The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Ahmedabad Hatkeshwar bridge to...

गुजरात: 2017 में 42 करोड़ में बना पुल, गड्ढों के कारण 2 साल से बंद, अब 52 करोड़ रुपये में फिर से बनेगा

Hatkeshwar Bridge reconstruction news: गड्ढों के चलते इतना खराब हो गया कि दो सालों से बंद है. अब फिर लगेगा करोड़ों रुपया. इसे लेकर Ahmedabad Municipal Corporation में विपक्ष के नेता ने इसे इंजीनियरिंग विफलता और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बताया. जवाब क्या आया?

Advertisement
Hatkeshwar Bridge in Ahmedabad
अहमदाबाद कांग्रेस के शहर अध्यक्ष हिम्मत सिंह पटेल ने भी इसे लेकर चिंता जताई है. (फ़ोटो - इंडिया टुडे)
pic
अतुल तिवारी
font-size
Small
Medium
Large
15 सितंबर 2024 (Updated: 15 सितंबर 2024, 12:52 IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद में हटकेश्वर ब्रिज को ख़राब हालत के कारण सिर्फ़ सात साल बाद दोबारा बनाया जाएगा. ये ब्रिज 2017 में 42 करोड़ रुपये की लागत से बना था. लेकिन गड्ढों के कारण उसे बंद करना पड़ा. अब इसे 52 करोड़ रुपये की लागत से फिर बनाया जाएगा. अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने ब्रिज के पुनर्निमाण के लिए चौथा टेंडर जारी कर दिया है. बताया गया कि इस निर्माण में खर्च होने वाली पूरी राशि उसी कंपनी से वसूल की जाएगी, जिसने 2017 में इसे बनाया था.

सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण ये पुल पिछले दो सालों से बंद है. इसे लेकर AMC की स्थायी समिति के अध्यक्ष देवांग दानी ने इंडिया टुडे के साथ बात की. उन्होंने बताया कि हटकेश्वर ब्रिज को नुक़सान के कारण बंद कर दिया गया था. इसे ध्वस्त करने और फिर से बनाए जाने के लिए AMC की तरफ़ से तीन निविदाएं जारी की गई थीं, लेकिन किसी भी कंपनी ने जवाब नहीं दिया. चौथी कोशिश में राजस्थान की कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को लेने पर अपनी सहमति जताई. देवांग ने आगे बताया कि AMC का लक्ष्य 15 दिनों के भीतर प्रक्रिया पूरी करना और अगले 18 महीनों में नया पुल तैयार करना है. देवांग दानी ने बताया कि पुनर्निर्माण लागत का मूल्यांकन जारी है.

इस ब्रिज को लेकर AMC में विपक्ष के नेता शहजाद खान पठान ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने हटकेश्वर ब्रिज को इंजीनियरिंग विफलता और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बताया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, पठान ने कहा,

पुल का उद्घाटन नवंबर 2017 में हुआ था, जिसे अजय इंफ्रा ने बनाया था. लेकिन मार्च 2021 में गड्ढे के कारण इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था. अगस्त 2022 में बनाई गई स्टेबिलिटी रिपोर्ट में असुरक्षित पाए जाने के बाद ब्रिज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. अब पुनर्निर्माण समेत ब्रिज की कुल लागत केवल पांच सालों में 94 करोड़ रुपये होगी. ये राशि अजय इंफ्रा कंपनी से वसूल की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें - 960 करोड़ में बना साउंड प्रूफ हाईवे, अब इतने गड्ढे कि गाड़ी में कहां-कहां से साउंड आ रहा पता करना मुश्किल!

वहीं, मामले में गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने पुष्टि की है कि विध्वंस और पुनर्निर्माण पर 52 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे मूल ठेकेदार से वसूला जाएगा. सांघवी की बात का जवाब देते हुए पठान ने पूछा है कि जब अहमदाबाद में अन्य नए पुलों के निर्माण में 100 करोड़ से ज़्यादा की लागत आ रही है. तब इस पुल के पुनर्निर्माण में सिर्फ़ 52 करोड़ रुपये की लागत क्यों आएगी. उन्होंने ये भी पूछा कि सभी नए पुलों पर लागत बचाने का ऐसा ही तरीक़ा क्यों नहीं अपनाया जा सकता.

वहीं, अहमदाबाद कांग्रेस के शहर अध्यक्ष हिम्मत सिंह पटेल ने भी इसे लेकर चिंता जताई है. हिम्मत सिंह ने BJP पर कार्रवाई से बचने, ठेकेदर और अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच ना करने और ED, CBI जैसी एजेंसियों का चुनिंदा तरीक़े से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

वीडियो: सड़कें या तालाब, पता नहीं चल रहा, उत्तर भारत में मानसून ने खोली सरकारों के दावे की पोल

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement