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पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा उपचुनाव में अगर ये गणित ठीक बैठा तो बड़ा उलटफेर हो जाएगा!

पश्चिम बंगाल के धुपगुड़ी, त्रिपुरा के धनपुर और बोक्सानगर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. उपचुनाव से दो दिन पहले पश्चिम बंगाल में खेल हो गया, TMC की पूर्व विधायक BJP में शामिल हो गईं.

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Bypoll in seven Assembly constituencies across six states of India
भारत के छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर 5 सितंबर को उपचुनाव हो रहा है. (फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
5 सितंबर 2023 (Updated: 5 सितंबर 2023, 07:55 IST)
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पश्चिम बंगाल की एक और त्रिपुरा की दो विधानसभा सीटों पर 5 सितंबर को उपचुनाव हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल (West Bengal Bypoll) में जहां चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय है. वहीं त्रिपुरा (Tripura Bypoll 2023) में दो दलों के बीच आमने-सामने की टक्कर है. पश्चिम बंगाल के धुपगुड़ी, त्रिपुरा के धनपुर और बोक्सानगर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के अलावा यूपी की घोसी, उत्तराखंड की बागेश्वर, केरल की पुथुपल्ली और झारखंड की डुमरी सीट पर भी उपचुनाव हो रहे हैं. उपचुनाव के नतीजे 8 सितंबर को घोषित किए जाएंगे.

बंगाल में BJP, TMC और कांग्रेस-लेफ्ट की अग्निपरीक्षा

पश्चिम बंगाल का धुपगुड़ी उपचुनाव BJP, TMC और कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. धुपगुड़ी विधानसभा सीट 25 जुलाई को BJP विधायक विष्णुपद रॉय के निधन के बाद खाली हुई थी. 5 सितंबर को हो रहे उपचुनाव में BJP ने तापसी रॉय, TMC ने निर्मल चंद्र रॉय और CPI(M) ने राजबोंगशी समुदाय के ईश्वर चंद्र रॉय को उतारा है. वहीं कांग्रेस वामपंथी उम्मीदवार ईश्वर चंद्र रॉय को समर्थन दे रही है.

पश्चिम बंगाल में घटते वोट शेयर के बीच यह उपचुनाव BJP के लिए एक चुनौती है. BJP उम्मीदवार तापसी रॉय 2021 में कश्मीर में आतंकवादी हमले में शहीद हुए CRPF जवान जगन्नाथ रॉय की पत्नी हैं. वहीं TMC उस सीट को जीतने की कोशिश कर रही है, जो वह 2021 में BJP से हार गई थी. 2021 में BJP उम्मीदवार विष्णुपद रॉय ने इस सीट पर लगभग साढ़े 4 हजार वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी. तब TMC उम्मीदवार मिताली रॉय दूसरे नंबर पर थीं.

वही मिताली रॉय जिन्होंने 2016 का विधानसभा चुनाव धुपगुड़ी सीट से TMC के टिकट पर जीता था. हालांकि, हाल ही में मिताली रॉय BJP में शामिल हो गई हैं. धुपगुड़ी की पूर्व TMC विधायक मिताली रॉय उपचुनाव से ठीक दो दिन पहले 3 सिंतबर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गईं.

BJP में क्यों शामिल हुई TMC नेता?

पश्चिम बंगाल में BJP के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी देते हुए X (पहले ट्विटर) पर लिखा,

“एक और संकेत कि ममता बनर्जी नियंत्रण खो रही हैं, धुपगुड़ी की पूर्व TMC विधायक मिताली रॉय, जिन्होंने TMC के टिकट पर 2021 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, उपचुनाव से पहले BJP में शामिल हो गईं. विपक्षी गठबंधन में ममता बनर्जी को गंभीरता से नहीं लिए जाने का एक कारण है. उनके गृह राज्य में राजनीतिक जमीन खिसक गई है...”

मिताली रॉय उत्तर बंगाल के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक हैं. इंडिया टुडे के अनुपम मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही मिताली रॉय को धुपगुड़ी उपचुनाव लड़ रहे TMC उम्मीदवार के लिए प्रचार करते देखा गया था. फिर अचानक वो BJP में क्यों आ गईं? सूत्रों के मुताबिक, मिताली रॉय TMC नेतृत्व से नाराज थीं क्योंकि 2021 विधानसभा चुनाव में हारने के बाद शीर्ष नेतृत्व ने न तो उनसे संपर्क किया था और न ही उन्हें किसी बैठक और रैली के लिए बुलाया था.

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त्रिपुरा उपचुनाव BJP और CPI(M) की टक्कर

त्रिपुरा की धनपुर और बोक्सानगर सीटों पर BJP ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी. दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में BJP ने मेगा रैलियां, रोड शो और मोटर बाइक रैलियां की हैं. चुनाव प्रचार का नेतृत्व खुद मुख्यमंत्री माणिक साहा ने किया है. त्रिपुरा उपचुनाव में CPI(M) और BJP के बीच आमने-सामने की टक्कर है. यहां त्रिपुरा के मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा और कांग्रेस ने दोनों सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है.

बोक्सानगर सीट पर CPI(M) के मिजान हुसैन का मुकाबला BJP के तफज्जल हुसैन से है. तफज्जल हुसैन ने फरवरी महीने में हुए विधानसभा चुनाव में इसी सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन CPI(M) के उम्मीदवार समसुल हक से हार गए थे. जुलाई में CPI(M) विधायक समसुल हक (Samsul Haque) का निधन हो गया और ये सीट खाली हो गई. बता दें कि CPI(M) की ओर से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार मिजान हुसैन समसुल हक के बेटे हैं.

वहीं, कभी कम्युनिस्टों का मजबूत गढ़ रहे धनपुर में BJP के बिंदू देबनाथ और CPI(M) के कौशिक चंद के बीच सीधी लड़ाई है. कौशिक चंद ने CPI(M) की तरफ से फरवरी महीने में हुए विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर चुनाव लड़ा था और BJP की प्रतिमा भौमिक से हार गए थे. हालांकि, प्रतिमा भौमिक ने त्रिपुरा विधानसभा से मार्च में इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया था क्योंकि उनके पास संसद और विधानसभा दोनों की सदस्यता थी और वह दोनों पदों पर एक साथ नहीं रह सकती थीं. बता दें कि प्रतिमा भौमिक मोदी सरकार में सामाजिक न्याय मंत्रालय में राज्यमंत्री हैं. भौमिक ने 2019 में त्रिपुरा वेस्ट सीट से लोकसभा चुनाव जीता था.

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वीडियो: ग्राउंड रिपोर्ट: घोसी उपचुनाव को लेकर मुस्लिम समाज ने योगी पर क्या आरोप लगा दिया?

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