दिल्ली में कोविड-19 की एक और लहर को कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है. इस दौरानएक घटना देखने को मिली. बीती 5 अप्रैल को दिल्ली के हौजखास इलाके में मास्क पहननेको लेकर एक सिविल डिफेंस वॉलेंटियर और एक राहगीर आपस में भिड़ गए. बात बढ़ गई तोवॉलेंटियर ने राहगीर पर बेल्ट से वार कर दिया. ये देख आसपास के लोग राहगीर केसमर्थन में आ गए. फिर उन्होंने भी वॉलेंटियर्स के साथ मारपीट की. सोशल मीडिया परघटना के दो वीडियो वायरल हो गए. आप भी देखें. #UPDATE: Police found another video during investigation when the 20-year-old studentalong with passersby attacked the civil defence volunteers. Cross FIRs have beenregistered at Hauz Khas police Station. @IndianExpress, @ieDelhipic.twitter.com/YrK7SSuIzs— Mahender Singh Manral (@mahendermanral) April 6, 2021कइयों ने इस घटना के दोनों पक्षों की निंदा की तो कुछ लोगों ने ये सवाल कियाकि आखिर ये सिविल डिफेंस वॉलेंटियर कौन होते हैं? इनका काम क्या होता है?वगैरा-वगैरा. तो चलिए हम आपको बताते हैं.क्या है सिविल डिफेंस?भारत में सिविल डिफेंस यानी नागरिक सुरक्षा की शुरुआत साल 1962 में हुई थी. येभारत-चीन युद्ध का समय था. युद्ध के दौरान देशी की आंतरिक व्यवस्था में कोई परेशानीपैदा ना हो, इसके लिए सिविल डिफेंस की स्थापना की गई थी. आगे चलकर मई 1968 में TheCivil Defence Act, 1968 (Act 27 of 1968) लागू किया गया था.सिविल डिफेंस का उद्देश्य है देश के लोगों की सुरक्षा करना. भारतीय फौज बाहरी खतरोंसे देश को बचाती है. पुलिस कानून-व्यवस्था के तहत नागरिकों की रक्षा करती है.वहीं, सिविल डिफेंस का काम है लोगों की जान बचाना. संपत्ति के नुकसान को रोकना. औरजनता का मनोबल ऊंचा रखना.ड्यूटी पर दिल्ली का एक सिविल डिफेंस वॉलंटियर. (तस्वीर- पीटीआई)क्या करते हैं वॉलेंटियर्स?सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स कई तरह के काम करते हैं. इनमें से कुछ हैं- #सफाईअभियानों में हिस्सा लेना #पल्स पोलियो अभियान में हिस्सा लेना #प्रदूषण मुक्तिअभियान चलाना #आग लगने के दौरान बचाव कार्य में मदद करना #रक्तदान शिविरों का आयोजनकरना #गम्भीर दुर्घटनाओं/आपदाओं में मदद करना #अन्य स्थानीय मामलों में किसी प्रकारकी भूमिका निभाना दिल्ली की बात करें तो यहां सिविल डिफेंस वॉलेंटियर बसों मेंमहिला सुरक्षा के लिए मार्शल के रूप में भी काम करते हैं. पहले इस काम के लिएवॉलेंटियर्स को केवल भत्ते आदि दिए जाते थे. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने इन लोगों कोपैसे देने भी शुरू कर दिए हैं. अब जिस दिन वॉलेंटियर की ड्यूटी लगाई जाती है, उसदिन के उसे 723 रुपये दिए जाते हैं. साथ ही, दैनिक भत्ते के रूप में 40 रुपयेरोजाना दिए जाते हैं.कैसे बनते हैं सिविल डिफेंस वॉलेंटियर?इसके लिए पहली शर्त ये है कि आवेदन करने वाला भारत का नागरिक हो. इसके अलावा नेपालीऔर भूटानी मूल के नागरिक भी सिविल डिफेंस वॉलेंटियर बन सकते हैं. वॉलेंटियर बनने केलिए आवेदक की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. महिला या पुरुष कोई भी वॉलेंटियर बनसकता है. साथ ही ये शर्त भी है कि आवेदन करने वाले ने प्राइमरी तक की पढ़ाई की हो.इसके अलावा, #आवेदक का शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना जरूरी है. #वो जहां नौकरीकरता हो वहां से NOC लेनी जरूरी है. किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है? -आइडेंटिटी प्रूफ - वर्तमान और स्थायी एड्रेस प्रूफ - डेट ऑफ बर्थ प्रूफ - एजुकेशनलसर्टिफिकेट - पासपोर्ट साइज फोटो वॉलेंटियर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है. इनकोट्रेनिंग और लीड करने वाले स्टाफ को सैलरी व अन्य भत्ते आदि दिए जाते हैं. येडिप्टी कंट्रोलर्स, मेडिकल ऑफिसर्स और सीडी कंट्रोलर्स फुल टाइम नौकरी पर होते हैं.देश के हर जिले में सिविल डिफेंस मौजूद है और कई प्रकार के आदेशों को लागू करने मेंशासन-प्रशासन की मदद करता है. देशभर में 5 लाख 38 हजार वॉलेंटियर्स हैं. अकेलेदिल्ली में ही 55 हजार से अधिक सिविल डिफेंस वॉलेंटियर काम कर रहे हैं.सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स क्या कर सकते हैं और क्या नहीं, इसे लेकर स्पष्ट गाइडलाइंसनहीं हैं. उनकी वर्दी को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. इस मामले में ताजा खबर येहै कि बीजेपी ने दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल से मांग की है कि राजधानी मेंतैनात वॉलेंटियर्स की वर्दी का रंग बदला जाए, जो देखने में पुलिस यूनिफॉर्म जैसीलगती है. पार्टी का कहना है कि इसका फायदा उठाकर कई सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स लोगोंको प्रताड़ित करते हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीजेपी ने एलजी से कहा है किकोविड-19 की रोकथाम से जुड़ी सावधानियां लागू करने के नाम पर इन वॉलेंटियर्स द्वारालोगों को परेशान किया जा रहा है. पार्टी के इस कदम को 5 अप्रैल की घटना से जोड़करदेखा जा रहा है.