डॉक्टर कलाम अपने साथी डॉक्टर वीएस अरुणाचलम. दोनों बाहर की तरफ़ निकलते हुए उंगलीमें कुछ हिसाब लगाते हैं. अपने खास प्रोजेक्ट के लिए उन्हें 400 करोड़ रूपये चाहिएथे. लेकिन इतनी बड़ी रकम पास होना, बहुत मुश्किल था. डॉक्टर कलाम और डॉक्टरअरुणाचलम- दोनों हिसाब लगा रहे थे - 100 करोड़ का बजट ही पास हुआ तो? 200 करोड़ हुआतो क्या करेंगे? ये सब कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन इस दौरान दोनों ने एक बार भी येनहीं सोचा कि प्रोजेक्ट कैंसल भी करना पड़ सकता है. असफलता की उस रोज़ कोई गुंजाइशनहीं थी. क्योंकि दांव पर लगा था भारत का भविष्य. इस घटना के 5 साल बाद ऐसी ही एकरोज़ सदन में PM राजीव गांधी खड़े होते हैं. और अपनी बात की शुरुआत करते हैं."सदन को सूचना देते हुए मुझे बड़ी ख़ुशी हो रही है. आज सवेरे 11 बजकर 23 मिनट पर भारतकी लैंड टू लैंड मिसाइल ‘पृथ्वी’ का सफल परीक्षण पूरा हो गया है"1983 में जो मिसाइल सिर्फ कागज़ों में थी. वो 1988 में बनकर तैयार हो चुकी थी. तोइस वीडियो में जानते हैं कि कैसे बनी पहली मिसाइल? और कैसे हुआ इसका परिक्षण? पूरीकहानी जानने के लिए देखें तारीख का ये एपिसोड.