पद्मनाभस्वामी मंदिर. केरल के तिरुअनंतपुरम में है. भगवान विष्णु का मंदिर. बहुतचर्चित. दर्शन के लिए लोगों की लंबी कतारें लगती हैं. मंदिर के खजाने से सोने सेभरे 769 कलश गायब हो गए हैं. जिनकी कीमत 186 करोड़ रुपये है. ये खुलासा पूर्व CAGविनोद राय ने सुप्रीम कोर्ट में किया है. उन्होंने बकायदा हजार पन्नों की रिपोर्टतैयार की है. पढ़ लो क्या-क्या कहा गया है रिपोर्ट में, 1. सोने से भरे 822 कलश कोपिघलाया गया था. ताकि भगवान की जूलरी बनाई जा सके. इसके बाद भी मंदिर के खजाने मेंसोने से भरे 1166 कलश थे. लेकिन जब जांच हुई तो पता चला, केवल वहां 397 कलश ही बचेहैं. बाकी के 769 मटके कहां गए, कुछ पता नहीं. 2. गायब हुए इन कलश में करीब 776किलोग्राम सोना है. जिसकी कीमत 186 करोड़ रुपये है. 3. मंदिर की दान पेटी मेंकरीब 6 सौ ग्राम सोना और ढाई हजार ग्राम चांदी जमा हुई थी. जिनकी कीमत जोड़ी जाए,तो करीब 15 लाख रुपये है. इसका हिसाब-किताब मंदिर के बहीखाते वाले रजिस्टर में हैही नहीं. 4. ऐमिकस क्यूरी (सुप्रीम कोर्ट की ओर से अप्वाइंट वकील) गोपाल सुब्रमण्यमने भी एक रिपोर्ट जमा की थी. उसके मुताबिक मंदिर के बी वॉल्ट से दिसंबर 2002 में 22सिल्वर बार निकाले गए थे. जिसमें से 16 मंदिर की मरम्मत के काम के लिए दिए गए थे.अब वहां 5 ही बार बचे हैं. एक बार की कीमत 14 लाख है और वजन करीब 35 किलोग्राम.कायदे से 6 होने चाहिए थे. पर एक का कोई अता-पता नहीं है. 6. मंदिर में सोने-चांदीको तौलने और उसकी शुद्धता जांचने का कोई औजार नहीं है. कणिका (गोल्ड) रजिस्टर केहिसाब-किताब में भी कोई पारदर्शिता नहीं है. दिसंबर 2006 से लेकर नवंबर 2008 तक मेंजितना गोल्ड इकट्ठा हुआ, उसे जांचने के लिए जांच अधिकारी को नहीं दिया गया है. 7.मंदिर का सी और ई वॉल्ट अगस्त 2007 में खोला गया था. वॉल्ट में कुल मिलाकर 1,022सामान थे. जिसमें 397 सोने के कलश शामिल हैं. इन सबका उस वक्त रिकॉर्ड के लिए फोटोलिया गया था. हर कलश पर नंबर लिखा था. 1000 नंबर से शुरू हुए कलश का इस्तेमाल मंदिरके लिए किया गया था. जांच के दौरान राय को कलश नंबर 1,988 नहीं मिला. जिसका मतलबवॉल्ट में कम से कम 1988 कलश रहे होंगे. उन्होंने अपने रिपोर्ट में कलश के गुम होनेऔर फोटो के न होने की बात कही है. 8. साल 1970 में मंदिर की 2 एकड़ जमीन बेची गईथी. जिसे माना जा रहा है कि ये गैर-कानूनी है. 10 साल हो गए हैं विनोद राय को मंदिरके खजाने की जांच करते हुए. साल 2004 से लेकर 2014 तक. साल 2014 में गोपालसुब्रमण्यम को मंदिर के खजाने की जांच सौंपी गई. उनके मुताबिक मंदिर के परिसर मेंसोने की परत चढ़ी एक मशीन थी. उनका मानना था कि मंदिर के वॉल्ट के अंदर से असली सोनानिकाल लिया गया है. और उसकी जगह नकली रख दिया गया है. राय ने अपनी रिपोर्ट मेंमंदिर के बढ़ते खर्चे पर शक जताते हुए सही नहीं बताया है. और इसकी जांच के लिए एककमिटी का सुझाव भी दिया है. मंदिर के खजाने में हुए हेरफेर को लेकर उन्होंनेसुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट भेजी है. और कुछ चीजें सजेस्ट की हैं. 1. राय नेमंदिर में एडमिनिस्ट्रेटिव कमिटी के गठन की बात कही है. और कमिटी के मेंबर का सुझावभी दिया है. कमिटी में आईएस ऑफिसर, त्रावणकोर की रॉयल फैमिली और देवास्वोम बोर्ड केप्रतिनिधि, मंदिर के पुजारी, 2 आम नागरिक जो भक्त हो. और केरल सरकार की ओर सेअप्वांइट किए गए ऑफिसर को शामिल किया जाना चाहिए. 2. सारे मेंबर का कार्यकाल बस 3साल का हो. 3. कमिटी तय करेगी कि मंदिर को साल में कितना पैसा दिया जाए. 4. मंदिरमें हो रहे सारी हरकतों पर कमिटी की नजर होगी. और वही इसके जिम्मेदार भी होंगे.गोपाल सुब्रमण्यम की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर के खजाने की जांच रिपोर्ट विनोद रायको दे दी गई थी. मंदिर में अभी 1 लाख करोड़ का खजाना है. जिसकी सुरक्षा के लिएसिक्योरिटी का कड़ा बंदोबस्त कर दिया गया है.