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एक कविता रोज़ में सुनिए गोपालदास नीरज की कविता

'अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए /जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए'

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मयंक
21 जुलाई 2021 (Updated: 26 जुलाई 2021, 16:05 IST)
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दी लल्लनटॉप का कविताओं से जुड़ा कार्यक्रम जिसका नाम है 'एक कविता रोज़'. आज के एपिसोड में में बात गोपालदास सक्सेना की जिन्हें हम और आप  गोपालदास नीरज के नाम से भी जानते हैं. कुछ दिनों पहले उनकी पुण्यतिथि थी. इटावा, उत्तर प्रदेश में जन्मे गोपालदास नीरज हिंदी के प्रसिद्ध गीतकारों में गिने जाते हैं. उनके लिखे गीतों में ‘लिखे जो ख़त तुझे...’, ‘कारवाँ गुज़र गया...’, ‘शोखियों में घोला जाए...’ आपलोगों को आज भी याद होगा. आज के एक कविता रोज़ में सुनिए गोपालदास नीरज की कविता - 'अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए'.देखिए वीडियो.

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