हिमंता बिस्वा सरमा के निशाने पर क्यों है ये यूनिवर्सिटी? USTM से पढ़े छात्रों को असम में सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी?
Assam के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma ने गुवाहाटी में आई बाढ़ के लिए USTM को जिम्मेवार बताया है. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार इस बात पर विचार कर रही है इस यूनिवर्सिटी से पढ़े छात्रों को सरकारी नौकरियों के लिए अयोग्य करार दिया जाए.
असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने मुस्लिम स्वामित्व वाले एक विश्वविद्यालय का विरोध किया है. इस विश्वविद्यालय का नाम है- यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेघालय (USTM). हिमंता ने कहा है कि वो इस बात पर विचार कर रहे हैं कि USTM से ग्रेजुएशन करने वालों को असम सरकार की नौकरियों के लिए अयोग्य करार दिया जाए. इस यूनिवर्सिटी को बंगाली-मुस्लिम महबूब उल हक (Mahbubul Hoque) के स्वामित्व वाली एक संस्था चलाती है. महबूब USTM के चांसलर भी हैं.
इस महीने असम के CM ने इस विश्वविद्यालय पर कई बार सवाल उठाए हैं. इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि परिसर के निर्माण के लिए जंगल और पहाड़ की कटाई की गई. इसके कारण गुवाहाटी में बाढ़ आ गई. इसके लिए महबूब उल हक को जिम्मेदार ठहराया गया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर तीन गुंबद बने हैं जो ‘जिहाद’ का संकेत है. 21 अगस्त को उन्होंने कहा,
“अब हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि USTM से पास हुए छात्र असम सरकार की भर्तियों में भाग नहीं ले सकते. ये दूसरे राज्य का सर्टिफिकेट है. इसकी वजह से गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी के हमारे छात्र परेशान हैं. इसलिए मैंने कानून विभाग से इस बात की जांच करने को कहा है. अगर USTM के छात्र असम में नौकरी करना चाहते हैं तो उन्हें एक और परीक्षा देनी होगी. सिर्फ USTM ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, सभी बाहरी यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए. लेकिन USTM के खिलाफ मेरा गुस्सा थोड़ा ज्यादा है.”
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उन्होंने आगे कहा कि वो मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा के साथ राज्य से आने वाले वर्षा जल के कारण गुवाहाटी में बाढ़ आने की चिंताओं पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा,
"हमने पानी को दीपोर बील (झील) की ओर मोड़ने के लिए नीदरलैंड की एक समिति को काम पर लगाया है. इसके साथ ही IIT रुड़की और आईआईटी गुवाहाटी को भी ये काम दिया जाएगा... कॉनराड संगमा ने जोराबाट से पानी नीचे आने के मामले को महत्व दिया है. और असम और मेघालय सरकारों के बीच एक संयुक्त समिति का प्रस्ताव दिया है... भले ही असम के कई नेता USTM को बचाने के लिए आगे आए हों, लेकिन मेघालय सरकार USTM को नहीं बचा रही है."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेस कॉन्फेंस के दौरान CM हिमंता ने एक एक रिपोर्टर का नाम पूछ लिया. एक क्षेत्रीय समाचार पोर्टल के रिपोर्टर ने सरमा से जालुकबारी निर्वाचन क्षेत्र के मंडकाटा में कथित तौर पर काटे जा रहे पहाड़ों के बारे में पूछा था. CM ने इस पर कहा कि USTM और मंडकाटा की तुलना क्यों की जा रही है. उन्होंने रिपोर्टर से पूछा कि वो सब USTM को बचाने के लिए इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं? इसके बाद उन्होंने रिपोर्टर से उनका नाम पूछा. रिपोर्टर ने अपना नाम शाह आलम बताया. इसके बाद सरमा ने कहा कि शाह आलम और USTM के महबूब उल हक ने जिस तरह से चीजों को जोड़ा है, क्या हम बच पाएंगे?
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