2000 के नोट से निकलकर गांधी जी लाठी लेने चले गए हैं
ये कोई छपाई की गलती नहीं है, जो RBI से हुई है. इसमें गांधी जी का संदेश छुपा है.
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2000 के नोट चिप निकालने वालों को बधाई. नोट से गांधी जी भी निकल चुके हैं. वहां कोई गोडसे नहीं आया था. ये कोई छपाई की गलती नहीं है, जो RBI से हुई है. इसमें गांधी जी का संदेश छुपा है. संदेश ये कि भगवान के लिए मेरी तस्वीर से खेलना बंद कर दो. इसमें समय का संदेश भी छुपा है, संदेश ये कि गांधी अब तुम्हारे आदर्श नहीं रह गए हैं, उनकी तस्वीर लगाकर ढोंग करना बंद करो.
नोट से गांधी जी गायब हुए. लोग कहते ही रह जाते हैं कि फकीर हैं, झोला उठाकर चल देंगे, गांधी बाबा चले गए. इसकी वजह है. नोट में गांधी जी तो छपते हैं, लेकिन पूरे कहां सिर्फ चेहरा छपता है. लाठी नहीं छपती. गांधी जी नोट से निकलकर लाठी लेने गए हैं. किसी को मारेंगे नहीं रास्ता दिखाएंगे. गांधी जी की लाठी किन लोगों के लिए है?साल कहने को 2017 चल रहा है. टेक्नोलॉजी कभी इतनी विकसित नहीं थी. जितनी अब है. तकनीक ने ऑडियो-वीडियो के फील्ड में भी प्रगति की. वीडियो की सबसे फेमस वेबसाइट यू ट्यूब है. नए साल में जो वीडियो यू ट्यूब पर टॉप ट्रेंड कर रहा था वो नोट से चिप निकालने वाला. मतलब समझ आता है? हमें तकनीक दे दो, काम आसान करने को, चीजें पता करने को, बेहतर बनने को. हम उसमें भी मूर्ख बनने के रास्ते खोज लेते हैं. इंसान इकलौते ऐसे होते हैं, जो बेवकूफ बनने के लिए भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. 2000 के नोट में गांधी जी नज़र नहीं आ रहे, आप क्या कर सकते हैं? भगवान के लिए अब आसाराम को बापू बुलाना बंद कर दीजिए. अब भी लोग आसाराम को बापू कह रहे हैं. और तो और कुछ निर्दोष 'घोषित' कर बैठे हैं. उन्हें लगता है आसाराम वाली जेल का जेलर फेसबुक और ट्विटर पर बैठा है. सुबह जब वो ट्विटर पर #बापूजी_निर्दोष_हैं #बापू_जी_को_रिहा_करो ट्रेंड करेंगे. जेलर कोठरी में पहुंचेगा और चाभी पकड़ाकर हाथ जोड़ेगा, माफी मांगेगा. मजे की बात ये कि इन्हें आसाराम निर्दोष इसलिए नहीं लगते कि उसकी बेगुनाही का इनके पास कोई सबूत है, बल्कि इसलिए लगते हैं क्योंकि ये कह रहे हैं. मध्यप्रदेश की ये तस्वीर देखिए. लिखा है, खुले में शौच किया तो जल्द ही मौत दे दी जाएगी. तस्वीर लगी है महात्मा गांधी की. हर जगह गांधी का इस्तेमाल कर लिया जाता है. गांधी चले गए क्योंकि उनसे शायद इतनी हिंसा बर्दाश्त न हो रही होगी. जो उनके नाम पर की जा रही है. लौटेंगे तो स्वच्छता के गुंडों को रास्ता दिखाने के लिए लाठी ले आएंगे. उनके निशाने पर वो लोग भी होंगे जिन्होंने हाल ही में एक बुजुर्ग की धोती से मल साफ कराया था. बैंगलोर में नए साल पर बीच सड़क लड़कियों का मास मोलेस्टेशन हुआ. बैंगलोर क्या कहें दिल्ली, हैदराबाद हर जगह से वैसी ही खबरें आ रही हैं. नेताओं ने कहा होता रहता है, पेट्रोल होता है तो आग लगती है, शक्कर गिरती है तो चीटियां आती हैं. दोष लड़कियों के कपड़ों को भी दिया गया. उन तस्वीरों को देखिए. उनसे कम कपड़े ये बूढ़ा आदमी पहनता था. गांधी लाठी लेकर लौटेंगे तो बताएंगे नेता क्या होता है. नेता क्या कहता है. नेता कैसे बनते है जिसके पीछे लोग चलते हैं. और उन लोगों के लिए उसकी क्या जिम्मेदारी होती है.
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