ताजमहल किसने बनवाया? सब जवाब जानते हैं- शाहजहां ने. ऐसा ही सवाल आगरा के किले(Agra Fort) को लेकर जब देश के पुरातत्व विभाग से पूछा गया तो जवाब था नहीं पता है.माने ASI को नहीं पता, आगरा का किला सबसे पहले किसने बनवाया. आगरा का ये किलाअलग-अलग वक़्त में मुग़ल शासकों, राजपूत राजाओं और दिल्ली के सुल्तानों के कब्जे मेंरहा. यूनेस्को ने इसे घोषित वर्ल्ड हेरिटेज साइट यानी विश्व धरोहर घोषित किया है.लेकिन किले को किसने बनवाया, ये सवाल आज भी बहस का मुद्दा बना हुआ है. ASI ने क्या कहा?आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया यानी ASI, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीनआता है. इंडिया टुडे से जुड़े सिराज कुरैशी की एक खबर के मुताबिक़ आगरा के कालीबाड़ीइलाके के रहने वाले डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने 27 मई, 2023 को सूचना के अधिकार(RTI) के तहत आगरा के किले के बारे में जानकारी मांगी थी. इसमें ख़ास तौर पर एक सवालपूछा गया कि आगरा का किला मूल रूप से (सबसे पहले) किसने बनवाया था. और मुग़ल बादशाहअकबर ने इसमें क्या बदलाव करवाए? ये भी पूछा गया कि आगरा किला बनने से पहले वहांक्या काम हुआ था. बादलगढ़ किले के इतिहास के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी. एप्लीकेशन का ASI ने जवाब दिया. ASI के आगरा सर्किल के पब्लिक इन्फॉर्मेशन अधिकारीमहेश चंद मीणा ने जवाब में कहा कि आगरा का किला सबसे पहले किसने बनवाया. और अकबर केशासनकाल के दौरान इस किले में क्या-क्या बदला या सुधारा गया, इस बारे में कोई भीजानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. ऐसी जानकारी समकालीन साहित्य में मिल सकतीहै.इस पर RTI एप्लीकेशन डालने वाले डॉ. भट्टाचार्य का कहना है कि आगरा विश्व केऐतिहासिक स्थलों की सूची में है. वो कहते हैं,"ये अजीब बात है कि आगरा किले के बारे में ASI के आगरा सर्किल में रिकॉर्ड उपलब्धनहीं है. ASI के पास जानकारी होनी चाहिए. इस जानकारी की कमी होना गंभीर बात है. येबात समझ से परे है कि किले के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों को बताने में ASI को क्यादिक्कत है."डॉ. भट्टाचार्य के मुताबिक, उन्होंने इस मामले में ASI के अपीलीय अधिकारी के यहांअपील दायर की है. जो जवाब आया उसमें समकालीन साहित्य की बात की गई है. जबकिइतिहासकारों में आगरा किले को लेकर मतभेद है.आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैम्बर के सचिव विशाल शर्मा कहते हैं कि इतिहासकारों का माननाहै कि आज जहां पर पुराना किला है, वहां पर 11वीं सदी में सिकरवार वंश के राजपूतराजाओं ने बादलगढ़ नाम का किला बनाया था. ये मिट्टी और ईंटों से बनाया गया किला था.फिर साल 1080 यानी 11वीं सदी के उत्तरार्ध में महमूद गजनवी ने इस किले को राजपूतोंसे ले लिया था. इसके बाद साल 1487 में दिल्ली के सुल्तान सिकंदर लोदी ने इस किले परकब्जा कर लिया. लेकिन उस वक़्त तक ये किला खंडहर में तब्दील हो चुका था.साल 1504 में सिकंदर लोदी ने इसे लोदी वंश की सत्ता के केंद्र के रूप में स्थापितकिया. कहा जाता है कि उनकी मौत भी इसी किले में हुई थी. और उनके बाद बेटे इब्राहिमलोदी ने भी 9 साल तक इसी किले से शासन किया था. इतिहास में जैसा हमने पढ़ा है, साल1526 में पानीपत की पहली लड़ाई हुई. इसमें इब्राहिम लोदी, मुग़ल बादशाह बाबर की सेनासे लड़ते हुए मारा गया. इसके बाद बादलगढ़ के किले पर मुगलों का कब्जा हो गया.फिर साल आया 1530 का. हुमायूं ने दूसरे मुग़ल बादशाह का ताज पहना था. लेकिन 1539 मेंचौसा की लड़ाई में हुमायूं को शेर शाह सूरी ने हरा दिया. अब बादलगढ़ के किले परअफ़गानी शासक शेरशाह सूरी का कब्जा हो गया. 1545 में सूरी की मृत्यु हुई. उसके बादभी साल 1556 तक किले पर सूरी राजवंश का ही आधिपत्य बना रहा. इसके बाद पानीपत कीदूसरी लड़ाई हुई. इसमें अकबर के सेनापति ने हेमू को बुरी तरह हराकर किले पर फिरकब्जा कर लिया.उपलब्ध इतिहास के मुताबिक, बादलगढ़ पर कब्जा करने वाले पहले मुग़ल शासक बाबर थे.लेकिन आगरा को अपनी राजधानी घोषित किया अकबर ने. आगरा के चारों तरफ और बादलगढ़ मेंअकबर ने लाल बलुआ पत्थरों का खूब इस्तेमाल किया. ये लाल बलुआ पत्थर आज भी नुमायांहैं.विशाल शर्मा का कहना है कि आगरा के किले का इतिहास किले के प्रवेश द्वार पर एकपत्थर पर उकेरकर लिखा गया है. लेकिन फिर भी ASI, इसके इतिहास के बारे में जवाब नहींदे पाया. विशाल कहते हैं कि ASI की विफलता अजीब है, क्योंकि आर्कियोलॉजिस्ट, इतिहासकी ख़ासी पड़ताल करते हैं, स्मारकों के इतिहास की पूरी जानकारी रखते हैं. और इसजानकारी का इस्तेमाल वे स्मारकों को मेंटेन करने के लिए करते हैं.