साल 1935 के आसपास की बात है. कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच तनातनी दिन पर दिनबढ़ती जा रही थी. जिन्ना चार साल लन्दन में निर्वास में बिताने के दोबारा भारत लौटआए थे. वहीं ये ही वो साल भी था जब डॉक्टर आम्बेडकर ने हिन्दू धर्म छोड़ने का ऐलानकिया था. शंकर घोष लिखते हैं कि गांधी, जो पहले ही हिन्दू मुस्लिम के बीच बढ़ते तनावको लेकर परेशान थे, उन पर आम्बेडकर की घोषणा का गहरा असर हुआ. गांधी ने इस दौरानजाति, अंतर्जातीय विवाह समेत कई पक्षों पर लेख लिखे, और अपने विचारों को गाढ़ा किया.फिर उसी साल गांधी को एक और खबर मिली, जिसने धर्म को लेकर उनके विचारों में खलबलीपैदा की. देखिए वीडियो.