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राम मंदिर के लिए विदेशी चंदा लेने की अनुमति मिली, केंद्र ने FCRA रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दी

गृह मंत्रालय के फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) डिपार्टमेंट ने मंदिर निर्माण के लिए स्वैच्छिक अनुदान के लिए ये मंजूरी दी है. FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन के बाद ही कोई संस्था या ट्रस्ट विदेशी चंदा ले सकता है.

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Ayodhya Ramlala Mandir
निर्माणाधीन राम मंदिर (फोटो सोर्स - आजतक)
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शिवेंद्र गौरव
19 अक्तूबर 2023 (Published: 17:35 IST)
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केंद्रीय गृह मंत्रालय (Central Home Ministry) ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर (Ram Mandir Ayodhya) के लिए विदेशी स्रोतों से चंदा लेने की अनुमति दे दी है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंत्रालय के फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) डिपार्टमेंट ने मंदिर निर्माण के लिए स्वैच्छिक अनुदान के लिए ये मंजूरी दी है. FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन के बाद ही कोई संस्था या ट्रस्ट विदेशी चंदा ले सकता है.

गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

आजतक की खबर के मुताबिक चंपत राय ने एक पोस्ट में कहा,

"श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को गृह मंत्रालय के FCRA विभाग ने रजिस्टर किया है. और 2010 के फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत स्वैच्छिक योगदान प्राप्त करने के लिए मंजूरी दे दी है."

चंपत राय ने ये भी बताया कि किसी भी विदेशी स्रोत से आने वाला योगदान केवल भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा वाले खाते में ही स्वीकार होगा. इस शाखा का पता है- 11, संसद मार्ग, नई दिल्ली-110001.

ये भी पढ़ें: अयोध्या: जनवरी में इस तारीख को होगी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा, PM मोदी भी आएंगे

क्या है FCRA?

हिंदी में कहें तो विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम. ये एक्ट साल 1976 में बना. और 2010 में इसमें संशोधन किया गया. नियमों के मुताबिक, कोई भी गैर सरकारी स्वयंसेवी संगठन, NGO या ट्रस्ट अगर सामाजिक या सांस्कृतिक कामों के लिए विदेश से चंदा लेना चाहें तो उन्हें FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होता है. FCRA डिपार्टमेंट, किसी संस्था आदि को विदेशी चंदा लेने के लिए इजाज़त देने के साथ ही उसे विदेश से मिल रही फंडिंग पर नजर भी रखता है. FCRA देखता है कि जो फंडिंग मिल रही है उसका उद्देश्य क्या है और क्या इसका इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम या आतंकवादी गतिविधि के लिए तो नहीं हो रहा.

अगर फंडिंग में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो FCRA उस संस्था या NGO वगैरह का रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकता है.

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FCRA रजिस्ट्रेशन की वैलिडिटी

किसी भी संस्था को FCRA के तहत शुरुआत में 5 साल के लिए रजिस्ट्रेशन मिलता है. इसे बाद में रिन्यू करवाना होता है. एक बार रजिस्टर हो जाने के बाद संस्था को कई नियमों का पालन करना होता है. मसलन, हर साल आयकर रिटर्न भरना, पैसे की आमद के लिए तय नियमों का पालन करना आदि.

बता दें कि राजनीतिक दलों, सरकारी अधिकारियों, जजों और देश के मीडिया संस्थानों आदि को विदेशों से चंदा लेने की अनुमति नहीं है.

पिछले साल गृह मंत्रालय की एक कार्रवाई के चलते FCRA चर्चा में रहा था. अक्टूबर 2022 में कांग्रेस परिवार से जुड़े राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के FCRA रजिस्ट्रेशन, नियमों के उल्लंघन के आरोप के चलते गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिए थे. इन दोनों संस्थाओं ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी.

राम मंदिर निर्माण कब तक?

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि अयोध्या में निर्माणाधीन तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का काम इसी साल दिसंबर महीने के आखिर तक पूरा हो जाएगा. ये भी कहा था कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 20 से 24 जनवरी के बीच किसी दिन हो सकती है. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हो सकते हैं. अंतिम तारीख प्रधानमंत्री कार्यालय की सूचना के आधार पर तय की जाएगी. 

वीडियो: कर्नाटक चुनाव 2023: BJP दक्षिण में बनाएगी नई अयोध्या, लल्लनटॉप पहुंचा उस जगह जहां बनेगा राम मंदिर

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