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फ्लाइट में महिला पर पेशाब मामले में शंकर मिश्रा को जमानत, क्या नई रिपोर्ट केस पलट देगी?

मामले में एयर इंडिया की रिपोर्ट आई है. बड़े खुलासे हुए हैं.

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Air India Urination case
एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला यात्री पर पेशाब करने के आरोपी को जमानत मिली. (फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
31 जनवरी 2023 (Updated: 31 जनवरी 2023, 20:25 IST)
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एयर इंडिया की फ्लाइट में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने का मामला. इसमें एयर इंडिया (Air India) की इंटरनल जांच रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में आरोपी शंकर मिश्रा के बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने की पुष्टि की गई है. आरोपी को कमिटी ने 4 महीने के लिए एयर इंडिया की नो-फ्लाई की लिस्ट में डाल दिया है. इधर, इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद हिरासत में लिए गए आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत मिल गई है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एक लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी है.

फ्लाइट में महिला पर पेशाब का ये मामला 26 नवंबर, 2022 का है. इंडिया टुडे की पॉलोमी साहा की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के लगभग एक महीने के बाद 24 दिसंबर, 2022 को एयरलाइन ने इंटरनल जांच कमिटी बनाई थी. एयर इंडिया की इंटरनल कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि शंकर मिश्रा को जिस दिन कारण बताओ नोटिस दिया गया, उस दिन ही शंकर मिश्रा ने नोटिस का जवाब दे दिया था. इसके बाद बुलाने पर वो 4 जनवरी, 2023 की शाम 4 बजे अपने वकील के साथ कमिटी के सामने पेश हुआ था. इस दिन ही पहली बार यह मामला मीडिया में सामने आया था और DGCA को पहली बार इसके बारे में पता चला था. 

रिपोर्ट में और क्या है?

आरोपी शंकर मिश्रा के मुताबिक, उसे 26 नवंबर, 2022 को सुबह 6 बजे अमेरिका के चार्लोट डगलस एयरपोर्ट (CLT) से न्यूयॉर्क के लिए फ्लाइट लेनी थी. यहां से दोपहर 12:30 बजे न्यूयॉर्क से दिल्ली की फ्लाइट मिलनी थी. CLT तक पहुंचने के लिए मिश्रा ने रात में 4-5 घंटे सड़क मार्ग से यात्रा की. उसे बिना खाना खाए और बिना सोए 10-12 घंटे तक रहना पड़ा. मिश्रा ने कमेटी को बताया कि वो बहुत थका हुआ था और सोना चाहता था. नोटिस के जवाब में उसने कहा कि उसे एयर इंडिया की फ्लाइट में खाना और शराब दिया गया था. 

हालांकि, मिश्रा ने ये भी दावा किया था कि ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चले कि उसने शराब पी थी. एयर इंडिया की कमिटी ने मिश्रा के तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसके पिछले बयान में सामने आया था कि फ्लाइट में शराब परोसी गई थी. ये भी कहा गया था कि हो सकता है शंकर मिश्रा ने खाली पेट एक से अधिक ड्रिंक पी हो, जिससे वह 'ब्लैकआउट' के स्टेज पर पहुंच गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि एल्कोहल से जुड़े ब्लैकआउट्स किसी व्यक्ति की याददाश्त में गैप ला देता है. ऐसी घटनाएं, जो उसके नशे में रहने के दौरान हुई हों, वह उसे भूल जाता है.  

कारण बताओ नोटिस के जवाब में शंकर मिश्रा ने कहा था कि केबिन क्रू सदस्यों में से एक ने उसे जगाकर बताया था कि एक महिला सह-यात्री ने उन पर आरोप लगाया है. मिश्रा ने कहा कि उस समय उसने अपने बचाव कुछ नहीं कहा क्योंकि उसे कुछ याद नहीं था. शंकर मिश्रा की लीगल टीम ने भी तर्क दिया था कि पीड़िता एक बुजुर्ग औरत थी, जिससे शंकर मिश्रा दबाव में था. कोई शंकर की बात पर विश्वास नहीं करता. इसलिए उसने बिना शर्त माफी मांग ली. वह महिला के गंदे कपड़े और उसके सामान को साफ करने के लिए भी तैयार हो गया. 

