पी. बी. शेली नाम के एक अंग्रेज़ी लेखक हुए. ओज़ीमेंडियस नाम की उनकी एक कविता बड़ीफेमस है. ओज़ीमेंडियस मिश्र के एक राजा का नाम था. कविता कुछ यूं है कि ओज़ीमेंडियसकी एक मूर्ति रेगिस्तान में पड़ी है. मूर्ति का सर टूट के रेत में धंसा हुआ है. औरबगल में लिखी हैं ये पंक्तियां“मेरा नाम ओज़ीमेंडियस है, मैं राजाओं का राजा हूंमैंने जो काम किए हैं, हे शक्तिमान लोगों देखो,और मायूसी में जियो!”दुनिया को अपनी मुट्ठी में समझने वाले ऐसे जितने भी शासक हुए, तारीख ने उन सब काअंजाम यही बताया, उनके महलों पर वक्त की रेत जम गई और साम्राज्य धूल में उड़ गए. आजकहानी एक ऐसे ही साम्राज्य की. जिसके बारे में कहा जाता था कि यदि केवल उसके ख़ज़ानेके मोती-मोती निकालकर चादर की तरह बिछाए जाएं, तो पिकाडिली सरकस के सारे फुटपाथ ढकजाएं. जिसके ख़ज़ानों में माणिक, मुक्ता, नीलम, पुखराज आदि के टोकरे भर-भर कर तलघरोंमें रखे हुए थे- जैसे कि कोयले के टोकरे भरे हुए हों. 14 जनवरी 2023 - ये वो तारीखथी जिस दिन 236 साल पुराने इस साम्राज्य ने अपने आठवें निज़ाम का अंत देखा. हम बातकर रहे हैं हैदराबाद रियासत की. 14 तारीख को हैदराबाद के आख़िरी निज़ाम नवाब मीर बरकतअलीख़ान वालाशन मुकर्रम जाह बहादुर का इंस्ताबुल में इंतकाल हो गया. क्या थी उनकीकहानी और क्या हुआ उनकी हैदराबाद रियासत की अकूत धन दौलत का. देखिए वीडियो.