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आंध्र प्रदेश में अब एक नहीं, तीन-तीन राजधानियां होंगी; जानिए कैसे?

सीएम के प्रस्ताव पर राज्यपाल की मुहर लगी.

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आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी (बाएं) की सरकार ने जनवरी में ये विधेयक विधानसभा से पारित करा लिया था. अब इसे राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन (दाएं) ने भी पास कर दिया है. (फाइल फोटो- PTI)
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अभिषेक त्रिपाठी
1 अगस्त 2020 (Updated: 1 अगस्त 2020, 13:00 IST)
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आप कौन से राज्य में रहते हैं? एमपी में रहते होंगे तो भोपाल राजधानी होगी. राजस्थान में होंगे, तो जयपुर. हम यूपी के हैं तो लखनऊ है. माने जो भी होगी, एक ही होगी न. लेकिन आंध्र प्रदेश की अब एक नहीं, तीन-तीन राजधानियां होंगी. और ऐसा करने वाला ये देश का पहला राज्य होगा. आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने राज्‍य सरकार के Three Capital Plan को मंज़ूरी दे दी है. इसके तहत राज्य की अब तीन राजधानियां होंगी. 2020 की शुरुआत में प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने राजधानी के विकेंद्रीकरण का ये विधेयक विधानसभा में रखा था. जनवरी में ही ये विधानसभा से पारित हो गया था. अब राज्यपाल ने भी ‘एपी डिसेंट्रलाइजेशन और सभी क्षेत्रों के इनक्लूसिव डेवलपमेंट बिल-2020’ और ‘एपी कैपिटल रीजल डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल-2020’ को मंजूरी दे दी है. अब सवाल ये कि तीन राजधानियां होंगी कौन सी? विशाखापट्टनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है. विधानपरिषद में अटका है विधेयक ये विधेयक विधानसभा में तो पारित हो गया है, लेकिन अभी विधानपरिषद से पारित नहीं हुआ है. विधानपरिषद में तेदेपा बहुमत में है. विधानपरिषद में वाईएसआर कांग्रेस के 9 सदस्य हैं, जबकि तेदेपा के 34 सदस्य हैं. लेकिन इस बीच जगन सरकार ने विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा और संविधान के अनुच्छेद 197 (1) और (2) का इस्तेमाल करते हुए इसे पारित करा लिया. टीडीपी विरोध में रही है जगनमोहन की सरकार ने जब तीन राजधानी का ये प्रस्‍ताव विधानसभा में पेश किया था, उस वक्‍त राज्य के प्रमुख विपक्षी दल टीडीपी के अध्‍यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने इसका जमकर विरोध किया था. प्रस्‍ताव को पास होने से रोकने के लिए नायडू ने 'चलो विधानसभा' का आह्वान किया था. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी विरोध में थी. इसके अलावा टीडीपी ने उस वक्त सदन में भी विरोध किया था. क्या होगा बदलाव के बाद? आंध्र प्रदेश में ये बदलाव होने के बाद प्रशासन की पूरी मशीनरी, राज्यपाल का दफ़्तर विशाखापट्टनम से काम करेगा. वहीं राज्य विधानसभा अमरावती में होगी. हाईकोर्ट कुर्नूल में होगा और उसकी पीठ राज्य के दूसरे हिस्सों में स्थापित की जाएगी. अभी तक किसी और राज्य में ऐसी व्यवस्था नहीं है कि प्रशासनिक मशीनरी एक शहर में हो और विधानसभा दूसरे शहर में. आंध्र ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा.
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