राम पर वायरल हो रही इस कविता में ऐसा क्या है?
कविता की कल्पना में इसे सुनाने वाले कवि त्रेता से आए हैं. वे सबसे पहले अपने श्रोताओं और दर्शकों से कहते हैं कि दस तक गिनती गिन रहा हूं. इस बीच राम लिखते, सुनते, पढ़ते, देखते या दिखते ही जो छवि आपके मन में आए. उसे सहेजकर रखिये. फिर वे नौ तक गिनते हैं. लेकिन वहीं रुक जाते हैं. फिर कहते हैं....
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