चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और PM मोदी मिले, ये इन्फॉर्मल समिट क्या होती है?
चीन के राष्ट्रपति दो दिन के भारत दौरे पर आए हैं.
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिन के भारत दौरे पर हैं. 11 और 12 अक्टूबर को भारत में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 12 अक्टूबर को उनकी वन टू वन मुलाकात होगी. यह एक इन्फॉर्मल समिट है. यानी अनौपचारिक शिखर वार्ता. दोनों नेताओं के बीच ये दूसरी इन्फॉर्मल समिट हो रही है. इससे पहले दोनों नेताओं के बीच चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी. 27-28 अप्रैल, 2018 को. पहली इन्फॉर्मल समिट के दौरान ही पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को भारत आने का न्योता दिया था. पीएम मोदी ने कहा था कि अनौपचारिक मुलाकातें होती रहनी चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि ऐसी अनौपचारिक मुलाकातें दोनों देशों के बीच परंपरा बन जाएं. मुझे खुशी होगी अगर 2019 में ऐसी मुलाकात भारत में हो सके. अब दोनों नेता मिल रहे हैं. चेन्नई के नजदीक मामल्लपुरम में.
इन्फॉर्मल समिट क्या है? इन्फॉर्मल समिट या अनौपचारिक शिखर सम्मेलन. किसी भी देशों के सबसे बड़े नेता को अपने समकक्ष के साथ बिना किसी फिक्स एजेंडे के बात करने की सुविधा देता है. अंतरराष्ट्रीय राजनीति में औपचारिक शिखर सम्मेलनों के मुद्दे और निष्कर्ष पहले से पता होते हैं. मुद्दे फिक्स होते हैं. बात बनी तो ठीक, नहीं तो मान लिया जाता है कि बातचीत बिना नतीजे के रही या सफल नहीं हो पाई. लेकिन अनौपचारिक सम्मेलन में खुलकर मुद्दों पर बात करने की गुंजाइश होती है. जब दो देशों को लगता है कि इन्फॉर्मल समिट की जरूरत है तो कर लेते हैं. यह हर साल होगी या हर दो साल पर होगी ऐसा कुछ फिक्स नहीं होता है. उदाहरण के लिए Association of Southeast Asian Nations यानी ASEAN ने 1996, 1997, 1999 और 2000 में चार अनौपचारिक शिखर सम्मेलन आयोजित किए. नवंबर, 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर में आसियान-भारत अनौपचारिक ब्रेकफास्ट शिखर सम्मेलन में भाग लिया.Welcome to India, President Xi Jinping! pic.twitter.com/1NGGKTFSCm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2019
Tamil Nadu: Prime Minister Narendra Modi with Chinese President Xi Jinping at Panch Rathas in Mahabalipuram. pic.twitter.com/z3WvL89PLx — ANI (@ANI) October 11, 2019अनौपचारिक शिखर सम्मेलन व्यापक मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देते हैं. यही कारण है कि उनका कोई विशेष ऐजेंडा नहीं होता है. कभी-कभी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दो देशों के बीच राजनयिक बातचीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसका कारण यह है कि उनमें अधिक गहराई और लचीले होते हैं. वे किसी एक विषय पर चर्चा के दायरे में बंधे नहीं होते हैं. चीन के साथ पहली इन्फॉर्मल समिट में क्या हुआ था ? पीएम मोदी अप्रैल, 2018 में चीन गए थे. इन्फॉर्मल समिट के लिए. विपक्ष ने इल्जाम लगाया, कहा कि मोदी बिना एजेंडा फिक्स किए घूमने के लिए चीन चले गए हैं. लेकिन ऐसा नहीं था. इस दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि दोनों नेताओं ने सीमा, सामरिक हित और निवेश सरीखे कई मुद्दों पर खुलकर बात की. वुहान में मोदी और शी ने भारत-चीन सीमा विवाद, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश, आतंकवाद, आर्थिक विकास और वैश्विक शांति सहित कई विषयों पर चर्चा की और एक "व्यापक सहमति" पर पहुंचे थे. पहली इन्फॉर्मल समिट से क्या हासिल हुआ? साल 2017 में चीन-भूटान-भारत की सीमा पर चीनी सैनिक जमा हो गए थे. डोकलाम के भारतीय इलाके में घुस आए थे. यह तनाव तकरीबन दो महीने चला था. वुहान में जब पीएम मोदी और शी मिले. ये बातें निकलकर सामने आईं कि दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत नहीं होने और गलतफहमी की वजह से डोकलाम जैसा संकट खड़ा हुआ. इस इन्फॉर्मल समिट में तय हुआ कि ऐसे उपाय किए जाएं ताकि इस तरह की स्थिति पैदा न हो. हॉटलाइन, आर्थिक सहयोग और सामरिक सहयोग जैसे मुद्दों पर फैसले लिए गए. और इन देशों से हुई है इन्फॉर्मल समिट चीन अकेला ऐसा देश नहीं है जिसके साथ भारत का अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ है. मई, 2018 में मोदी रूस के सोची गए थे. अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. जिससे अंतरराष्ट्रीय मामलों पर व्यापक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की जा सके. दोनों नेताओं ने वैश्विक शांति और स्थिरता, सैन्य और परमाणु ऊर्जा सहयोग को बनाए रखने और एक समान विश्व व्यवस्था के लिए आंदोलन के प्रति अपने देशों की जिम्मेदारियों पर चर्चा की थी. जून, 2019 में, G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर, रूस, भारत और चीन ने "रूस-भारत-चीन (RIC) अनौपचारिक शिखर सम्मेलन" के लिए एक साथ बैठक की, जहां उन्होंने दुनिया की आर्थिक, सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी.
दूसरी इन्फॉर्मल समिट में क्या होगा? पीएम मोदी ने उम्मीद जताई है कि इन्फॉर्मल समिट से भारत और चीन के रिश्ते को और ज्यादा मजबूती मिलेगी. मोदी-शी शिखर बैठक अनौपचारिक है. इसलिए किसी समझौते पर दस्तखत नहीं होंगे, लेकिन दोनों देश उस दिशा में आगे जरूर बढ़ेंगे. उम्मीद की जा रही है कि मोदी और शी दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने वाले कुछ ऐलान कर सकते हैं.#WATCH PM Narendra Modi with Chinese President Xi Jinping visit the Krishna’s Butter Ball, Mahabalipuram #TamilNadu pic.twitter.com/TMgWuChdd1
— ANI (@ANI) October 11, 2019
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