Adani ने कांग्रेस शासित राज्यों में कितना पैसा लगाया है? सच हैरान कर देगा
विपक्ष हमला बोलता है, लेकिन उसकी सरकारों को Adani से बिलकुल परहेज नहीं
राहुल गांधी किसी रैली में बोल रहे हों और अडानी शब्द न बोलें ऐसा कम ही देखने को मिलता है. जब से अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई और उसने अडानी पर अकाउंट्स में हेरफेर, मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए, तब से कांग्रेस के शीर्ष नेता अडानी के खिलाफ और भी सक्रिय हो गए. कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कई बार इस मुद्दे को जनता के बीच उठाया था. और मोदी सरकार पर अडानी ग्रुप को गलत तरह से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था.
जिस तरह से विपक्ष अडानी को सामने रखकर BJP को घेरता रहा है, उससे ये सवाल उठता है कि क्या सिर्फ बीजेपी शासित राज्यों में ही अडानी को काम मिला है. और क्या गैर बीजेपी राज्यों में अडानी का निवेश नहीं है? इस सवाल का जवाब इसलिए भी जानना चाहा, क्योंकि जिस कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के कई नेताओं ने अडानी के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा था, अब वहीं से कांग्रेस सरकार बनने के बाद अडानी को प्यार भरे मैसेज दिए जा रहे हैं.
चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने विधायक एमबी पाटिल को राज्य का उद्योग मंत्री बनाया है. पाटिल ने ही Adani Group को लेकर कहा है कि कर्नाटक के दरवाजे Adani के लिए खुले हैं. कर्नाटक के उद्योग मंत्री ने इंडिया टुडे से बातचीत में ये बात कही है.
दरअसल, नवंबर 2022 में कर्नाटक सरकार के एक कार्यक्रम में अडानी ग्रुप ने राज्य में एक लाख रुपए के निवेश का वादा किया था. ग्रुप ने अगले सात सालों में ऐसा करने की बात कही थी. अडानी के इसी वादे को लेकर एमबी पाटिल से सवाल पूछा गया.
जवाब में उन्होंने कहा,
Congress शासित राज्यों में Adani का कितना बिजनेस?'कर्नाटक अडानी ग्रुप के निवेश के खिलाफ नहीं है. अडानी ग्रुप का स्वागत है. जब कोई उद्योगपति उद्योग स्थापित करने के लिए आएगा, तो हम उनके प्रस्तावों पर विचार करेंगे. हम उन्हें प्रस्तावों के साथ आने का समय देंगे. चाहे वो अडानी, अंबानी, एस्सार या जिंदल हों, कोई भी जो वैध, पारदर्शी व्यापार करना चाहता है, उसका स्वागत है, सिर्फ दो नामों तक सीमित क्यों? मैं चाहता हूं कि मेरे राज्य को सभी से फायदा हो.'
जांच-पड़ताल की तो पता लगा कि Adani Group का देश के लगभग सभी राज्यों में निवेश है. आइये उन राज्यों के नाम जानते हैं जहां अडानी के बड़े प्रोजेक्ट हैं, और जहां गैर बीजेपी शासन है.
>> छत्तीसगढ़ - 25 हज़ार करोड़, जिसमें कोल खदानें भी हैं. हसदेव अरण्य विवाद भी उसी का हिस्सा है.
>> राजस्थान - 65 हज़ार करोड़ के निवेश का वादा किया है. छत्तीसगढ़ में राजस्थान की कोल खदान भी अडानी के पास है.
>> केरल - 7 हज़ार 400 करोड़ जिसमें विझिंजम बंदरगाह शामिल है.
>> बंगाल में 35 हज़ार करोड़ का निवेश
>> आंध्र प्रदेश में 60 हज़ार करोड़ का काम
>> ओडिशा में 57 हज़ार करोड़ के प्रोजेक्ट
>> तमिलनाडु - 4 हज़ार 500 करोड़ जिसमें रामनाथपुरम सोलर प्लांट शामिल है.
यहां हमने न्यूनतम निवेश की राशी बताई है. जहां-जहां प्रोजेक्ट के नाम हैं, वहां राशी संबंधित प्रोजेक्ट की है. जहां समूह के हित एक से ज़्यादा क्षेत्रों से जुड़े हैं, वहां कुल निवेश की राशी बताई है. इन आंकड़ों में सुधार संभव है.
विपक्षी राज्यों में निवेश को लेकर स्वयं गौतम अडानी स्थिति साफ कर चुके हैं. इस साल की शुरुआत में इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था,
“मेरा बिजनेस देश के 22 राज्यों में फैला है, जिसमें सभी पर बीजेपी का शासन नहीं हैं. इससे खुशी की बात और क्या हो सकती है. हम हर राज्य में अधिकतम निवेश करना चाहते हैं. हमें किसी राज्य सरकार से कोई समस्या नहीं है. हम वाम शासित केरल में भी काम कर रहे हैं, ममता दीदी के पश्चिम बंगाल में, नवीन पटनायक जी के ओडिशा में, जगनमोहन रेड्डी के राज्य आंध्र प्रदेश में, यहां तक कि केसीआर के राज्य तेलंगाना में भी काम कर रहे हैं. मैं दावे के साथ कह सकता हूं मुझे किसी भी सरकार से बिजनेस में मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं हुई.”
यानी साफ है कि अडानी को गैर बीजेपी शासित राज्यों में बिजनेस करने में कोई परेशानी नहीं होती. उनका काम बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों वाले राज्यों में भी खूब फल-फूल रहा है.
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