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बिहार में 11 साल के लड़के की समझदारी से टला बड़ा रेल हादसा, गमछे से रुकवा दी ट्रेन, रेलवे ने इनाम दे दिया

शाहबाज को समस्तीपुर रेल मंडल के DRM विनय श्रीवास्तव ने बुधवार, 5 जून को प्रशस्ति पत्र के साथ ही स्कूल बैग, किताब और कॉपी देकर लड़के को सम्मानित किया

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  samastipur drmgave certificate of appreciation to shahabaj he stopped train after seeing crack on track
बिहार के समस्तीपुर में 11 साल के लड़के की समझदारी के लिए रेलवे प्रशासन ने पुरस्कृत किया है. (तस्वीर-आजतक)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
5 जून 2024 (Updated: 8 जून 2024, 11:49 IST)
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बिहार के समस्तीपुर में कथित तौर पर 11 साल के लड़के ने सैकड़ों रेल यात्रियों की जान बचाने का काम किया. उसकी समझदारी के लिए रेलवे प्रशासन ने उसे पुरस्कृत किया है. समस्तीपुर रेल मंडल के DRM विनय श्रीवास्तव ने बुधवार, 5 जून को प्रशस्ति पत्र के साथ ही स्कूल बैग, किताब और कॉपी देकर लड़के को सम्मानित किया.

इस मौके पर DRM ने कहा कि हम सभी का धर्म बनता है कि कहीं भी कुछ गलत हो तो उसको रोकने का प्रयास करें. उन्होंने आगे कहा कि शाहबाज ने बहुत ही साहसिक कार्य किया है. इसके लिए वह शाहबाज की बहादुरी के लिए सरकार से बाल वीरता पुरस्कार देने की मांग करेंगे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार, 1 जून की दोपहर को मोहम्मद शाहबाज अपने घर जा रहा था. रास्ते में पड़ा रेलवे ट्रैक. उसके पास से गुजरते हुए शाहबाज ने देखा कि ट्रैक में दरार पड़ी थी. उसी वक्त ट्रैक पर समस्तीपुर की ओर से आ रही ट्रेन दिखी. शाहबाज ने एहतियात बरतने में देर नहीं की. उसने धूप से बचने के लिए जो लाल रंग का गमछा पहन रखा, उसे उतार कर लहराने लगा. ट्रेन चालक ने भी सतर्कता दिखाई और ट्रेन रोक दी. कहा गया कि ट्रैक की वजह से काठगोदाम एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो सकती थी, जिसमें उस वक्त करीब 1500 यात्री सवार थे. लेकिन शाहबाज की सूझबूझ और ट्रेन पायलट की तीव्र प्रतिक्रिया की वजह से कोई अनहोनी नहीं हुई.

DRM ने क्या कहा?

रिपोर्ट के मुताबिक समस्तीपुर रेल मंडल के DRM विनय श्रीवास्तव ने बताया कि शाहबाज ने सूझबूझ के साथ इतने कम उम्र में नागरिक कर्तव्य का उदाहरण पेश किया है. उसको इतनी समझ थी कि पटरी टूटी हुई देख कर लाल रंग का कपड़ा लहरा कर ट्रेन रोक दी. DRM ने कहा कि हम चाहते हैं कि शाहबाज और लोगों के लिए मिसाल बने. देश के सारे बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत बने, इसीलिए उसका नाम बाल वीरता पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा.

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DRM विनय ने आगे बताया कि उन्होंने शाहबाज को तीन महापुरुषों की जीवनी पर लिखी पुस्तकें दी हैं. ये किताबें महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव आंबेडकर और प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के जीवन पर लिखी गई हैं.

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