'धांधली न होती, तो BJP 1 सीट के लिए तरस जाती... ' उपचुनाव के नतीजों पर बोले अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने संभल में हुई घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने आरोप लगाया कि संभल में मस्जिद का सर्वे जानबूझकर माहौल खराब करने के लिए कराया गया, ताकि उपचुनाव में हुई ‘धांधली’ पर से लोगों का ध्यान हटाया जा सके.
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राज्य में हुए उपचुनाव में ‘धांधली’ का आरोप लगाया है. रविवार, 24 नवंबर को अखिलेश यादव ने कहा कि ये चुनाव निष्पक्ष नहीं था, BJP ने इसे ‘बेईमानी’ से जीता है. उन्होंने पुलिस-प्रशासन और बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए. सपा को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली, BJP ने 6 सीटें और 1 सीट उसकी सहयोगी RLD ने जीती.
24 नवंबर को अखिलेश यादव ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा,
"जिस दिन चुनाव हो रहा था और जिस समय वोट पड़ रहे थे, उस समय बहुत सारे वीडियो, बहुत सारी जानकारी लगातार मिल रही थी. इसकी सूचना सोशल मीडिया के ज़रिए हम चुनाव आयोग और संबंधित अधिकारी तक पहुंचा रहे थे. मैंने कुंदरकी के समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का वीडियो देखा था. सुबह जब वो वोट डालने निकले, तो उन्हें जानकारी मिली कि उनके बूथ के एजेंटों को निकाल दिया गया है. पुलिस-प्रशासन ने मिलकर जो व्यवहार किया और उनकी नीयत और मंशा यही थी कि सपा का कोई एजेंट बूथ पर न रहे."
अखिलेश यादव का आरोप है कि इस उपचुनाव में उनकी पार्टी के समर्थकों को वोट डालने से रोका गया. उन्होंने सवाल किया,
“अगर बूथों पर सपा का वोटर नहीं पहुंचा, हमारे प्रत्याशी का समर्थक नहीं पहुंचा तो वोट किसने डाला? ये बड़ा गंभीर विषय है.”
अखिलेश यादव ने संभल में हुई घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने आरोप लगाया कि संभल में मस्जिद का सर्वे जानबूझकर माहौल खराब करने के लिए कराया गया, ताकि उपचुनाव में हुई ‘धांधली’ पर से लोगों का ध्यान हटाया जा सके. उन्होंने कहा,
"संभल में एक गंभीर घटना हुई है. (मस्जिद का) सर्वे हो चुका था, लेकिन चुनाव की चर्चा न हो पाए. इसलिए जानबूझकर सुबह सर्वे की टीम भेजी गई, जिससे माहौल खराब हो जाए. जानकारी मिली है कि कई लोग घायल हुए हैं, एक नौजवान की जान चली गई है. जब मस्जिद का सर्वे हो चुका था, तो सर्वे दोबारा क्यों कराया? वो भी सुबह-सुबह, बिना तैयारी के. ये इसलिए किया है कि आज किस बात पर चर्चा हो, ये वो तय कर सकें. ये जानबूझकर बीजेपी, सरकार, प्रशासन ने मिलकर कराया है, ताकि चुनाव की धांधली पर, चुनाव की बेईमानी पर चर्चा न हो सके."
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बीजेपी ने जो नया लोकतंत्र बनाया है, उसमें लोगों को वोट नहीं डालने दे रहे हैं, अपने तंत्र को आगे कर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अपने दस्तावेजों में देखे कि जिनके नाम दर्ज हैं, वो बूथ तक पहुंचे भी या नहीं. जब ये जांच होगी, तब ‘सच्चाई’ सामने आएगी.
उन्होंने कहा,
“अगर ईवीएम की कोई फॉरेंसिक जांच संभव हो, तो बटन दबाने के पैटर्न से ही पता चल जाएगा कि एक ही उंगली से कितनी बार बटन दबाया गया है. ये भी सुनने में आया है कि जो लोग बाहर थे, उन्हें पहले ही चिन्हित कर लिया गया था और उनके वोट भी डाल दिए गए. ये नए जमाने की इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग का मामला है."
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर ‘धांधली’ न की होती, तो भाजपा एक भी सीट के लिए तरस जाती, जैसे कि लोकसभा चुनाव में हुआ था.
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