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हाईकोर्ट ने ऐसा भी क्या फैसला सुनाया कि बिहार के 20 हजार शिक्षक एक झटके में बेरोजगार हो गए

पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए बताया कि आखिर क्यों प्राइमरी स्कूलों में नहीं पढ़ा सकते बीएड डिग्रीधारक?

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bed pass primary teacher in bihar
बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती में बीएड पास अभ्यर्थियों का परिणाम भी इसी आधार पर रोक दिया गया था. (प्रतीकात्मक फोटो- आजतक)
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शिवेंद्र गौरव
7 दिसंबर 2023 (Updated: 7 दिसंबर 2023, 13:38 IST)
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बिहार में बीएड (B.Ed.) पास किए हुए 20 हजार से ज्यादा नियोजित शिक्षकों (Bihar Primary Teachers) को पटना उच्च न्यायालय (Patna Highcourt) से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 वीं तक) के नियोजित बीएड पास शिक्षकों को अयोग्य बताया है. इनकी नियुक्ति छठे चरण के तहत हुई थी. कोर्ट ने ये भी कहा है कि सिर्फ डीएलएड (D.El.Ed) डिग्री धारक उम्मीदवार ही इस भर्ती के लिए योग्य माने जाएंगे. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने ये फैसला सुनाया है. 

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

आज 7 दिसंबर से, BPSC के दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा की शुरुआत हो रही है. इसके एक दिन पहले जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव राय की खंडपीठ ने बीएड पास शिक्षकों की योग्यता को लेकर फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा,

"हम संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से बंधे हैं. राज्य को भी इस निर्णय का पालन करना होगा. सर्वोच्च न्यायालय की तीन जजों की बेंच कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षक नियुक्ति के संबंध में स्पष्ट फैसला दे चुकी है. ऐसे में बीएड उम्मीदवारों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के बतौर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं माना जा सकता है."

याचिकार्ताओं के वकील ने बताया कि कोर्ट ने अपने आदेश में छठे चरण के तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए बीएड पास उम्मीदवारों की नियुक्ति का सरकारी आदेश रद्द कर दिया है. इस आदेश के बाद खाली हुई जगहों पर फिर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरु की जाएगी. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि राज्य सरकार को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की साल 2010 की मूल अधिसूचना के मुताबिक, योग्य उम्मीदवारों को ही नियुक्त करना होगा. राज्य सरकार ये भी सुनिश्चित करेगी कि कितने पद खाली हो रहे हैं और उन पदों को कैसे भरा जाना है.

ये भी पढ़ें: बिहार: नए-नए सरकारी टीचर को क्लासरूम से उठाया, बंदूक की नोक पर करवा दी पकड़ौआ शादी

छठे चरण में नियुक्ति कैसे हुई?

बिहार में, साल 2021 में छठे चरण की शिक्षक भर्ती, नगर निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत बेस पर की गई थी. इस नियुक्ति प्रक्रिया के बाद पटना हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं जिसमें बीएड पास अभ्यर्थियों की प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक पद पर नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की गई थी. 2022 में छठे चरण में 52 हजार शिक्षकों को बहाल किया गया था. इनमें कक्षा 1 से 5 तक के 22 हजार शिक्षक थे. सरकार को इन सभी को दो साल के अंदर एक ब्रिज कोर्स कराना था, जो सरकार अब तक नहीं करा पाई है.

इस मामले में राज्य सरकार ने NCTE की तरफ से 28 जून, 2018 को जारी की गई एक अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा था कि NCTE ने बीएड पास अभ्यर्थियों को कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक पदों पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी है. अपने नोटिफिकेशन में NCTE ने बीएड उम्‍मीदवारों को प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 तक) में पढ़ाने के लिए योग्य करार दिया था. लेकिन राजस्थान सरकार ने इस नोटिस से सहमति ना जताते हुए सिर्फ D.El.Ed. या BTC पास करने वालों को भर्ती के लिए योग्‍य माना. इस आदेश के खिलाफ B.Ed. के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी. उनका तर्क था कि दूसरे राज्य NCTE के नॉर्म्स के तहत B.Ed. पास उम्मीदवारों को प्राइमरी टीचर के पदों पर बहाली दे रहे हैं, लेकिन सरकार उन्‍हें नौकरी नहीं दे रही. इस पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद 25 नवंबर, 2021 को NCTE के नोटिफिकेशन को खारिज करके और BTC और D.El.ED अभ्यर्थियों के हक में फैसला सुनाया गया था.

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय क्या था? 

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राजस्थान के B.Ed. पास अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. 11 अगस्त, 2023 को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने भी साल 2018 के NCTE नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि B.Ed. पास उम्मीदवारों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी स्किल्स और अप्रोच नहीं है. फिर सभी राज्यों में ये आदेश लागू हो गया. बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती में बीएड पास अभ्यर्थियों का परिणाम भी इसी आधार पर रोक दिया गया था. वे प्राइमरी में टीचर नहीं बन पाए. जबकि शिक्षक भर्ती में 3 लाख 90 हजार बीएड पास कैंडिडेट्स शामिल हुए थे. लेकिन तब सिर्फ डीएलएड पास वालों का परिणाम घोषित किया गया था.

और अब अब हाईकोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बीएड पास अभ्यर्थियों को झटका दिया है. अपने फैसले के साथ ही कोर्ट ने सरकार के भर्ती प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करने का आदेश भी दिया है.

वीडियो: बिहार के लड़कों ने सरकारी नौकरी की चाहत में जो बताया, वो सोचने पर मजबूर कर देगा

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