मृतक जवान को सेना ने नहीं दिया 'गार्ड ऑफ़ ऑनर', अग्निवीर स्कीम को क्यों घेरा जा रहा?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिख रहा है कि जवान अमृतपाल सिंह की बहनें उन्हें कंधा दे रही हैं.
मंगलवार, 10 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक जवान की गोली लगने से मौत हो गई थी. वो लाइन ऑफ़ कंट्रोल (LoC) के पास तैनात था. अब एक वीडियो सामने आया है, जिसमें जवान के परिवार वाले ही उन्हें कंधा देते दिख रहे हैं. ख़बर है कि जवान को सेना की तरफ़ से न तो 'गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया, न ही अंतिम विदाई. वो अग्निवीर योजना के ज़रिए सेना में भर्ती हुए थे. अब विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार और अग्निवीर योजना पर जमकर निशाना साध रही हैं.
क्या है मामला?इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े मन अमन सिंह छीना की रिपोर्ट के मुताबिक़, मृतक जवान का नाम अमृतपाल सिंह है. उम्र थी, 21 साल. पंजाब के मनसा के रहने वाले हैं. पिछले ही सेना में ड्यूटी शुरू की थी. मनकोट सेक्टर में एक अग्रिम चौकी पर सिपाही के पद पर तैनात थे. 10 अक्टूबर की सुबह जम्मू-कश्मीर में उनकी मौत हो गई. शुरुआती जांच में सामने आया कि गोली जवान की ही सर्विस राइफल से चली थी. हालांकि, ये साफ नहीं हुआ कि सैनिक की मौत एक्सीडेंट से हई है या उन्होंने ख़ुदकुशी की.
13 अक्टूबर को अमृतपाल सिंह का अंतिम संस्कार उनके गांव कोटली कलां में हुआ. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जवान के पिता गुरदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने 10 अक्टूबर को ही अपने बेटे से बात की थी. फिर सेना का एक हवलदार और दो जवान उनके बेटे के शव लेकर गांव आए. बताया कि गार्ड ऑफ़ ऑनर के लिए सेना की कोई टुकड़ी मौजूद नहीं थी. अमृतपाल के बाएं कान के ऊपर गोली लगने का घाव था.
जम्मू के डिफेंस PR ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत की परिस्थितियों की जांच की जा रही है. गार्ड ऑफ़ ऑनर न मिलने को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है. वहीं, पंजाब में सैनिक कल्याण के निदेशक और रिटायर्ड ब्रिगेडियर BS ढिल्लों के मुताबिक़, उनके विभाग को सैन्य अधिकारियों से अग्निवीर के निधन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी. उन्होंने बताया कि जवान को पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया है.
'अग्निवीर योजना की असलियत'चूंकि अमृतपाल की भर्ती अग्निवीर स्कीम के ज़रिए हुई थी, तो विपक्ष पूरी तरह से टूट पड़ा है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर किया और लिखा,
पंजाब के अमृतपाल सिंह अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए थे. कश्मीर में गोली लगने से वो शहीद हो गए. यहां उनकी बहनें उन्हें कंधा दे रही हैं. उनके लिए ना सैन्य सम्मान है ना आर्मी की कोई यूनिट. वो शहीद हैं. ये अग्निवीर योजना की असलियत है.
मामले पर RLD (Rashtriya Lok Dal) के ऑफिशियल अकाउंट ने भी पोस्ट किया:
ये विडंबना ही है कि अग्निवीर से भर्ती होने पर उन्हें देश पर जान न्योछावर करने के कर्तव्य तो बता गया लेकिन एक शहीद को मिलने वाले सम्मान से उन्हें वंचित कर दिया गया. शहीद अमृतपाल सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई भी नहीं दी गई. उनका पार्थिव शरीर आर्मी वाहन के बजाए प्राइवेट एंबुलेंस से लाया गया. ये देश के शहीदों का अपमान नहीं तो और क्या है?
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पंजाब के CM भगवंत मान ने एक बयान में अमृतपाल की मौत पर शोक जताया. उन्होंने ये भी बताया कि शोक संतप्त परिवार को राज्य सरकार की नीति के अनुसार वित्तीय सहायता दी जाएगी.
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