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DNA टेस्ट क्या है और इसे कैसे-कहां करवा सकते हैं, पूरी ABCD जान लीजिए

क्या अपनी मर्जी से लैब में जाकर कोई भी DNA टेस्ट करा सकता है?

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डीएनए टेस्टिंग जहां पहले बहुत कम केसों में होती थी, अब इसके लिए कई प्राइवेट लैब भी खुल चुकी हैं.
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अमित
26 नवंबर 2020 (Updated: 26 नवंबर 2020, 13:02 IST)
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DNA टेस्टिंग का नाम आते ही दिमाग में दो बातें घूमने लगती हैं. एक, अपराधी को DNA टेस्ट से कैसे पकड़ा गया, और दूसरा कि फलाना किसी का असली बेटा है या नहीं. अब सवाल ये उठता है कि क्या कोई भी कभी भी आम लैब की तरह DNA टेस्टिंग की लैब में जाकर अपना DNA टेस्ट करवा सकता है, या इसके लिए भी किसी परमीशन या रिकमेंडेशन की जरूरत होती है? आइए करते हैं DNA टेस्टिंग का पूरा चेकअप-
टेस्ट पर बात से पहले एक चौचक खबर जानिए
हुआ ये कि मध्य प्रदेश के होशंगाबद में पुलिस के पास एक कुत्ते की कस्टडी का मामला आया है. जर्नलिस्ट शोएब खान का कहना है कि ये उनका कुत्ता कोको है, वहीं शिवहरे नाम का बंदा इस कुत्ते को अपना 'टाइगर' बता रहे हैं. पुलिस दोनों के दावे से चकरा गई है. उसने फैसला करने के लिए DNA टेस्ट का ऑप्शन दे दिया है. शोएब खान तो इसके लिए तैयार भी हो गए हैं. DNA टेस्ट से ये पता लगाया जाएगा कि जिस जगह से कुत्ते को लाने की बात शोएब कह रहे हैं, वह कितनी सही है. इस टेस्ट के लिए शोएब 30 हजार रुपए देने को भी राजी हैं. लेकिन उन्होंने ये भी कह दिया है कि एक बार कोको पर बात साफ हो जाने के बाद वह दूसरी पार्टी को हर्जाने के लिए कोर्ट में खीचेंगे.
पालतू जानवर रखना जिम्मेदारी का काम है.
मध्य प्रदेश में एक कुत्ते की कस्टडी को लेकर घमासान हो गया है. अब पुलिस कुत्ते का डीएनए टेस्ट कराने जा रही है. (सांकेतिक तस्वीर)

DNA और इसका टेस्ट होता क्या है?
DNA असल में जीवों की असली जन्मकुंडली होती है. जैसे, ज्योतिषी किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली को देखकर बताता है कि उसके ग्रह नक्षत्रों कैसे चल रहे हैं और उसका भविष्य क्या होगा. अब ये बात अलग है कि ज्योतिषी कितना सही बताता है, कितना गलत. लेकिन DNA रिपोर्ट में मिली जानकारी एकदम सटीक होती है. DNA शरीर का इंस्ट्रक्शन मैनुअल की तरह होता है. जैसा DNA में लिखा होगा, शरीर वैसा ही बनेगा. इसी इंस्ट्रक्शन मैनुअल से सबकुछ डिसाइड होता है. आंखों का रंग क्या होगा? मसल्स कितने स्ट्रॉन्ग होंगे? लंबाई कितनी होगी? सीना कितने इंच का होगा? वगैरह-वगैरह.
आपने जीन सुना होगा. पैंट वाली नहीं, पैरेंट्स वाली जीन. DNA के हिस्सों को जीन कहते हैं. हमारे बहुत सारे फ़ीचर अपने मम्मी-पापा से मैच करते हैं. ऐसा जीन्स के कारण ही होता है, क्योंकि हमारे कई जीन मम्मी-पापा से मिलते-जुलते हैं. मम्मी-पापा के DNA से हमारा DNA तैयार होता है. गौर कीजिए कि हमारा DNA और मम्मी-पापा का DNA एक जैसा नहीं होता. उसके कुछ हिस्से यानी कुछ जीन्स एक जैसे होते हैं. ज्यादा गहरी साइंस में न जाएं तो आप इतना समझ लीजिए कि हमारे शरीर में प्रोटीन का एक स्ट्रक्चर होता है, जो यूनिक है. मतलब ब्रह्मांड में वैसा किसी दूसरे का नहीं होता. बस उसका कुछ हिस्सा हमारे खून के रिश्तेदारों से मिलता-जुलता है. अब आप ऐसा मत समझ लीजिएगा कि डीएनए के जरिए सिर्फ असली रिश्तेदारों का पता लगता है. इससे कई दूसरी बातों की भी जानकारी मिलती है.
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डीएनए ही सही मायने में इंसानी शरीर की असली जन्मकुंडली है.

