्राह्मण भी पूजा के योग्य है. वहीं, गुण होने पर भी, वेदों का जानकार होने पर भी शूद्र पूजा के योग्य नहीं है. ये क्या है? क्या इसमें जाति को लेकर गलत बात नहीं कही गई है?"

शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने आगे कहा कि पिछली बार उनकी जीभ काटने की कीमत 10 करोड़ लगाई गई थी. अब उनके गले की क्या कीमत लगाई जाएगी? वे बोले,

"पचपन तरह का व्यंजन परोस कर उसमें पोटैशियम सायनाइड मिला दीजिए तो क्या होगा? हिंदू धर्म ग्रंथ का हाल भी ऐसा ही है. कई लेखकों ने भी ये बात कही है. बाबा नागार्जुन और लोहिया ने भी इनका विरोध किया है. रामचरित मानस को लेकर मेरी आपत्ति है और जीवन भर रहेगी."

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'RSS प्रमुख भी इस पर बयान दे चुके हैं'

प्रोफेसर चंद्रशेखर ने आगे कहा कि उन्हें देश से बाहर जाने के लिए कहा जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत भी इसपर टिप्पणी कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जब तक गटर में उतरने वालों की जातियां नहीं बदली जाएंगी, तब तक इस देश में आरक्षण और जातीय गणना की जरूरत पड़ती रहेगी. उन्हें कहीं क्यों नहीं भेजा जाता?

प्रोफेसर चंद्रशेखर इससे पहले भी रामचरितमानस पर कई विवादित बयान दे चुके हैं. वे इनका बचाव भी करते रहे हैं. 17 फरवरी को उन्होंने कहा था,

"भारत बाबा साहब अंबेडकर के संविधान वाला देश है. मैं भी शूद्र हूं. लेकिन मेरे पास ज्ञान है. इन लोगों को पता होना चाहिए कि मैंने केवल एक बार रामचरितमानस के खिलाफ बोला है."

उन्होंने आगे कहा,

"अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं रामचरितमानस में बताए गए और श्लोकों के खिलाफ भी बात रखूंगा. ये कई जातियों और समुदायों के लिए अपमानजनक हैं. अगर वे धमकी देंगे. मेरी जीभ काट देंगे तो और चंद्रशेखर पैदा हो जाएंगे."

इससे पहले 12 जनवरी को उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में कई अच्छी बातें भी कही गई हैं. लेकिन नफरत और विभाजन पैदा करने वाली बातों का विरोध किया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था कि वे अभी भी अपने बयान पर कायम हैं. और उन्हें नहीं, BJP को माफी मांगनी चाहिए.

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