डियर सहवाग, यू आर नॉट फ़नी.--------------------------------------------------------------------------------सहवाग. इंडिया में शायद ही कोई ऐसा घर जहोगा जहां ये नाम न जाना जाता हो. कहते हैंकि इंडिया में अगर सचिन को सबसे ज़्यादा इज्ज़त मिली है तो सहवाग को सबसे ज़्यादाप्यार मिला है. और ये भी कहा जाता है कि ज़्यादा लाड़-प्यार औलादों को बिगाड़ देता है.सहवाग इसके सबसे बड़े उदाहरण मालूम देते हैं. हंसी-ठिठोली अपनी जगह है लेकिन जब एकही चीज़ बार-बार बिना नागा चालू रहे तो वो खराब टेस्ट में मालूम देता है. सहवाग केट्वीट्स वैसे ही हैं. वो पाकिस्तान को लगातार बेटा और बांग्लादेश को पोता कहते आरहे हैं. सहवाग की इन बातों पर राशिद लतीफ़ ने भी गुस्सा ज़ाहिर करते हुए एक वीडियोबनाया था. हांलाकि वो वीडियो भी काफ़ी घटिया था और उसमें कही गई बातें किसी भी तर्कसे सही नहीं ठहराई जा सकती हैं. लेकिन फैक्ट अब भी वही है कि राशिद लतीफ़ को सहवागने उकसाया था. सहवाग ने इंडिया के साउथ अफ्रीका को हराने के बाद एक ट्वीट कियाजिसमें उन्होंने लिखा कि इंडिया ने बढ़िया खेला और सेमी फाइनल और फाइनल के लिए गुडलक. सहवाग ने यहां ये इशारा किया कि बांग्लादेश को इंडिया हरा ही देगी और फाइनल मेंइंडिया को लगभग मौजूद ही पाया. पहले भी सहवाग ने कहा है कि वो बांग्लादेश को कोईटीम ही नहीं मानते. उनकी इस बात की वजह से काफ़ी फजीहत भी की गई थी. अब इस ट्वीट परभी उनका अहंकार झलक रहा है. इस बारे में जब बांग्लादेश के कप्तान मशरफे मुर्तज़ा सेपूछा गया तो उन्होंने जो कहा वो सहवाग को पाठ पढ़ाने के लिए काफ़ी है. मशरफे ने कहा,"मुझे ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता कि सहवाग या कोई और क्या कहता है. वो बिना शक दुनियाके बेस्ट ओपनर बैट्समैन में से एक हैं. वो जिस तरह की इनिंग्स खेलता था, वो कमाल काथा." सहवाग को मुर्तज़ा से सीख लेनी चाहिए. मुर्तज़ा उस टीम में हैं जो पहली बार किसीआईसीसी टूर्नामेंट के सेमी फाइनल में पहुंची है. ऐसे में वो धरातल से जुड़े हुए हैंऔर ये काबिल-ए-तारीफ़ है. सहवाग यकीनन विस्फ़ोटक बल्लेबाज हैं. उन्होंने जिस निर्ममतासे गेंदें पीटी हैं, क्रिकेट के खेल में शायद ही कोई ऐसा और करता हो या कर पाया हो.लेकिन खेल की बेसिक रिक्वायरमेंट ही ये होती है कि आप अपने विरोधी के विरोधी होनेके बावजूद उससे दुश्मनी न मोल लें. मैच के लिए नियत समय खतम हुआ और वो विरोध ख़त्महो जाना चाहिये. विरोधी कितना भी कम ताकतवर हो, उसे हेय दृष्टि से न देखा जाए. गेमखतम हो तो राजा और सिपाही सभी एक ही डब्बे में जाने चाहिए. लेकिन सहवाग ये समझतेहैं कि उनके लिए एक अलग डब्बा तैयार हो क्यूंकि वो राजा हैं. और ये कतई सम्भव नहींहै. मशरफे ने जो कहा वो सहवाग के लिए काफी होना चाहिए.-------------------------------------------------------------------------------- ये भी पढ़ें:पाकिस्तान और इंग्लैंड का सेमी-फाइनल मैच फ़िक्स था!गली-गली में शोर है, सईद अजमल ट्वीट चोर है!कोहली को फाइनल मैच जीतने के लिए अपनी टीम बोरिंग चाहिएकल इस वायरल हुई तस्वीर के पीछे का सच जानेंगे तो कोहली को आप सलाम ठोकेंगेवो चार मौके, जब अकेले धोनी की मार से ही बांग्लादेश त्राहि माम करने लगा था