तारीख: फैरो के 10 किलो सोने के मुकुट का क्या हुआ? खजानों को कब्र में क्यों छुपाया जाता था?
तूतनखामन के सोने और कब्र के लूटेरों की पूरी कहानी.
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बीसवीं सदी के पहले साल की बात है. ब्रिटिश आर्कियोलॉजिस्ट हावर्ड कार्टर आसवान में एक टूर ड्यूटी पर गए थे. यही हावर्ड बाद में तूतनखामन (Tutankhamun) के प्रसिद्ध मकबरे को खोजने के लिए जाने जाएंगे. मिस्र में अब तक मिली सबसे साबुत कब्रगाह. खैर साल 1901 के नवंबर महीने में- हावर्ड को लक्जर से एक बेहद जरूरी बुलावा आता है. बताया जाता है, राजा अमनहोटेप- द्वितीय, की प्राचीन कब्रगाह लूट ली गई है. नाकाबपोश लोग बंदूक लिए आए और मकबरा लूटकर ले गए. पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो देखें.