The Lallantop
X
Advertisement

West Bengal Election Results: नंदीग्राम सीट पर शुभेंदु अधिकारी से जीतते-जीतते हार गईं ममता

आखिर तक चली कांटे की टक्कर.

Advertisement
Img The Lallantop
पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट के परिणामों पर पूरे देश की नजर है. यहां पर सीएम ममता बैनर्जी और टीएमसी से बीजेपी में गए नेता शुभेंदु अधिकारी के बीच मुकाबला है. (फोटो-पीटीआई)
pic
अमित
2 मई 2021 (Updated: 3 मई 2021, 06:27 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
सीट का नाम - नंदीग्राम (Nandigram) (जिला- पूर्व मेदिनीपुर) पश्चिम बंगाल में जिस सीट पर देश भर की निगाहें लगी हुई थीं वह है नंदीग्राम विधानसभा सीट. नंदीग्राम असेंबली सीट (Nandigram Assembly Seat) पर कांटे की टक्कर हुई. इस सीट को लेकर पहले खबर आई कि ममता बनर्जी जीत गई हैं. फिर कुछ देर बाद नया अपडेट आया. नंदीग्राम से ममता बनर्जी ने नहीं बल्कि सुवेंदु अधिकारी ने जीत दर्ज की है. पहले खबरें आईं थीं कि शुभेंदु अधिकारी को ममता बनर्जी ने 1200 वोटों से हरा दिया है. काउंटिंग की शुरुआत से ही नंदीग्राम का मुकाबला कांटे का दिख रहा था. 8वें राउंड तक शुभेंदु अधिकारी आगे चल रहे थे. 16 राउंड की गिनती के बाद ममता बनर्जी शुभेंदु अधिकारी से सिर्फ 6 वोट पीछे चल रही थीं. लेकिन अखिरी के राउंड में खबर आई कि ममता बनर्जी 1200 वोटों से जीत गई हैं. लेकिन बाद में अपडेट आया कि शुभेंदु अधिकारी 1622 वोटों से जीत गए हैं. उनकी जीत के नंबर को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जाते रहे. देर रात इलेक्शन कमीशन ने अपनी वेबसाइट पर नंदीग्राम के नतीजे अपडेट किए और शुभेंदु अधिकारी को 1956 वोटों से विजयी घोषित किया. कौन जीता?शुभेंदु अधिकारी (BJP) कितने वोट मिले: 1,10,764 कौन हारा?ममता बनर्जी (TMC) कितने वोट मिलेः 1,08,808 देर रात तक चला कंफ्यूजन इससे पहले ममता बनर्जी की जीत के बाद हार जाने की खबर से बीजेपी के खेमे में भी प्रतिक्रिया देखी गई. बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट किया
ये बड़ी बात है. राज्य की मुख्यमंत्री नंदीग्राम से चुनाव हार गई हैं. बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी 1622 वोटों से जीत गए हैं. इस करारी हार के बाद क्या ममता बनर्जी को नैतिक रूप से सीएम पर बने रहने का कोई हक है? 
  जल्दी ही केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का ट्वीट भी आ गया. उन्होंने सुवेंदु अधिकारी के बधाई देते हुए लिखा.  
शुभेंदु अधिकारी को नंदीग्राम से जीत पर बधाई, जहां सीएम ममता बनर्जी एक अहम मुकाबला हार गई हैं.
  इस प्रतिक्रिया के कुछ देर बाद ही तृणमूल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट न कंफ्यूजन और बढ़ा दिया. इसमें कहा गया
अभी नंदीग्राम में काउंटिंग पूरी नहीं हुई है. किसी भी तरह के कयास न लगाएं.
कन्फ्यूजन में अगर अभी भी थोड़ी कमी रह गई हो तो ध्यान रखिए कि पहले ख़बर आई थी कि सुवेंदु 1957 वोटों से जीते हैं. बता दें कि नंदीग्राम विधानसभा सीट तमलुक (Tamluk) लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है. शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के सबसे बड़े सिपाहसलार रहे थे. बता दें कि नंदीग्राम से ही ममता बनर्जी का राजनैतिक जीवन की शुरुआत हुई थी. 2009 के बाद से लगातार इस सीट पर टीएमसी का कब्जा बरकरार है. शुभेंदु अधिकारी टीएमसी से बागी होकर बीजेपी में चले गए हैं. इस वजह से इस सीट का गणित पूरी तरह से बदल गया है. कई राउंड तक चला आगे-पीछे का खेल नंदीग्राम विधानसभा सीट पर लोगों की निगाहें काउंटिंग की शुरुआत से ही लग गई थीं. पहले राउंड में ही बीजेपी प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी ने सीएम ममता बनर्जी पर 1497 वोटों की बढ़त हासिल कर ली. शुरुआती राउंड की गिनती के साथ ही शुभेंदु और ममता बनर्जी के बीच वोटों का फासला भी बढ़ता गया. दूसरे