NEET-JEE के बाद बैंकिंग के इस बड़े एग्जाम को लेकर परेशान हो रहे हैं स्टूडेंट, जानिए क्या है मामला
दो दिनों के भीतर दो अलग-अलग नोटिसों ने बढ़ाईं मुसीबतें
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बढ़ते कोरोना केसेज के बीच स्टूडेंट्स दूसरे शहरों में एग्जाम देने पहुंच रहे हैं. तस्वीर 6 सितंबर को लखनऊ में हुए एनडीए एग्जाम में जमा स्टूडेट्स की है.
कोरोना काल, एक और नौकरी का एग्जाम, एग्जाम देने वाले फिर परेशान. इस बार मामला बैंकिंग के महत्वपूर्ण एग्जाम IBPS PO का है. देशभर से लोग ट्विटर पर पीएम मोदी से लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इस उम्मीद में कि शायद कोई उनकी परेशानी सुन ले. आइए बताते हैं, क्या है इस नए एग्जाम की गुत्थीःक्या है ये IBPS PO का एग्जाम?
देशभर में बैंक से जुड़े कर्मचारियों के लिए एग्जाम कराने की जिम्मेदारी IBPS यानी Institute of Banking Personnel Selection की है. अलग-अलग सर्विसेज के लिए ये इंस्टिट्यूट कैंडिडेट चुनने का एग्जाम कराता है. हर साल इनके एग्जाम में लाखों लोग हिस्सा लेते हैं. इन्हीं में से एक एग्जाम बैंक पीओ या प्रॉबेशनरी ऑफिसर का होता है. बैंकिग सर्विस में डायरेक्ट सलेक्शन से होने वाला यह सबसे बड़ा पद होता है. इसके ऊपर के बैंक अधिकारी या तो प्रमोट होकर या रैंकर एग्जाम के जरिए ऊंचे पदों पर जाते हैं. आईबीपीएस हर राज्य के बैंकों के लिए अलग-अलग वैकेंसी निकालता है. मिसाल के तौर पर अगर एमपी में पीओ की 2000 वैकेंसी हैं तो इसका अलग से फॉर्म निकलता है और राजस्थान के लिए अलग से. यह एग्जाम पूरे देश में कोई भी प्रतिभागी दे सकता है. ऐसे में हर साल अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स भी भारी संख्या में दूसरे राज्यों में एग्जाम देने जाते हैं.
इस बार मामला कहां फंसा है?
यूपी में आयोजित होने वाली आईबीपीएस के प्री एग्जाम पर पेच फंस रहा है. पीओ के लिए प्री, मेंस और इंटरव्यू मिलाकर तीन चरणों में एग्जाम होते हैं. इस एग्जाम के जरिए देशभर में पीओ और दूसरे पदों पर 6000 से ज्यादा भर्तियां होनी हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 700 वैकेंसी यूपी में हैं. ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स ने यूपी में एग्जाम देने में रुचि दिखाई है. एक अनुमान के मुताबिक, सिर्फ यूपी में ही तकरीबन 2 लाख और देशभर में 5 लाख स्टूडेंट्स ये एग्जाम दे रहे हैं. एग्जाम 12, 13, 19 और 26 सितंबर को होना तय हुआ है. अक्सर ज्यादा कैंडिडेट्स होने की वजह से दो वीकेंड पर एग्जाम रखे जाते हैं.
झारखंड के स्टूडेंट अभिषेक सिंह ने लल्लनटॉप को बताया-
हम पिछले एक महीने से आईबीपीएस ऑफिस में फोन मिलाकर एग्जाम का स्टेटस जानने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह सिर्फ वेबसाइट से सूचना लेने की बात कह रहे थे. 7 सितंबर को आईबीपीएस ने नोटिस निकालकर सूचना दी कि 12-13 सितंबर का एग्जाम फिलहाल नहीं हो रहा है. कई लोगों ने अपने ट्रेन टिकट भी कैंसल कर दिए. 8 सितंबर की शाम आईबीपीएस की तरफ से फिर एक नोटिस जारी किया गया. इसमें कहा गया कि स्टूडेंट अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लें और 12-13 सितंबर को एग्जाम देने पहुंचें. हर बार अमूमन एडमिट कार्ड डाउनलोड करने और एग्जाम के बीच 8-10 दिन का वक्त मिलता था. अब हमें समझ नहीं आ रहा, हम क्या करें.

7 और 8 सितंबर के वो 2 नोटिस, जो स्टूडेंट्स की परेशानी का सबब बने हुए हैं.
अभिषेक की तरह कई स्टूडेंट्स हैं, जो एग्जाम देने दूसरे राज्यों में जाते हैं. हर राज्य में कोरोनो को लेकर अलग-अलग तरह की पाबंदियां हैं. ऐसे में स्टूडेंट एग्जाम आगे बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं. कुछ स्टूडेंट्स ट्विटर पर रेलमंत्री और पीएम मोदी से दखल देने की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि वो एग्जाम देने को तैयार हैं लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, जिससे वो एग्जाम देने वक्त पर पहुंच सकें.
ऐसा ही कुछ वेस्ट बंगाल की ट्विटर यूजर @DeShramana का कहना है -
मुझे सिर्फ 3 दिन का वक्त दे कर 300 किलोमीटर दूर के सेंटर पर एग्जाम देने को कहा गया है. यहां पर न कोई कैब है, न कोई ट्रेन. ऐसे में मैं कैसे एग्जाम देने पहुंच पाऊंगी. एग्जाम को आगे बढ़ाया जाए.
#injustice_IBPSRRBPO2020
— #bankingaspirant (@DeShramana) September 9, 2020
Please give us resolution@PMOIndia
@AmitShah
@IBPSupdates
@MamataOfficial
pic.twitter.com/EPIpV7pX8h
फिलहाल ट्विटर पर स्टूडेंट #IBPSRRB, #ibpsrrbpostpone जैसे ट्रेंड चला रहे हैं. इस भरोसे में कि एग्जाम को आगे बढ़ा दिया जाए ताकि वो कोई इंतजाम करके सेंटर पर पहुंच सकें और उनका एक साल बर्बाद होने से बच जाए.
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