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Bangladesh: चिन्मॉय दास की जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई से कोर्ट का इंकार

Bangladesh News: जिस वकील ने 'एडवांस हीयरिंग' की अपील की थी, उनके पास चिन्मॉय कृष्ण दास की तरफ से पावर ऑफ़ अटॉर्नी नहीं है. इससे पहले 3 दिसंबर को सुनवाई के दौरान Chinmoy Krishna Das की तरफ से कोई वकील मौजूद नहीं था.

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bangladesh court rejected plea by lawyer rabindra ghosh advance hearing of bail chinmoy krishna das
चिन्मॉय दास की जमानत याचिका पर 2 जनवरी को सुनवाई होगी(फोटो-इंडिया टुडे)
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मानस राज
12 दिसंबर 2024 (Updated: 12 दिसंबर 2024, 08:20 IST)
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बांग्लादेश की एक अदालत ने इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मॉय कृष्ण दास (Chinmoy Krishna Das) की जमानत याचिका पर अग्रिम सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. बांग्लादेश में उन पर देशद्रोह का चार्ज लगा है. 11 दिसंबर को कोर्ट ने कहा कि चिन्मॉय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर पहले से तय तारीख 2 जनवरी को ही सुनवाई होगी.

कोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि चट्टोग्राम मेट्रोपोलिटन के सेशन जज सैफुल इस्लाम ने चिन्मॉय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई की अपील इसलिए ख़ारिज कर दी. क्योंकि जिस वकील ने 'एडवांस हीयरिंग' की अपील की थी, उनके पास कृष्ण दास की तरफ से पावर ऑफ़ अटॉर्नी नहीं है.  

वकालतनामा

कोर्ट में एडवोकेट रबिन्द्र घोष ने याचिका लगाई थी कि चिन्मॉय दास की याचिका पर 2 जनवरी से पहले सुनवाई की जाए. पर एक दूसरे वकील ने जज को बताया कि रबिन्द्र घोष के पास किसी भी तरह की पावर ऑफ़ अटॉर्नी नहीं है. इसका मतलब ये हुआ कि उनके पास कोर्ट में चिन्मॉय दास का प्रतिनिधित्व करने की पावर ही नहीं है. ये सुनने के बाद जज ने घोष की याचिका ख़ारिज कर दी.

अपनी याचिका में घोष ने कहा था कि चिन्मॉय दास को एक फर्जी केस में अरेस्ट किया गया है. ये एक 'गलत और मनगढंत' केस है. दास को डाइबिटीज़, अस्थमा और भी कई बीमारियां हैं, लिहाजा उन्हें जमानत दी जाए. हालांकि वकील घोष ने माना है कि जिस 'पावर ऑफ़ अटॉर्नी' को आधार बनाकर उनकी याचिका ख़ारिज की गई है, वो वाकई में उनके पास नहीं थी. रबिन्द्र घोष ने कहा 

"मैं चिन्मॉय दास से मिलने जेल में जाऊंगा और उनसे वकालतनामा (पावर ऑफ़ अटॉर्नी) लेकर आऊंगा."

इस मामले पर आखिरी सुनवाई 3 दिसंबर को हुई थी. कोर्ट ने अगली तारीख 2 जनवरी, 2025 की दी थी. 3 दिसंबर को सुनवाई के दौरान चिन्मॉय दास की तरफ से कोई वकील मौजूद नहीं था. सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत से जुड़े चिन्मॉय दास के एक साथी स्वतंत्र गौरांग दास ने कहा था कि लगातार मिल रही धमकियों और खतरों की वजह से चिन्मॉय दास को कोई वकील नहीं मिल रहा. राजनीति से जुड़े कुछ वकीलों का ग्रुप लगातार दबाव बना रहा है जिससे कोई वकील दास का केस न ले. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 जनवरी को प्रस्तावित है.

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