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कौन है अनूप मंडल, जिसको बैन करने के लिए मोदी-शाह के पास चिट्ठी पहुंच गयी है?

क्या हुआ था साल 1909 में?

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अनूप मंडल के मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर खासा विवाद हो रहा है.
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Varun Kumar
1 जून 2021 (Updated: 1 जून 2021, 14:46 IST)
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पिछले कुछ दिनों से ट्विटर पर #BanAnoopMandal के नाम से एक हैशटैग चल रहा है. जैन समाज के लोग 'अनूप मंडल' को बैन करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन आखिर अनूप मंडल है कौन? क्या ये कोई संगठन है या फिर कोई शख्स है? और ऐसा क्या हुआ है कि इसको बैन करने की मांग की जा रही है? चलिए पता करते हैं. ट्विटर पर क्या चल रहा है? ट्विटर पर जब ये हैशटैग ट्रेंडिग में आया तो 'दी लल्लनटॉप' की सोशल मीडिया टीम की निगाह इस पर पड़ी. क्लिक करने पर हजारों ट्वीट्स सामने आ गए. शिकायती पत्र और जिंदाबाद-मुर्दाबाद वाले वीडियो. अनूप मंडल क्या चीज है उसे समझने के लिए सबसे पहले आप इस छोटे से वीडियो को देख लीजिए-
https://twitter.com/jainoxycilian/status/1398617511952797699
इस वीडियो में एक बुजुर्ग शख्स बैठे दिखते हैं जो कह रहे हैं कि,"संसार में जितने भी पाप हैं वह बनियों के कारण हैं. जैन और बनियों की वजह से ही कलयुग है. ये लोग राक्षस हैं."
अब ये दूसरा वीडियो देखिए जिसमें अनूप मंडल के कुछ लोग जैन समाज के धर्मगुरुओं की तस्वीर को आग लगा रहे हैं और भलाबुरा कह रहे हैं. मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं. इस भीड़ में पुरुषों के साथ साथ महिलाएं भी शामिल हैं.
https://twitter.com/AtmaPariv/status/1398508625220423681
ऐसा नहीं है कि केवल अनूप मंडल की ओर से ही नारेबाजी हो रही है. नारेबाजी, जैन समाज की ओर से भी की जा रही है. ये वीडियो देखिए जिसमें अनूप मंडल के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं.
https://twitter.com/DMLODHA5/status/1398893139272687623
अब ट्विटर पर जारी ये पूरा विवाद तो आपको समझ में आ गया होगा. लेकिन ये अभी तक नहीं पता चला होगा कि अनूप मंडल क्या बला है? अब जानिए अनूप मंडल क्या है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 1909 में अनूपदास नाम के साधु ने एक किताब लिखी. किताब का नाम है 'जगतहितकारिणी'. इस किताब में कई ऐसी बातें लिखी गई हैं जो जैन समाज व वैश्य समाज के खिलाफ हैं. इस किताब को मानने वाले लोगों ने आश्रम खोले, संगठन बनाए. और राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र के इलाकों में जैन व बनिया समाज के खिलाफ प्रचार करना शुरू कर दिया.
अब इन्हीं ख़बरों की मानें तो अनूप मंडल कोई एक शख्स नहीं है, अनूप मंडल एक गुट है. मतलब अनूपदास का मंडल हुआ अनूप मंडल. ये गुट मानता है कि संसार में जो कुछ भी गलत हो रहा है, उसके पीछे जैन और बनिए शामिल हैं. कहा जाता है कि अनूप मंडल से जुड़े लोग मानते हैं कि दुनिया के किसी कोने में (कुछ इसे बरमूडा ट्राएंगल के नीचे बताते हैं) जैन लोगों ने एक राक्षसी दुनिया बनाई हुई है और वहां से ये लोग दुनिया में महामारी छोड़ते हैं.
Anoop Das इंटरनेट पर ये फोटो अनूपदास की बताई जा रही है. फोटो साभार- ट्विटर