राउंड में शुभेंदु 3281 वोटों से आगे निकल गए. हालांकि चौथे राउंड में ममता ने वापसी की. चौथे राउंड में ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी से 4491 वोटों की बढ़त ले ली. पांचवें राउंड के बाद शुभेंदु अधिकारी ने फिर बढ़त बनानी शुरू की, और छठे राउंड तक आते-आते 3462 वोटों की बढ़त बना ली. आठवें राउंड में आते-आते शुभेंदु ममता बनर्जी से 9798 वोट आगे थे. आगे-पीछे का ये खेल 16 राउंड तक चला. इस राउंड में शुभेंदु अधिकारी की ममता बनर्जी पर बढ़त सिर्फ 6 वोटों की रह गई. अब आखिरी राउंड की गिनती बाकी थी. खबर आई कि ममता बनर्जी 1200 वोटों से जीत गई हैं. लेकिन शाम होते-होते खबर आई कि शुभेंदु अधिकारी 1622 वोटों से जीत गए है. सीएम ममता बनर्जी ने समाचार एजेंसी एएनआई को प्रतिक्रिया देते हुए कहा
नंदीग्राम की चिंता मत करिए. मैंने नंदीग्राम में संघर्ष किया क्योंकि मुझे एक आंदोलन लड़ना था. यह ठीक है. नंदीग्राम के लोगों को जो फैसला देना है वो दें, मैं इसे स्वीकार करती हूं. मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. हमने 221 से ज्यादा सीटें जीती हैं और बीजेपी इलेक्शन हार गई है.
और रात होते-होते शुभेंदु ने अपनी जीत की घोषणा कर दी रात को 8 बजे का आसपास शुभेंदु अधिकारी ने अपनी जीत की घोषणा खुद ट्विटर पर कर दी. उन्होंने काउंटिंग के वक्त इस्तेमाल होने वाला डॉक्युमेंट का फोटो ट्वीट करते हुए लिखा
नंदीग्राम की महान जनता का उनके प्यार, भरोसे, आशीर्वाद, समर्थन और मुझे अपना विधायक चुनने के लिए तहे दिल से शुक्रिया. मैं हमेशा उनकी सेवा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा. मैं बहुत आभारी हूं.
उन्होंने जो डॉक्युमेंट शेयर किया है उसमें साफ देखा जा सकता है कि काउंटिंग 19 राउंड तक चली और शुभेंदु अधिकारी ने जीत हासिल की है. इलेक्शन कमीशन ने देर रात शुभेंदु अधिकारी को 1956 मतों से विजयी घोषित किया. हालांकि इससे पहले ही शाम को ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बंगाल की जीत पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि नंदीग्राम के परिणाम से वह संतुष्ट नहीं हैं और कोर्ट में इसे चैलेंज करेंगी. पिछले चुनावों के नतीजे: # साल 2016 में हुए विधानसभा में अधिकारी शुभेंदु अधिकारी ने सीपीआई के अब्दुल कबी को हराया था. 134623 (66.79%) वोट सुवेंदु को मिले थे. वहीं अब्दुल कबी को 53,393 (26.49%) वोट लोगों ने दिया. जीत का अंतर 40.3 प्रतिशत यानी 81,230 था. # 2011 में इस सीट पर टीएमसी की फिरोजा बीवी ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 103,300 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे सीपीआई के प्रत्याशी परमानंद भारती को 59,660 वोट मिले थे. दोनों के बीच 43 हजार 640 वोटों का अंतर था. सीट ट्रिविया # 2007 में वाम सरकार ने नंदीग्राम में एक पेट्रोकैमिकल कंपनी को जमीन देने की कोशिश की. ममता बनर्जी के नेतृत्व में भारी विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान हुई पुलिस फायरिंग 14 लोगों की जान चली गई. # नंदीग्राम में करीब 30 प्रतिशत मुसलमान और 70 प्रतिशत हिंदू हैं. ऐसे में ध्रुवीकरण का फायदा सीधे तौर पर शुभेंदु अधिकारी को मिल सकता है. # नंदीग्राम सीट एक दौर से लेफ्ट के मजबूत गढ़ हुआ करता था. लेकिन इस सीट पर साल 2009 से टीएमसी का कब्जा रहा है. # पश्चिम बंगाल के राजनीतिक इतिहास में भी नंदीग्राम का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. स्वतंत्रता के पहले भी नंदीग्राम ने अपने उग्र आंदोलन के कारण ब्रिटिश शासन को झुकाने में सफल रहा था. नंदीग्राम को अंग्रेजों से दो बार आजादी मिली. # 1947 में देश की स्वतंत्रता से पहले तामलुक को अजय मुखर्जी, सुशील कुमार धारा, सतीश चंद्र सामंत और उनके दोस्तों ने नंदीग्राम के लोगों की मदद से अंग्रेजों से कुछ दिनों के लिए मुक्त कराया था.

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement