साल 1902 की बात है. वड़ोदरा में कुश्ती का कम्पीटीशन चल रहा था. कुश्ती तो चली हीलेकिन साथ ही पहलवानों ने अपने जौहर भी दिखाए. एक पत्थर था. 1200 किलो का. हाँ ठीकसुना आपने. 1200 किलो. पहलवानों में होड़ लग गई. इसे कौन उठाएगा. सबने कोशिश की. सबएक से एक ताकतवर थे लेकिन सब के सब खेत रहे. तभी आया एक शख्स. बाकियों से हाइट कम.बस 5 फुट 7 इंच. सबने सोचा, ये क्या कर लेगा. उसने पत्थर को देखा. एक हाथ लगाया.फिर दूसरा और देखते ही देखते पत्थर जमीन के ऊपर. लोगों की उंगलियां दांतों तले. येपत्थर आज भी वड़ोदरा के म्यूजियम में रखा हुआ है. पत्थर पर लिखा है, “ये ये पत्थर 23दिसम्बर 1902 के दिन गुलाम मोहम्मद ने उठाया था.” गुलाम मुहम्मद से आप शायद रिलेट नकर पाएं. इसलिए एक और नाम बताते हैं आपको. गामा पहलवान. देखें वीडियो.