शंकर मिश्रा ने महिला को 15 हजार रुपए (200 डॉलर) का मुआवजा भी दिया था. आरोपी के मुताबिक, मुआवजा महिला ने ही मांगा था. पीड़िता ने भुगतान के लिए अपना Paytm नंबर भी लिखा था. मुआवजे के तर्क को भी समिति ने पर्याप्त नहीं माना क्योंकि पीड़िता की बेटी ने इसे बाद में 19 दिसंबर, 2022 को वापस कर दिया था. शंकर मिश्रा के वकील ने दलील दी थी कि अगर राशि पर्याप्त नहीं थी, तो उसे तुरंत वापस क्यों नहीं किया गया था? 

आरोपी ने महिला पर लगाए थे आरोप

अपने बचाव में शंकर मिश्रा की ओर से ये भी कहा गया था कि शिकायत करने वाली महिला ने खुद ही अपनी सीट पर पेशाब किया. न्यूज़ एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी के वकील ने भी इस दलील के पक्ष में तर्क दिया था,

शिकायत करने वाली महिला की सीट ब्लॉक्ड थी. मेरे मुवक्किल शंकर मिश्रा का वहां जाना संभव ही नहीं था. महिला ने ख़ुद पर ही पेशाब किया है. वो एक कथक डांसर हैं और 80% कथक डांसर्स को यह समस्या होती है.

कमिटी ने इस तर्क को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि पीड़िता के बगल में बैठी को-पैसेंजर ने इस तरह का कोई आरोप नहीं लगाया था. इसलिए उम्र और पीड़िता के डांस बैकग्राउंड के कारण ऐसा अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि पीड़िता ने खुद सीट पर पेशाब किया.

आरोपी पक्ष की ओर से यह भी सवाल किया कि कथित घटना के तुरंत बाद FIR क्यों नहीं दर्ज कराई गई थी. कहा गया कि पीड़िता ने अपनी मर्जी से मुआवजे को स्वीकार कर सुलह की थी. इसके बाद की शिकायत/FIR केवल एयर इंडिया पर दबाव डालने और फुल रिफंड के लिए की गई. मिश्रा ने 28 नवंबर, 2022 को पीड़िता के दामाद द्वारा एयर इंडिया को भेजे गए एक ईमेल का जिक्र किया, जिसमें पीड़िता के हवाई टिकट का फुल रिफंड मांगा गया था और रिफंड नहीं दिए जाने पर मीडिया में जाने की बात कही गई थी.

महिला की बगल वाली सीट पर विवाद

कमिटी की रिपोर्ट में शिकायत करने वाली महिला के बगल वाली सीट 9B के खाली होने पर संदेह जताया गया था. लेकिन, इंडिया टुडे की पॉलोमी साहा की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला जिस विमान का है, वो बोइंग 777-300 ER है. इसे 26 नवंबर, 2022 को उड़ान AI 102 (न्यूयॉर्क - नई दिल्ली) के लिए तैनात किया गया था. इस विमान पर, एयर इंडिया का बिजनेस क्लास जहां कथित घटना हुई, वहां 'B' सीक्वेंस की कोई सीट नहीं है. इसमें दो सीटें A और C सीक्वेंस की बताई गई हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी शंकर मिश्रा सीट 8C पर बैठा था जबकि पीड़िता उसके तिरछे पीछे की ओर सीट 9A पर बैठी थीं. पीड़िता के बगल वाली सीट 9C पर 85 साल की इला बनर्जी बैठी थीं. लेकिन कमिटी की रिपोर्ट में कहा गया है, 

"सीट 9C पर बैठी इला बनर्जी सो रही थीं. सीट 9B सीट 9A और सीट 9C के बीच की सीट होनी चाहिए. इसलिए, यह संभव है कि आरोपी शंकर मिश्रा ने नशे की हालत में सीट 9A पर बैठी पैसेंजर पर पेशाब किया हो, ये सोचकर कि वो टॉयलेट यूज कर रहा है."

यहां तक कि आरोपी ने भी अपने बचाव में ये बात कही थी कि उसके लिए महिला की सीट तक पहुंचकर पेशाब करना संभव नहीं था. यह भी तर्क दिया था कि पेशाब की एक भी बूंद उनके बगल में बैठी पैसेंजर इला बनर्जी के सीट पर नहीं गिरी थी. लेकिन कमिटी ने इस तर्क को इस आधार पर खारिज कर दिया कि बनर्जी ने अपने लिखित बयान में कहा था कि उनका बैग और सीट साफ कर दिया गया था, जिससे यह माना जा सकता है कि सीट गंदी थे, भले ही उन्होंने खुद कुछ देखने का दावा न किया हो.

वीडियो: फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने वाला आदमी कौन निकला? क्या सज़ा मिलेगी?

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