Quiet Luxury का पता होता तो मार्क जकरबर्ग जैसे अमीरों की सादगी के फैन ना बनते
Mark Zuckerberg की साधारण सी ग्रे कलर की टी-शर्ट और ऑस्ट्रेलियन अभिनेत्री Sarah Snook का फैशन सेंस भले 'सिम्पल लिविंग हाई थिंकिंग' वाला नजर आता हो, मगर हकीकत इससे उलट है. इसके पीछे है quiet luxury जिसका इतिहास 100 साल से भी पुराना है.
Meta के CEO Mark Zuckerberg साधारण सी ग्रे कलर की टी-शर्ट में नजर आते हैं. कभी दुनिया के नंबर एक रईस आदमी रहे बिल गेट्स साधारण सी घड़ी पहने दिख जाते हैं. अरबपति मुकेश अंबानी का आमतौर पर सफेद रंग की शर्ट में दिखना आम है. बोले तो कोई ब्रांड का टैग नहीं. अमीरी का कोई दिखावा नहीं. सिम्पल लिविंग हाई थिंकिंग टाइप.
सच्ची में ऐसा है क्या? नहीं, एकदम झूठ. क्योंकि ये सारे बड़े लोग अच्छी खासी लग्जरी में विश्वास करते हैं. कहने का मतलब मार्क की ग्रे टी-शर्ट उतनी भी सस्ती नहीं जितनी हमें नजर आती है. आज बात इसी 'शांत विलासिता' (Quiet Luxury) की जो बाहर से नजर नहीं आती. लेकिन आगे बढ़ने से पहले एक जरूरी बात. इस स्टोरी का मकसद किसी भी अरबपति या रईस के ऊपर उंगली उठाना नहीं है. भई उनका पइसा चाहे जैसे खर्चें. हम तो बस सोशल मीडिया के फोकट के ज्ञान को ठीक करने की कोशिश कर रहे.
क्या है quiet luxury?आसान भाषा में कहें तो रईसी वाला वो फैशन जिसमें अपने लिए उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं में न्यूनतम निवेश किया जाता है. इसका एक और नाम है stealth wealth. मतलब एक तरह से छिपा हुआ पैसा या कहें फैशन. इसमें किसी ब्रांड का ठप्पा तो नहीं दिखता, लेकिन क्वालिटी से कोई समझौता नहीं होता. ऐसे फैशन में कपड़े से लेकर सिलाई तक व्यक्ति विशेष के हिसाब तैयार होते हैं. एक शब्द में कहें तो handcrafted.
ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे किसी को बाजार के सेब पसंद नहीं तो सीधे बागान से तोड़कर खा लेना. अब ऐसे सेब कितने ही मिलेंगे, मतलब बहुत-बहुत कम, तो वो हुआ न्यूनतम. quiet luxury की एक और खासियत है. इस फैशन की अपील timeless है, बोले तो इसका ट्रेंड वक्त का मोहताज नहीं है. ये था, है और आगे भी रहेगा. जैसे आजकल स्किनी जींस आउट ऑफ फैशन चल रहे और बैगी खूब रौला जमा रहा. लेकिन quiet luxury में ऐसा नहीं होता क्योंकि उसका डिजाइन नॉर्मल होता है और कलर भी ज्यादा चटकदार नहीं होते. ये अक्सर ग्रे, व्हाइट या ब्लैक होते हैं. एकदम सदाबहार.
ऐसे कपड़ों पर किसी डिजाइनर का लेबल नहीं लगा होता, लेकिन इनकी कीमत कम नहीं होती. उदाहरण के लिए, मार्क बाबू की ग्रे टी-शर्ट का दाम अमूमन 300 डॉलर (मोटा-माटी 25 हजार) होता है और इसको Brunello Cucinelli नाम की कंपनी बनाती है. नाम सुनकर आपको लगेगा कि नई-नई कंपनी होगी, लेकिन जनाब गलतफहमी में मत रहिए. इतावली कंपनी है जो साल 1977 से बाजार में है.
Brunello Cucinelli सिर्फ एक उदाहरण है. Quiet luxury वाले फैशन की लंबी लिस्ट है, मसलन Max Mara, The Row वगैरा-वगैरा. Loro Piana नाम की एक और इटालियन कंपनी साल 1924 से रईसों के लिए कपड़े बना रही है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इन कंपनियों के आउटलेट नहीं होते. होते हैं, मगर किसी बहुत बड़े शहर में एक, वो भी छोटा सा.
Quiet luxury तो सालों से है, मगर इस शब्द को असल पहचान मिली HBO के लोकप्रिय बोर्डरूम ड्रामा Succession के चौथे और फाइनल सीजन से. इस साल मार्च में रिलीज हुए चौथे सीजन में Roy परिवार, विशेषकर Shiv Roy वाले किरदार, के महंगे लेकिन बिना लेबल और साधारण डिजाइन वाले फैशन को खूब पसंद किया गया. इसके बाद गूगल ट्रेंड में इस शब्द को खूब देखा गया.
इतना पढ़कर समझ तो आ ही गया होगा कि quiet luxury उतनी भी शांत नहीं, जितना सोशल मीडिया के धुरंधर दिखा देते हैं. मगर एक सवाल अभी भी बाकी.
रईस लोग ऐसा करते क्यों हैं?
जवाब है उनका quiet, मतलब उनके जीवन की शांति. अरबपति कोई यूं ही तो बन नहीं जाता. जो बन गया तो खुद एक ब्रांड. अब जो उसने कोई ब्रांड पहना तो जाहिर सी बात है कि उसकी चर्चा खूब होगी. नजर में आना भी तय है. हो सकता है उससे भी वो जाना पहचाना सवाल पूछ लिया जाए. What Label Are You Wearing? यानी शांति चाहिए तो quiet luxury वाले ब्रांड पहनो. अपने मन का रंग, अपने मन का चैन.
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