क्या-क्या पता चलता है DNA टेस्टिंग से?
DNA टेस्टिंग से बॉडी के कई राज सामने आ सकते हैं. हालांकि सामान्य तौर पर इन बातों का पता करने के लिए ये टेस्ट कराए जाते हैं-
# अपराध की जांच करते वक्त मौके पर मिले शरीर के किसी भी जैविक हिस्से ( जैसे बाल, नाखून, वीर्य, थूक, खून आदि) के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि आरोपी मौके पर मौजूद था या नहीं.
# अगर माता-पिता को कोई जैविक बीमारी है तो कहीं वह बच्चे में तो नहीं पहुंच गई. इस बात का पता भी DNA टेस्टिंग के जरिए हो जाता है.
# कोई इंसान जैविक बीमारी का कैरियर है या नहीं, मतलब उसकी जैविक बीमारी बच्चे में जाएगी या नहीं, इसकी जानकारी भी DNA टेस्ट के जरिए मिल सकती है.
# सगे संबंधी या कोई खून का रिश्तेदार है या नही, ये भी पता लगाया जा सकता है.
# किसी के DNA टेस्ट के जरिए यह भी पता लगाया जा सकता है कि उसे किस तरह की बीमारी होने के चांस ज्यादा हैं.
# पालतू और दुधारी नस्लों के जानवरों कितने प्योर हैं, इसकी जांच में भी DNA टेस्टिंग काम आती है.
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सिर्फ सगे संबंधी ही नहीं, कई बीमारियों के होने से पहले पता लगाने में भी डीएनए टेस्टिंग का इस्तेमाल किया जाता है.

कैसे होती है DNA टेस्टिंग?
DNA टेस्टिंग करने के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की प्रयोगशालाएं हैं. सरकारी लैब आपराधिक मामलों और सरकारी आदेश पर ही DNA टेस्ट करती हैं. लेकिन प्राइवेट DNA लैब्स में घर बैठे टेस्टिंग कराई जा सकती है.
# टेस्टिंग के लिए आपके सैंपल लेने होते हैं. इसमें मुंह में गालों के भीतर की तरफ एक स्वाब (रुई लगी एक छोटी लकड़ी) को अच्छी तरह से रगड़कर डिब्बी में रख दिया जाता है.
# इसके अलावा, एक प्रिक किट भी होती है. इसकी सूई हाथ की उंगली में चुभाकर थोड़ा सा खून निकाला जाता है. उसे टेस्टिंग किट में पैक कर देते हैं.
# कई बार ये किट खुद मंगवाकर सैंपल दिए जा सकते हैं. खास रिक्वेस्ट पर सैंपल कलेक्ट करने के लिए लैब से कर्मचारी भी बुलाया जा सकता है. हालांकि उसका चार्ज अलग से पड़ता है.
# अगर कोर्ट के जरिए DNA टेस्टिंग का आदेश आता है, तो इसके लिए सक्षम अधिकारी के सामने सैंपल लिए जाते हैं.
# अगर किसी खास बीमारी या अजन्मे बच्चे में जैविक बीमारी के बारे में पता करना हो तो अलग तरीके से टेस्ट के सैंपल कलेक्ट किए जाते हैं, इसमें
# नस से खून निकालना
# बोन मैरो (अस्थि मज्जा) का सैंपल लेना
# इसके अलावा, एम्नियोसेंटेसिस (Amniocentesis) प्रक्रिया में गर्भाशय से भ्रूण अवरण द्रव (Amniotic fluid) का सैंपल लिया जाता है.
टेस्ट के बाद क्या होता है?
घर बैठे टेस्ट कराने में कोई दिक्कत नहीं है. आम DNA टेस्ट में उसी दिन अस्पताल से घर भेज दिया जाता है. हालांकि, अगर अस्थि मज्जा (बोन मैरो) से सैंपल निकाला गया है, तो रातभर अस्पताल में रुकना पड़ सकता है.
कहां-कहां हैं DNA टेस्टिंग सेंटर?
अगर आप किसी बड़े शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, लखनऊ, नोएडा जैसी जगह पर हैं तो इंटरनेट पर सर्च करते ही आसपास के टेस्टिंग सेंटर दिख जाएंगे. 5 साल पहले बड़े राज्यों की राजधानी में ही ऐसे टेस्टिंग सेंटर होते थे, लेकिन अब कई प्राइवेट सेंटर भी खुल चुके हैं.
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देश के तकरीबन सभी बड़े शहरों में अब डीएनए टेस्टिंग की लैब खुल गई हैं.

कितनी देर में टेस्ट का रिजल्ट आता है?
लैब दावा जरूर करते हैं कि एक हफ्ते के भीतर DNA टेस्ट की रिपोर्ट मिल जाती है, लेकिन कई बार 10 दिन का वक्त लग जाता है. खास बीमारियों को लेकर की जाने वाली जांच में 2-3 हफ्ते का भी वक्त लग जाता है.
कितना खर्च आता है?
हमने 'इंडिया बायो साइंस' और 'DNA लैब्स इंडिया' नाम की दिल्ली की लैब से टेस्ट की कीमतों के बारे जानकारी जुटाई. वेबसाइट पर सैकड़ों तरीके की DNA टेस्टिंग की रेट लिस्ट मिली. टेस्ट 6 हजार रुपए से शुरू होकर 2 लाख रुपए तक जाते हैं. हालांकि ज्यादातर टेस्ट 15-20 हजार के बीच ही मिले.
तो क्या DNA टेस्ट करा ही लेना चाहिए?
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जब तक कोई गंभीर बीमारी या जटिल समस्या न आ रही हो, DNA टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है. जब डॉक्टर कहे, तभी टेस्ट कराएं. हालांकि अब इसे वेलनेस इंडस्ट्री की तरह भी प्रमोट किया जा रहा है. ऐसे सेंटर भी खुल गए हैं, जो जीन के हिसाब से बताते हैं कि आप क्या खाएं, कैसी एक्सरसाइज करें, कैसे शख्स से शादी करें आदि.

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