बृजभूषण के खिलाफ दी थी गवाही, अब WFI अध्यक्ष के चुनाव में ताल ठोकने वाली ये पहलवान कौन है?
WFI के चुनाव में बृजभूषण के खेमे को चुनौती देने उतरी इस महिला पहलवान को धरना देने वाले पहलवानों का समर्थन हासिल है!
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में चुनाव होने वाला है. अध्यक्ष के तौर पर बृजभूषण शरण सिंह की जगह लेने के लिए एक महिला पहलवान ने ताल ठोक दी है. इनका नाम है अनीता श्योराण. अनीता ने 12 अगस्त को होने वाले चुनावों के लिए नामांकन के आखिरी दिन यानी सोमवार, 31 जुलाई को पर्चा दाखिल किया. अनीता यौन उत्पीड़न मामले में उन गवाहों में से एक हैं जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गवाही दी थी. वो कुश्ती के मैदान में भी बड़ी सफलता हासिल कर चुकी हैं, अनीता ने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था.
अनीता का मुकाबला किन लोगों से होगा?इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े मिहिर वासवदा की एक रिपोर्ट के मुताबिक WFI के चुनाव के लिए 50 सदस्यीय मतदाताओं और उम्मीदवारों की सूची में 38 साल की अनीता अकेली महिला हैं. उनका मुकाबला बृजभूषण खेमे के दो उम्मीदवारों से होने की संभावना है. इनमें से एक हैं दिल्ली कुश्ती संघ के अध्यक्ष और ओलंपियन जय प्रकाश और दूसरे हैं उत्तर प्रदेश के संजय सिंह भोला. ये दोनों ही उम्मीदवार बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाते हैं. और लंबे समय से BJP सांसद से जुड़े हुए हैं.
सोमवार को बृजभूषण के खेमे ने WFI चुनाव को लेकर दिल्ली में एक बैठक की. इसके बाद मीटिंग में मौजूद लोगों ने ये दावा किया कि उन्हें 25 राज्य कमेटियों में से करीब 20 का समर्थन हासिल है. बृजभूषण खेमे के जय प्रकाश ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें भरोसा है कि वो अच्छा प्रदर्शन करेंगे. उनके मुताबिक अगले कुछ दिनों में उनका खेमा ये तय कर लेगा कि उनकी तरफ से अध्यक्ष पद के लिए अंतिम उम्मीदवार कौन बनेगा. और ये फैसला सभी की सहमति से लिया जाएगा.
ऐसा तो कभी नहीं हुआअगर दूसरे पक्ष यानी अनीता श्योराण की बात करें तो ये माना जा रहा है कि उन्हें बृजभूषण शरण सिंह का विरोध करने वाले पहलवानों का समर्थन हासिल है. इन पहलवानों से सरकार ने वादा किया है कि WFI में शीर्ष पदों के चुनाव में उनकी प्रमुख भूमिका रहेगी.
ऐसे में अगर अनीता श्योराण को चुनाव में जीत मिलती है तो वो इतिहास रच देंगी. क्योंकि तब वो भारतीय कुश्ती महासंघ का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन जाएंगी. बता दें कि हमेशा से ही WFI की जड़ें पुरुष अखाड़ों से जुड़ी रही हैं. इस वजह से इसके शीर्ष पदों पर पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है.
वीडियो: बृजभूषण सिंह के समर्थन में पहलवानों पर बोलते हुए भूले मर्यादा, कुछ ऐसा कहा जो हजम नहीं होगा.