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'बांग्लादेशी झारखंड में जमीन कब्जा रहे', इस दावे पर गृह मंत्रालय कोर्ट से बोला- कोई लिंक नहीं मिला...

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Jharkhand High court में एक हलफनामा दायर किया है. कहा कि राज्य के संथाल परगना में Bangladeshi immigrants के जमीन कब्जा करने से जुड़ा अब तक कोई सबूत नहीं मिला है. कुछ दिन पहले Jharkhand के दौरे पर आए असम के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma ने भी इस मुद्दे को उठाया था.

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Home Ministry affidavit Jharkhand High Court santhal pargana
गृह मंत्रालय ने झारखंड हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है. ( इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
13 सितंबर 2024 (Updated: 13 सितंबर 2024, 15:17 IST)
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केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry affidavit) ने झारखंड हाईकोर्ट में संथाल परगना की डेमोग्राफी में बदलाव को लेकर एक हलफनामा दिया है. 12 सितंबर को दिए गए हलफनामे के मुताबिक झारखंड के संथाल परगना (Jharkhand Santhal Pargana) में बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा जमीन पर कब्जा किए जाने का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है. गृह मंत्रालय ने यह हलफनामा 2022 में संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर दाखिल की गई एक जनहित याचिका के संबंध में दिया है. अवर सचिव प्रताप सिंह रावत ने इस हलफनामे में बताया कि केंद्र झारखंड के कुछ हिस्सों में अवैध प्रवास को लेकर सतर्क और चिंतित है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अपने हलफनामे में हाईकोर्ट को बताया कि राज्य में घुसपैठ मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे साहिबगंज और पाकुड़ जिलों से हुई है. और इन इलाकों में मदरसों की संख्या बढ़ी है. जबकि संथाल परगना में आजादी के बाद से ही बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ होती रही है. गृह मंत्रालय ने आगे बताया कि हाल ही में साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में कथित बांग्लादेशी बस्तियों की पहचान की गई है. घुसपैठियों ने इन इलाकों को प्राथमिकता दी, क्योंकि यहां की बोली उनसे मिलती-जुलती है, जिससे उन्हें आसानी से घुलने-मिलने में मदद मिली.

गृह मंत्रालय के मुताबिक झारखंड के मौजूदा भूमि कानून की कमियों का फायदा उठाने के कुछ मामले सामने आए हैं. जिनमें 'दानपत्र' के माध्यम से गैर-आदिवासियों को जमीन ट्रांसफर करने के मामले शामिल हैं. लेकिन इनमें से किसी भी मामले का लिंक अब तक बांग्लादेशी प्रवासियों के साथ स्थापित नहीं हुआ है. 

BJP नेताओं ने कई बार दावा किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह हलफनामा महत्वपूर्ण है क्योंकि झारखंड बीजेपी के नेता बार-बार इस मुद्दे को उठाते हैं. इनका दावा है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं. जमीन खरीद रहे हैं. और स्थानीय लोगों की नौकरियों पर कब्जा कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ दिन पहले झारखंड के दौरे पर आए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी इस मुद्दे को उठाया था.

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हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि जनता निराश हो चुकी है. झारखंड सरकार घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है. बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू की धरती घुसपैठियों की धरती बन गयी है. संथाल परगना की डेमोग्राफी बदल गई है. लव जिहाद और लैंड जिहाद चरम पर है. बांग्लादेशी घुसपैठिये आदिवासी बेटियों से विवाह करके जमीनों पर कब्जा जमा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसके खिलाफ सख्त कानून बनना चाहिए.

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