अनूप मंडल के साधु-प्रचारक ये दावा करते हैं कि भूकंप से लेकर तूफान तक और प्लेग से लेकर कोरोना तक जैन साधुओं के कारण हैं. यही नहीं एक वीडियो में अनूप मंडल से जुड़ा एक शख्स ये दावा करता दिखता है कि समुद्र पानी भी इसी कारण से खारा है.
इस मामले को थोड़ा और समझने के लिए हमने बात की राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार विनोद पाठक से. विनोद, राजस्थान पत्रिका से लंबे वक्त जुड़े रहे हैं और अब स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर काम कर रहे हैं. वो बताते हैं,
"राजस्थान में एक इलाका है, जिसे मारवाड़ कहा जाता है. मारवाड़ के सिरोही, सुमेरपुर, तख्तगढ़ और गोड़वाड़ बेल्ट में अनूप मंडल की सक्रियता ज्यादा है. यहां जैन समाज भी अच्छी संख्या में रहता है. जैन समाज के कुछ लोग आरोप भी लगाते हैं कि अनूप मंडल के सदस्य अक्सर जैन संतों और समाज के लोगों को निशाना बनाते हैं. कुछ ने जैन संतों की हत्या के आरोप भी लगाए हैं. हालांकि, अधिकांश लोग हत्या के आरोपों से इनकार भी करते हैं. अनूप मंडल के सदस्यों की संख्या की स्पष्ट जानकारी नहीं है. ज्यादातर सदस्य पहचान छिपाकर रखते हैं. चूंकि यह आदिवासी इलाका है तो अनूप मंडल में इनकी तादाद बड़ी हो सकती है."
इंटरनेट पर अनूप मंडल को सर्च करते हुए हमें कुछ फोन नंबर भी मिले. हमने अनूप मंडल सदस्यों का पक्ष लेने के लिए उनसे भी बात की. सिरोही जिले के 'जगतहितकारिणी' संगठन से जुड़े रतन सिंह ने फोन पर बताया,
"मैं कुछ कहूंगा ही नहीं इस बारे में. आप किताब पढ़िए. आपको अपने आप सब समझ आ जाएगा. हम क्यों किसी को बुरा कहेंगे सा, हम तो सच बता रहे हैं. सच किताब में लिखा है. अनूप दास ने 1909 में इसकी शुरूआत की थी. फिर किताब छपवाई, हमारी साइट पर किताब फ्री में है. आप पढ़ो उसे. हम किसी के खिलाफ नहीं हैं."
अनूप मंडल से जुड़े एक सदस्य नवीन प्रजापत ने कहा,
"मुझे कुछ नहीं कहना. ना ही मीडिया से बात करनी है. ना ही अपना पक्ष रहना है. हम केवल कुदरत की बात कर सकते हैं. मालिक की बात कर सकते हैं. और मुझे क्या कहना है. ना मुझे ट्विटर पता, ना सोशल मीडिया. ना मैं कुछ और जानता हूं."
जैन धर्म वालों का इस पर क्या कहना है? इस पूरे मामले से जैन धर्म को मानने वाले काफी आहत हैं. जैन संगठन इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं और मोदी से लेकर अमित शाह तक को चिट्ठियां भेज रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम भी ज्ञापन भेजे जा रहे हैं.
https://twitter.com/Rishabhbaid_/status/1398658632816893959
राजस्थान के बाडमेर से कांग्रेस के विधाक मेवाराम जैन ने भी सीएम गहलोत को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें अनूप मंडल को बैन करने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि अनूप मंडल नाम का संगठन, जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है.
Mevaram Jain विधायक मेवाराम जैन का पत्र
प्रशासन का इस पर क्या कहना है? इस मुद्दे पर हमने सिरोही जिले के शिवगंज के उपखण्ड अधिकारी भागीरथ राम से भी बात की. उन्होंने कहा,
"मुझे यहां करीब सवा दो साल का वक्त हो गया. केवल एक बार मंडल वाले लोग आए थे ज्ञापन देने. इनकी सक्रियता बहुत अधिक नहीं है. तब भी हमने इन लोगों को बैठाकर समझाया था. काउंसलिंग की थी. आपने इनके विचार तो देखे सुने ही होंगे. अब 2019 के आखिर से कोरोना चल रहा है. तब से हमने इन लोगों का कोई धरना-प्रदर्शन आदि नहीं देखा है. कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इनकी सक्रियता बढ़ी है, ऐसा सुना गया है."
भागीरथ राम आगे कहते हैं,
"आज भी कुछ जैन समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए ज्ञापन हमें सौंपा है जिसको हमने आगे बढ़ा दिया है. कोई भी अगर भारतीय समाज में द्वेष फैलाने का काम करेगा तो निश्चित तौर पर प्रशासन उस पर एक्शन लेगा. दूसरी बात ये कि अब जनता भी समझदार है. बहुत सी बातें ऐसी हैं जो विश्वास और भरोसे को योग्य नहीं हैं, उन्हें पढ़ी लिखी जनता नहीं मानती."
अब ये है अनूप मंडल की कहानी. इति.

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