पुलिस बन महिला टीचर को किया डिजिटल अरेस्ट, मांगे एक लाख रुपये, हार्ट अटैक से हुई मौत
आगरा में Digital Arrest की वजह से एक महिला शिक्षक की मौत हो गई. हार्ट अटैक आने से. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest). इस जुड़ी हुई खबरें आजकल लगातार आपको सुनने को मिल रही होगी. जिसमें लोगों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे ऐंठ लिए जाते हैं. आए दिन किसी ना किसी के साथ ऐसे स्कैम की खबरें सामने आती रही है. लेकिन अब जो खबर सामने आई है, वो वाकई में काफी डराने वाली है. इस डिजिटल अरेस्ट की वजह से एक महिला शिक्षक (Agra Teacher dies) की मौत हो गई. हार्ट अटैक आने से. रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल अरेस्ट की वजह से मौत का ये पहला मामला है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मृतका मालती वर्मा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल, अच्छनेरा में टीचर थीं. 30 सितंबर को तकरीबन 12 बजे उनके पास एक वॉट्सऐप कॉल आता है. कॉलर ने प्रोफाइल फोटो में किसी पुलिस अधिकारी की फोटो सेट की हुई थी. कॉल उठाते ही मालती से कहा जाता है कि आपकी बेटी को पुलिस ने सेक्स रैकेट में पकड़ा है.
कॉलर ने आगे कहा कि इस मामले में अभी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है और अगर आप चाहते है कि बेटी की वीडियो वायरल ना हो, तो तुरंत एक लाख रुपये ट्रांसफर कर दें. कॉलर ने धमकी दी कि अगर अगले 15 मिनट में पैसे नहीं भेजे तो केस दर्ज कर उनकी बेटी को जेल भेज देंगे. ये सुन महिला टीचर काफी परेशान हो गईं. उन्होंने आनन-फानन में अपने बेटे को कॉल कर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा. हालांकि बेटे ने उन्हें समझाया कि ये फेक कॉल है और उन्हें चिंता करने की करने की कोई जरूरत नहीं है.
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इसके बाद महिला टीचर घर चली गईं. लेकिन वहां अचानक से उनकी तबियत काफी बिगड़ गई. उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. लेकिन वहां पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई. इस पूरे वाकये के बारे में उनके बेटे दिव्यांशु ने आज तक को बताया,
“करीब 12 बजे माता जी का फोन मेरे पास आया था. उन्होने कहा कि एक लाख रूपये लेकर एक नंबर पर जल्दी ट्रांसफर कर दो. मम्मी से जब नंबर मांगा तो वो नंबर +92 से शुरू हो रहा था. नंबर देखते ही में समझ गया की यह पाकिस्तान का फ़र्ज़ी नंबर है. मम्मी परेशान हो रही थी तो मैंने बहन से भी मम्मी की बात करा दी थी.”
वहीं टीचर की बेटी का भी बयान सामने आया है. उन्होंने बताया,
“मेरे पास भाई का कॉल आया था और भाभी भी उनके साथ ही थीं. भाई और भाभी ने पूछा की तुम कहां हो तो मैंने बताया की में कॉलेज में हूं. मैंने वीडियो कॉल करके दिखाया कि मैं कॉलेज में ही हूं. मेरी मम्मी से भी बात हुई, उनको भी मैंने बताया कि कॉलेज में हूं.”
वहीं पूरे मामले पर पुलिस का बयान भी सामने आया है. ACP मयंक तिवारी के मुताबिक,
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?“पूरा मामला 30 सितंबर का है. हालांकि तहरीर 3 अक्टूबर को मिली है. परिवार वालों की तरफ से 1 अक्टूबर को उनका दाह संस्कार कर दिया गया. पूछने पर पता चला कि उनका पोस्टमॉर्टम भी नहीं हुआ है. फिलहाल, FIR दर्ज कर ली गई है और मामले की गहनता से जांच की जा रही है.”
अब जिस डिजिटल अरेस्ट की बात आ रही है, वो क्या होता है? डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम का एक नया तरीका है जिसमें स्कैमर्स पीड़ित व्यक्ति को वीडियो कॉल पर डरा-धमका कर घर पर ही कैद कर लेते हैं. उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी जाती है. ये सब करके किसी शख्स को इतना परेशान करते हैं कि वो पैसे देने पर मजबूर हो जाता है.
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